दिल की क़शमक़श और उलझनों में
उम्मीद की अपनी मैंने ढाल बनाई है
जिंदगी तुझसे आगे निकलने को
मैंने भी तो अपनी रफ्तार बढ़ाई है
तुझसे खेलने में मज़ा आने लगा है
जीतने के लिए हौसला अफ़्जाई है
माना कि कुछ पल ग़म के मिले हैं
सुनहरे पलों ने कीमत चुकाई है
@मीना गुलियानी
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