हिफाजत कीजिये अपने हुनर की
बहुत मुश्किल से इसको पाया है
जब जब मुसीबत सर पे पड़ी
इन्हीं हुनरों ने मुझे बचाया है
हँसना सीखा ग़मों की गर्दिश से
दुनिया ने तो मुझे सताया है
जब ठोकर मुझे जहाँ की लगी
हौंसले से सुकून हुनर पाया है
चातक की पीहू पीहू रटन से ही
प्यार करने का हुनर पाया है
शमा पे कैसे जले है परवाना
जान देने का हुनर पाया है
कभी दामन फैलाना न पड़े
आजीविका का हुनर पाया है
किस्मत ने मुझे आजमाया है
जिंदगी जीने का हुनर पाया है
@मीना गुलियानी
बहुत मुश्किल से इसको पाया है
जब जब मुसीबत सर पे पड़ी
इन्हीं हुनरों ने मुझे बचाया है
हँसना सीखा ग़मों की गर्दिश से
दुनिया ने तो मुझे सताया है
जब ठोकर मुझे जहाँ की लगी
हौंसले से सुकून हुनर पाया है
चातक की पीहू पीहू रटन से ही
प्यार करने का हुनर पाया है
शमा पे कैसे जले है परवाना
जान देने का हुनर पाया है
कभी दामन फैलाना न पड़े
आजीविका का हुनर पाया है
किस्मत ने मुझे आजमाया है
जिंदगी जीने का हुनर पाया है
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें