सोमवार, 21 दिसंबर 2020

तुम्हारी तरफ से

लगता प्यार है बेशुमार तुम्हारी तरफ से 

हम भी खड़े हैं कतार में इस तरफ से  

 लगता प्यार है बेज़ार तुम्हारी तरफ से 

हम भी खड़े  हैं कतार में इस तरफ से 

यही जवाब है तुम्हारा

यही जवाब है तुम्हारा 

हम समझे नहीं इशारा 

कैसा है प्यार तुम्हारा 

देखो कुदरत का इशारा 

 देखो पलटकर दुबारा 

घूमने निकले हैं हम

घूमने निकले हैं हम 

नहीं थमते ये कदम 

चाहें सब पा लें हम 

तुझे उल्फत की कसम 

यूँ न रूठो मेरे हमदम  

रविवार, 20 दिसंबर 2020

चाँद तुम्हारी ख़ामोशी

चाँद तुम्हारी ख़ामोशी

 दिल पे गजब ढायेगी  

नई इबारत लिखेंगे 

नया  अफसाना कहेगी 

मन में दीप जलायेगी 

नई चेतना जगाएगी 

जीवन रोशन करेगी 

जीवन में प्रतिभा आएगी 

जीने का अंदाज़ बदलेगी 

अंतर्मन प्रकाशित करेगी 

ज्ञान कभी घटता नहीं

ज्ञान कभी घटता नहीं 

बाँटने से बढ़ता है 

जितना बांटोगे बढ़ेगा 

नई बातें भी सीखेंगे 

कोई नई दिशा मिलेगी  

प्यार न सही

प्यार न सही 

मीठा  बोलोगे 

वही काफी है 

जीने का अंदाज़ 

हम बदल देंगे 

जीना सीख लेंगे  

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

क्या रुक नहीं सकते ह

क्या रुक नहीं सकते हम  

लहरों में आया तूफ़ान 

आसमा से कोहरा उतरा 

धरा पे चादर सी बिछी 

हाथ को हाथ न दीखता 

सर्दी से बदन कांप उठा

पग उठाना  भी मुश्किल 

अच्छा होगा यही रुक जाएँ 

कुछ कर गुज़रना है

कुछ कर गुज़रना है 

पानी में रवानी है 

रुत भी मस्तानी है 

होसलो में है तूफ़ान 

थाम पार उतरना है  

एक आदत नहीं बदलती

एक आदत नहीं बदलती 

तुम्हारा जफ़ा करना और 

मेरा वफ़ा करते रहना  

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

शिखर पर पहुँच कर भी

शिखर पर पहुँच कर  भी  

उनका व्यक्तित्व न बदला 

हमारी नज़रों के सामने 

वो बहुत ऊँचा उठ गया 

जिन्हें हम दिल में रखते हैं

जिन्हें हम दिल में रखते हैं 

उनसे कुछ कह नहीं पाते हैं 

जमाने भर के आगे दुखडो को 

दिल खोलकर हम बताते हैं  

कहानी हमारी ज़रा अलग है

ये माना किताबों में तुम्हारा ज़िक्र है 

फिर भी कहानी हमारी ज़रा अलग है  

चाँद हमारा है

चाँद हमारा है सभी ये सोचके प्यार करें 

ईद का चाँद सबका है आओ दीदार करें  

दिल में चाहत रखना

दिल में चाहत रखना पैगामे मुहब्बत आए 

कौन दूर जाएगा जमाने में उल्फत के लिए  

कौन सोचता है

कौन सोचता है बीमारे दिल का इलाज 

नज़रे कर्म काफी है बीमारे दिल के लिए  

बुधवार, 16 दिसंबर 2020

अँधेरा खिल गया था

अँधेरा खिल गया था क्योंकि तुम मिल गई थी 

