वसन्तऋतु में फूल को खिलना था
यह सब होने देना था
पत्तों को पतझड़ में बिखरना था
इनको बिखरने देना था
नए फूलों में कोंपलों का फूटना था
इनको फूटने देना था
पतझड़ में डालियों को टूटना था
इनको टूटने देना था
पुराने पत्ते डालियों से टूटकर गिरेंगे
तभी तो नए फूल खिलेंगे
@मीना गुलियानी
यह सब होने देना था
पत्तों को पतझड़ में बिखरना था
इनको बिखरने देना था
नए फूलों में कोंपलों का फूटना था
इनको फूटने देना था
पतझड़ में डालियों को टूटना था
इनको टूटने देना था
पुराने पत्ते डालियों से टूटकर गिरेंगे
तभी तो नए फूल खिलेंगे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें