तुम्हें अपना समझते थे
तो सबसे दूर ही रहते थे
दिल में तुम ही बसते थे
तुम्हीं पे जां छिड़कते थे
ख़ुशी के फूल खिलते थे
हर पल हँसते ही रहते थे
ग़मों से दूर हम रहते थे
जुदा जब हो गए तुमसे
वो सपने छिन गए हमसे
वो मौसम रूठ गया हमसे
@मीना गुलियानी
तो सबसे दूर ही रहते थे
दिल में तुम ही बसते थे
तुम्हीं पे जां छिड़कते थे
ख़ुशी के फूल खिलते थे
हर पल हँसते ही रहते थे
ग़मों से दूर हम रहते थे
जुदा जब हो गए तुमसे
वो सपने छिन गए हमसे
वो मौसम रूठ गया हमसे
@मीना गुलियानी
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