तुम्हाता मुख पूर्णमाशी के चंदा की तरह है 

तुम्हारी मुख की कान्ति और उस पर सुंदर 

चमकती सितारों भी साडी सुंदरता बढ़ाती है  

@मीना गुलियानी 

तुम्हारी बातों की गर्माहट

तुम्हारी बातों की गर्माहट सर्दी में राहत देती है 

 तुम्हारी बातें इतनी लुभावनी होती हैं कि दिल 

चाहता है कभी खत्म न हों चाय पानी चलती रहे 

बातों का सिलसिला कभी खत्म न हो मन में 

प्रेम की कल कल ध्वनि बहती रहे गर्माहट रहे 

रिश्तों पर न बर्फ जमे

रिश्तों पर न बर्फ जमे, ये देखना जरूरी है 

आजकल रिश्तों में दरारें पड़ना आम बात है 

सबको सिर्फ अपने स्वार्थ से काम है वरना 

रिश्तों की डोरी में अनगिनत गांठे पडी हैं 

हमें हर पल  देखना जरूरी है रिश्तों पर बर्फ 

न जमे कभी दिखावटी न हों नेकी करते चलो 

@मीना  गुलियानी 


तुम्हारी बातों की गर्माहट

 तुम्हारी बातों की गर्माहट ही मेरा मन बेसुध कर देती है 

मिलने की तो बात ही अलग है तुमसे बात करके मन को 

बहुत सुकून मिलता है तुम्हारा साथ मिले तो रसमय 

रिश्ता और गहरा हो जाता है अपनत्व यूँ ही बनाये रखो 

@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

,कीका,

आज मेरे पोते के पाँव ख़ुशी के मारे  जमीन पर न पड़ रहे थे जिसकी वजह घर पर सबने उसको बहुत समझाया था 

लेकिन तो अपनी डिमांड से पीछे नहीं हट रहा था कि मुझे एक ब्रीड वाला कुत्ता चाहिए।  ऐसा नहीं कि कुत्ते कभी पाले नहीं लेकिन महामारी भी फैली हुई है ये सोचकर भी हम थोड़ा सा देर से दिलाना चाहते थे।  कुत्ते का प्रसंग जुबां पर आते ही वो बहुत खुश हो जाता था। कोई और बात चल रही होती तो अपने आप कमरे से बाहर नज़र आता था। जबसे लॉक डाउन शुरू हुआ था तबसे उसने कुत्ता पालने की जिद पकड़ रखी थी।  उसने तो नाम भी सोच रखे थे जैसे ब्रूनो ,लुई , जेज ,किड ,लाडो रॉकी ,कीका,आदि।  


आज वो शुभ घड़ी आ गई उसकी आंखे बंद थी आँखें खुलते ही जैसे उसने कीका को अपने कमरे में देखा खुश होकर वो उससे लिपट गया कीका नाम भी उसी ने सुझाया।  एक ही दिन में कीका ने सबका मन जीत लिया अभी वो मात्र २६ दिवस का ही कुत्ता था लेकिन उससे पालना स्वीकार कर लिया।अपने सारे दोस्तों से भी उसको मिलवाया।  छोटे गेम भी खिलवाये गए।  जेसे बॉल पकड़कर लाना गाजर सूंघना फिर पकड़कर लाना।  उससे भी गेम में मज़ा आने लगा सभी बच्चे उसके भी दोस्त बन गए।  कीका तो आज हीरो बन गया था। वो तो प्यार करना चाहता था। उसके पंजे के नाख़ून बड़े थे डाक्टर से पूछकर कटवाने भी थे।  हल्की फुल्की खरोंच किसी को लग जाती थी। सब बच्चो  को समझा दिया था अभी इसके पास ज्यादा मत जाना दूर से ही हल्का प्यार करना।  


जब कीका सब बाते समझा जाता और बच्चे भी समझ जाते थे तो उसे ट्रीट मिलती थी जो कि इसका स्पेशल भोजन था वो दिया जाता था इना की ममी की ममी की ममी म के तोर पर दिया जाता था। कीका भी उसको पाकर गोळ गोळ घूमने लगता था। सबसे अच्छी बात यह लगी कि उसका खाने का बॉक्स जिसमे दो स्टील के कटोरे थे एक उसका बेडिंग भी लेकर आये।  दस दिन के बाद उसका वेक्सिनेशन होना था।  अभी तो नेरोलेक देते थे फिर गाजर का टुकड़ा उससे वो खेलता था।  अपनी खाने की कटोरे उसकी पहचान में आ चुके थे।  उसको हम कहते थे कीका फ़ूड ले लो वो दौड़ता हुआ आ जाता था। अजब समझ थी उसकी भी कि अपने तो तो बिस्तर तो गीला नहीं करता था बिस्तर से कूदकर बाहर निकल  कूँ कूँ करने लगता था उसी समय उसे बाहर ले जाते थे या गैलरी में तब वो सुसु /पोटी करता था। इस उम्र भी इतनी समझ भी लाजवाब थी। धीरे धीरे हेडशेक करना सीख गया था।   सबको पहचानने लगा था उसे कहते ममी पास जाओ तो नेशू  की ममी के पास खड़ा हो जाता था उनके पास जाकर हाथ पैर चाटने लगता था। पापा कहते ही पापा के पाास दौड़कर चला जाता तथा वो उसके कानो के पास गर्दन के पास सहलाते थे वो भी बड़े मजे से उनके पैरों के पास पड़ा रहता था। प्रेम की अनुभूति तो जानवर भी करते हैं। 

 आज वेक्सिनेशन का  वो डाक्टर के पास  घबरा गया था जब उसके हाथ  सुई देखी तो बेटे ने डाक्टर की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हुए उसको अपने साथ सटा  लिया कीका के सर पर धीरे धीरे हाथ फेरते गए तकि ज्यादा शोर न मचाये फिर भी इजेक्शन के वक्त तो वो जोर से चिल्लाया फिर उसको खूब प्यार किया बहुत पुचकारा धीरे धीरे वो जाके नार्मल हुआ हमें तो यह डर भी लग रहा था कि डाक्टर को ही न कहीं  सुई चुभ न जाए।  अब खतरा टल गया था कीका डाक्टर को घूरे जा रहा था क्योंकि उन्होंने सुई लगाई थी।  अब वो घर जाने के लिए गोद में  भी मचल रहा था।  डाक्टर से जरूरी हिदायतें समझकर हम लोट आये। 


घर पर आकर उस दिन थोड़ा गुमसुम सा वो पड़ा रहा।  जाहिर सी बात है की इतना बड़ा इंजेक्शन लगवा कर जो आया था।  उस दिन घर आकर खाना भी कम ही खाया था। शाम होने पर वो सब कुछ भूल गया था फिर बच्चो के साथ खेलने लगा। अब धीरे धीरे उसने गले में पट्टा पहनना सीख लिया।  अब वो पट्टा पहनकर घर से बाहर जाता था एक पतली जंजीर भी नेशु के हाथ में होती थी।  अब रोज़ इसी तरह हँसते खेलते वक्त कट रहा था घर पर एक सदस्य बढ़ गया था जो सबका प्यारा था। 

@मीना गुलियानी 

तुम कहो और हम न माने

तुम  कहो और हम न माने ऐसा कभी नहीं हो सकता 

वो दिन कभी भी न आएगा जब कभी तुम्हारी अवज्ञा हो 

मेरा दिन और रात तुम्हारे कहने से ही होती है हर बात 

तुम्हीं से शुरू होती है तुम्हीं पे खत्म होती है रोज़ ही 

तुम्हारे दीदार को आँखें तरसती हैं तुम आते हो तो 

सूरज लेकर आते हो जाते समय खूबसूरत चाँद मुझे 

देकर जाते हो ये क्या छोटी सी बात है तुम ही एक 

करिश्मा हो मेरी जिंदगी का मैं पग़ वंदन करती हूँ 

@मीना गुलियानी  

रविवार, 13 दिसंबर 2020

क्यों बार बार

क्यों बार बार निगाहें पलटकर 

फिर से तुम्हें देखना चाहती हैं 

क्यों  दिल की धड़कन तेज़ हो 

जाती है तुम्हारे बदन से चंदन 

की खुशबु मन में बस जाती है 

सारी शिकायतें भूल जाती हैं 

मन तुम्हें पुकारता है ख्यालों में 

तुम्हें बसाना चाहता है क्यों तुम्हें 

पता नहीं चलता रुक्ते  क्यों नहीं 

@मीना गुलियानी 

जीवन की तस्वीर तो देखो

जीवन की तस्वीर तो देखो 

इसमें इंद्रधनुष जैसे रंग हैं 

मज़े की बात यह है कि 

ये रंग हमने खुद भरे हैं 

जीवन में कहीं ऊँचाई  

कहीं समतल  कहीं गहराई 

कहीं रेगिस्तान कही ढलान 

जीवन में ऐसे ही रिश्तों के 

रंग भी हैं हँसी ,रोना ,ख़ुशी 

गम इन सबसे भरपूर है 

इन सबको देखकर हैरानी है 

@मीना गुलियानी 

जिंदगी को देखना

जिंदगी को देखना कोई मज़ाक नहीं 

इसे अच्छी तरह से देखोगे तो ये भी 

तुम्हें देखकर मुस्कुराएगी ये तो 

तुम्हारा ही प्रतिरूप हे आईना है 

तुम्हें देखकर खुश होगी अगर उदास हो 

तो ये भी दुखी होगी तुम्हारा प्रतिबिम्ब 

ही है सारी  दुनिया की ख़ुशियाँ तुम 

जिंदगी में समेट लो फिर तो सारे 

ही दुःख तुमसे दूर हो जाएंगे जिंदगी 

तुमसे बातें करेगी तुम्हारी सहेली बनेगी 

@मीना गुलियानी  

शनिवार, 12 दिसंबर 2020

जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है

मुझे  जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है 

लेकिन ये बंदिश भी मुझे तुम्हारे प्रेम से है 

जो अपनी तरफ खींच लेती है ये कशिश है 

जो मुझे जीने की आरजू लगती है वरना 

इस तरह कोई कैसे बंदिश में रहेगा मगर 

मुझे तुम्हारी ये कैद पसंद  है क्योंकि एक 

पंछी को जैसे अपने पिंजरे से मोह होता है 

उसी तरह इस बंदिश से मोह गया है 

@मीना गुलियानी 

ये जानते हुए भी पहचानते हुए भी

ये जानते हुए भी पहचानते हुए भी 

मैंने तुमसे नाता नहीं तोड़ा क्योंकि 

तुम्हारा दिल नहीं तोड़ना चाहा था 

चाहे तुम सच मानो या झूठ इसमें 

मेरी क्या गलती है कभी सोचा है 

हर बार मुझे ही क्यों दोषी मानते हो 

कभी खुद अपनी गलती भी मानो 

@मीना गुलियानी  

मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

दिसंबर तुम्हारा स्वागत है

दिसंबर तुम्हारा स्वागत है 

वक्त भी कैसे गुज़र गया 

पूरा साल खत्म होने को है 

अब जनवरी भी आयेगी 

जैसे पहले आई थी नए 

साल को नए वादों के साथ 

 तुम्हारे बाद फिर आयेगी  

इस साल तो महामारी की 

चपेट में देश आया सोचते हैं 

तुम्हारे आने से महामारी का 

भी अंत हो जाए फिर अगला 

साल खुशियों भरा आये जो 

सकंट मिटाये सुखमय हो 

@मीना गुलियानी 

वक्त नहीं गुज़रता

वक्त नहीं गुज़रता बिन तेरे 

काश तुम लौट आते सवेरे 

काम तो चलते ही रहेंगे 

सोचो तन्हा कैसे हम रहेंगे 

@मीना गुलियानी 

एक दूजे से दूर हुए

एक दूजे से दूर हुए 

भले ही नज़रों से दूर हुए 

तुम अपनी मग़रूरि से 

कुछ मसरूफ़ियत  से 

तुमसे आया न गया और 

हमसे बुलाया न गया 

फासला प्यार में हम दोनों 

से यूँ भी मिटाया न गया 

दिल फिर भी पास हैं दोनों 

में एहसास बहुत है जिसने 

दोनों को ही बांध रखा है 

@मीना गुलियानी 

एक दूजे से दूर

एक दूजे से दूर हम दोनों हैं मजबूर 

 भले ही नज़रों से हो दूर पर दिल 

की धड़कन दोनों को सुनाई देती है 

साँसो की सरगम भी बजती है 

तुम्हें  मेरी पुकार सुनाई देती है 

मेरी हालत तुमसे छुपी नहीं रहती 

@मीना गुलियानी 

रविवार, 29 नवंबर 2020

वक्त नहीं गुजरता

वक्त नहीं गुजरता तेरे बगैर 

तन्हाई में तुमको याद करते 

पल बीतते रात हो कि सुबेर 

@मीना गुलियानी 











२ 





















 

जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है

जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है 

उसी जिंदगी को सार्थक कहते हैं 

क्योंकि उसमें कोई लाग लपेट नहीं 

ईश्वर भी उसे ठंडी छाँव में रखता है 

जिसे वो कभी जान भी नहीं पाता है 

@मीना गुलियानी  

शनिवार, 28 नवंबर 2020

जीवन प्यार का गीत है

जीवन प्यार का गीत है 

जिसे सांसों की सरगम 

पर गया जा सकता है 

मधुर संगीत को हम 

गुनगुनाकर खुश होते हैं  

@मीना गुलियानी 

वो रास्ता

वो रास्ता मेरे लिए याद रखना मुश्किल न था 

हर पगडंडी , पेड़, झरना सब जाने पहचाने थे 

धरा भी अपना रूप बदलने लगी थी हर तरफ 

हरियाली छा गई मौसम सुहाना हो गया था 

मुझे याद करना पड़ा पहली बार कब मुड़ा था  

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

किसी का सहारा बनो

 तुम बेसहारा हो तो 

किसी का सहारा बनो 

तुमको अपने आप ही 

सहारा मिल जाएगा 

तुमको अपने आप ही 

किनारा मिल जाएगा 

when I help someone 


when I see someone

in trouble and can;t help 

शाम की उदासी में

 शाम की उदासी में 

एक फूल खिल उठा 

जिससे सुकूं मिला 

उदासी फना हुई 

दिल गुनगुना उठा 

@मीना गुलियानी 

आँखों का पानी

आजकल के दौर में 

अक्सर देखा गया है 

आँखों का पानी भी 

शायद सूख गया है  

आँखों का पानी सूख गया

दर्द को झेलते झेलते 
इतना रोये कि हमारी 
आँखों का पानी सूख गया 
@मीना गुलियानी 

नए नए ख्वाबों के दिन हैं

 नए नए ख्वाबों के दिन हैं 

उमंगों को प्रभु चरणों में 

समर्पित करने के दिन हैं 

@मीना गुलियानी 

अधूरी ख्वाहिशों के नाम

अधूरी ख्वाहिशों के नाम 
दिल को जिन्दा रखा 
सांस जब टूटने लगी 
तब तक देर हो गई थी 
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

