Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, 6 अक्तूबर 2019
जैसे निखरे
गुलदस्ता परिवार का बँधा रहे
कभी भी ये न बिखरे
हर रंग के फूल हों खिले
उनकी सुगंध चहुँ ओर बिखरे
ओसकण हीरे जैसे निखरे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें