Meena's Diary
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शनिवार, 21 नवंबर 2020
रात बढ़ती हुई
रात बढ़ती हुई पैगाम देती है
दिल दिमाग को राहत देती है
सबसे ग़ाफ़िल मंजिल पाती है
@मीना गुलियानी
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