याद आया

याद आया फिर से वो  पुराना जमाना 

कैसा सबमें वो अपनापन था याद आया 

ऐसा लगा  हमारा बचपन लौट आया 

@मीना गुलियानी 

मन का वातावरण बदल दो

मन का वातावरण बदल दो  

इतना बोझ कब तक झेलेगा 

दुनिया में रहकर पराया क्यों 

इसे भी साथ लो घूमो फिरो 

@मीना  गुलियानी 

खुद को बनाते बनाते

 खुद को बनाते बनाते 

क्या से क्या हो गए हम 

इतने सवेंदनशील हुए 

गमगीन हो गए हम 

खुद से दूर हुए हम 

@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 24 नवंबर 2020

दर्द कम नहीं होता

दर्द कम नहीं होता  भूलने से 

यह ऐसा मर्ज़ है जो बढ़ता जाता 

जब वो दिन ज्यादा याद आते है 

हर बीते लम्हों से दर्द बढ़ता है 

समाधान हर मुश्किल का है

समाधान हर मुश्किल का है 

मुसीबत आये तो मत घबराना 

कहीं न कहीं तो सीखोगे सुलझाना 

धैर्य न छोडो वरना पड़ेगा पछताना  

आज का चाँद चमके

 आज का चाँद चमके 

काली घटाओं के बीच 

ऐसे में प्रियतमा का साथ 

और भी अच्छा लगा 

उसे देखूँ या चाँद देखूँ 

दोनों की रंगत एक है 

@मीना गुलियानी 

मन साफ रखो

मन साफ रखो किसी के प्रति भेद भाव न रखो 

चोरी, भेद भाव , दुराव ,दोस्ती के दुश्मन हैं 

भेद खुल जाने र तुम स्वयं नज़रों से गिरोगे 

जितना मन साफ़ होगा उतने ही करीब होंगे 

@मीना गुलियानी  

जिंदगी खूबसूरत है

जिंदगी खूबसूरत है जब तक तुम साथ हो 

तुम्हारे बिना ये सुनसान पड़ जाती है 

लगता हे इसे तुम्हारी लत पड़ गई है 

जो हर समय तुम्हें तलाशती रहती है 

@मीना गुलियानी 

अब भी वक्त है

अब भी वक्त है सम्भल जाओ 

नहीं तो सब तुम्हें ढूँढ़ते रहेंगे 

शराब के ठिकाने पर तम्हे 

सब हिकारत से देखेंगे 

मीना गुलियानी 

आज का चाँद

आज का चाँद चमका तो उसमें 

तुम्हारा ही रूप चमकने लगा 

 गगन तुम्हारी सुंदरता से शर्माया 

चाँद भी बादलों की ओट में छिपा  

मन साफ रखो

मन साफ रखो तभी अच्छे संस्कार पाओगे 

सर  नवाकर बड़ों के सामने आशीष पाओगे  

@मीना गुलियानी 

रविवार, 22 नवंबर 2020

अगर तुम चाहो तो

अगर तुम चाहो तो 

करीब आ सकते हो 

वरना  हमारे दरम्यां 

काफी समय से दूरी है 

जिसे मिटाना होगा 

फिर से रौनक होगी 

दिल भी झूम उठेगा 

@मीना गुलियानी 

दिल फूल है हमारा

 दिल फूल है हमारा 

अलग अलग रंगों से 

सजा है गुलशन हमारा 

हर फूल खुश है एहसास 

हमारे गम मिटाता है 

दिल में उतर जाते हैं लोग

दिल में उतर जाते हैं लोग 

कुछ आँखों में समाते हैं 

कुछ हसीन यादों में बसते हैं 

कुछ नीदें उड़ा देते हैं लोग 

@मीना गुलियानी  

शनिवार, 21 नवंबर 2020

आज का दिन

 आज का दिन मैं जी लूँ जी भर 

मनाऊँ छुट्टी न करूँ कल की फिक्र 

@मीना गुलियानी 

हासिल हो भी जाए तो क्या

हासिल हो भी जाए तो क्या 

जब सुरूर मिट गया आये साकी तो क्या 

बर्बाद तो हो ही चुके हम नशेमन से क्या 

बागबां लुट गया चंद फूलों से क्या 

@मीना गुलियानी  

बचपन के दोस्त

 बचपन के दोस्त दूर होकर भी याद आते हैं 

फूलों की तरह हमेशा खुशबु फैलाते हैं 

कभी वो  सितारा बनके जगमगाते हैं 

@मीना गुलियानी 

शुभ दीपावली

शुभ दीपावली तभी कहलाती है 

जब आसपास के गरीब लोग भी 

अपनी जरूरत पूरी कर सकें 

सबके घरों में उजाला हो सबके 

चेहरों पर हँसी झिलमिलाए

छल कपट से दूर होके मुस्कुराएं 

@मीना गुलियानी  

अंधेरों से कहदो

अंधेरों से कहदो  अब कहीं दूर जाएँ 

वक्त बदल चुका है प्रकाश को लाएं '

बदनसीबी की चादर की जगह 

प्रकाश को भीतर लाएं खुशहाली लाएं 

@मीना गुलियानी 

एक दिया तेरे नाम का

एक दिया तेरे नाम का मैंने भी जलाया है 

बाहर की सारी कटुता भूलकर तुझे पाया है  

अब तो रोज ही खुशियों की दिवाली होगी 

दिल इस बात पर कितना इतराया है 

@मीना गुलियानी 

अपनों का इंतज़ार

 अपनों का इंतज़ार हर किसी को रहता है 

बेटा अगर विदेश में हो माँ का दिल रोता है 

हर वक्त तो कोई साथ भी नहीं देता 

सिर्फ ऊपर वाले पे ही यकीं होता है 

क्यों दिल को भाये

क्यों दिल को भाये मुस्कुराना तेरा 

भंवरे ने भी सीखा गुनगुनाना तेरा 

मोर सरीखी मस्त  चाल है  ये तेरी 

तेरे दिल ने लूटा सारा खज़ाना मेरा 

दीपावली की हर खुशी तुमसे है

दीपावली  की हर खुशी  तुमसे है 

तुम पास नहीँ होते तो खुद बेमन से 

दीपावली मनाते हैं जो नागवार होती है 

गम के दरिया में डूब जाते हैं कहीं 

किनारा कहीं नहीं पाते हैं अब 

लौट आओ जिंदगी में रंग भरदो  

मिलकर निर्माण करें हम

मिलकर  निर्माण करें हम 

मेहनत करने से न डरे हम 

आशाओं के सुमन बिखेरें 

धरा पे स्वर्ग आह्वान करें हम 

@मीना गुलियानी  

बिना चाह के कुछ नहीं मिलता

 बिना चाह के कुछ नहीं मिलता 

चाह होने से ही सब मिलता है 

मानव किसी चाह होने पर ही 

उस ओर मुख़ातिब होता है 

उसे पाकर ही  वो दम लेता है 

@मीना गुलियानी 


रात बढ़ती हुई

रात बढ़ती हुई पैगाम देती है 

दिल दिमाग  को राहत देती है 

सबसे ग़ाफ़िल मंजिल पाती है 

@मीना गुलियानी 

कुछ छूट रहा है

कुछ छूट रहा है  इस जीवन पथ पर 

अपनों का प्यार दुलार सब भूल कर 

काम की तलाश में बहुत दूर जाकर 

अपना घर देश विदेश बन गया है 

चंद पैसों की खातिर छूट रहा है  

@मीना गुलियानी 

चश्मा उतार कर देखो

चश्मा उतार कर देखो 

दुनिया हसीन दिखेगी  

नहीं तो गमगीन है 

ये सारा ही संसार 

@मीना  गुलियानी 

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

तेरी यादों के सहारे

तेरी यादों के सहारे जी रहे थे हम 

तुमने हमें किसी काबिल न समझा 

हमें सबके सामने रुसवा कर दिया 

@मीना गुलियानी  

वजह बताना

हर बात की वजह बताना जरूरी तो नहीं 

पर तुमसे कोई बात  छुपती भी नहीं 

@मीना गुलियानी 

पुरुष

तुम पुरुष होने का दम्भ भरते हो 

यह तो ईश्वर की ही देन है 

कुछ पुरुष जैसे काम भी करो 

सिर्फ नाम से ही काम मत करो 

@मीना गुलियानी  

महानता है काम से

महानता है काम से 

लोग सिर्फ नाम के लिए 

नाटक सा रच लेते हैं 

सब लोग वाकजाल में 

फँसकर तंज कसते हैं 

कभी बुध्दू भी बनते हैं  

तुमने वादा किया था

तुमने वादा किया था 

हमेशा साथ निभाने का 

एक ज़लज़ला क्या आया 

हाथ छुड़ाकर चल दिए

 @ मीना गुलियानी 

बुधवार, 18 नवंबर 2020

में खुश हूँ

में खुश हूँ मगर तुम उदास लगते हो 

किस ख़ता पर तुम खफा लगते हो 

 

तुझे हम कबसे चाहते थे

तुझे हम कबसे चाहते थे 

इस राज़ को छुपाना चाहा 

न जाने कैसे उजागर हुआ 

दुनिया ने कसूरवार कहा 

सबकी आँखों में नागवार था 

@मीना गुलियानी 

ख़्वाब नहीं देखा

ख़्वाब नहीं देखा तबसे जबसे तुम चले गए 

ऐसी भी क्या ख़ता मुझसे हुई क्यों जुदा हुए    

@ मीना गुलियानी 

सदा बेहतर होता है

 सदा बेहतर होता है 

जब भी प्रेम से देखें 

कटुता निकलती है 

प्रेम में विश्वास होता है 

जज्बात निखरते हैं 

दूरियाँ मिटती हैं जो 

दूर था वो करीब होता है 

@मीना गुलियानी 

दिल पर नज़र रखनी है

दिल  पर नज़र  रखनी है 

ये मुश्किल से मिला है 

कायनात में  सुंदर है 

 उपहार तुझसे मिला है  

@मीना गुलियानी 

नज़र रखना अपने दिल पर

नज़र रखना अपने दिल पर 

कहीं ये खो न जाए 

कहीं बेकाबू न हो जाए 

इतनी बड़ी दुनिया है 

किसी और का न हो जाए 

@मीना गुलियानी  

रविवार, 15 नवंबर 2020

एक दीया तेरे नाम का

 एक दीया तेरे नाम का हमने जलाया है 

तेरे प्यार की यादों से सुकूँ हमने पाया है 

जब भी दुःख भरी आँधियाँ बुझाने चली 

हमने उन सबसे अपने आँचल में छुपाया है 

सोमवार, 9 नवंबर 2020

इक दिया तेरी यादों का

इक दिया तेरी यादों का हम जलाते हैं 

तुम जब देखकर अनदेखा करती हो 

तुम्हारी दी हुई चोट को सहन करते हैं 

@मीना गुलियानी 


रविवार, 8 नवंबर 2020

मेरी कमनसीबी तो देखो

मेरी कमनसीबी तो देखो 

जिसके साथ चाय पीनी थी 

वो हाथ छुड़ाकर चला गया 

दुनिया में हमें रुसवा कर गया

@मीना गुलियानी  

 

गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020

तर्ज --कीर्तन (भेंट)

जी मेरी शेरां वाली दे आगे वंदना 

इक वारी वंदना हज़ार वारी वंदना 

--

मेरी मैया दे गल विच हार वे 

मैं तां आई मैया दे दरबार वे 

ओथों मुक्ति डा दान ऐसा मंगणा ----


मेरी मैया दे द्वारे जो कोई आवे 

मुओं मँगिया मुरादा ं पावे 

एदे दर तो सब कुछ मंगणा ---


मेरी मैया जहाज बनाया 

अपनी शक्ति दे नाल चलाया 

आवो आवो जिन्हां ने पार लंगणा --

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --दुनिया में ऐसा कहाँ (भेंट)

आए हाँ द्वारे तेरे खाली न मोड़ माँ 

दे दे दीदार दाती होर कुछ लोड़ ना 


वैरी ते होया ऐ माँ ऐ जग सारा 

जोतां वालिये माँ तेरा ही सहारा 

पार लगा दे आ तरा दे नैया रोड़ ना --


नंगी नंगी पैरी मैया अकबर आया 

सोने दा  छत्र तेरी भेंट चढ़ाया 

मान मिटाया सी ट्राय रखी थोड़ ना --


दासी पुकारे मैया दे दे हुलारे 

माँ जगदम्बे तेरा बचडा पुकारे 

मेरी वी बनादे आ तरा दे आशा तोड़ ना --

@मीना गुलियानी 

बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

तर्ज़ --ये वादा करो (भेंट )

ज़माना दिए जा रहा ग़म पे ग़म 
सम्भालो ऐ माँ न निकल जाए दम 

सताया गया हूँ मैं संसार से 
उठा लो मुझे माँ ज़रा प्यार से 
बड़ा होगा मुझपे तुम्हारा कर्म ------

मेरी नाव है डूबती जा रही 
किनारा कहीं भी नहीं पा रही 
खत्म होने को है मेरा ये जन्म ----

मुसीबत में हूँ माँ मैं लाचार हूँ 
तुम्हारी दया का तलबग़ार हूँ 
उठा लो मुझे गोद में कम से कम ----

मेरा दिल मैया आज घायल हुआ 
नहीं रास आई कोई भी दवा 
लगाओ मेरे जख्मों पे तुम मरहम 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --ये मुलाक़ात इक बहाना है (भेंट )

तेरा मेरा साथ माँ पुराना है    

नाता ये प्रेम का निभाना है 


तू मेरी माँ जगत की जननी है 

तेरे चरणों में ही ठिकाना है ----


तूने लाखों को भव से तारा है 

खड़ा तेरे दर पे इक दीवाना है ------


मैया तेरा हमें सहारा है 

दिल तुझे भेंट माँ चढ़ाना है -------


तेरी नज़रें खफ़ा कभी न हों 

मुझको इनमें ही तो समाना है -------

@मीना गुलियानी  

मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

तर्ज़ हमने अपना सब कुछ खोया

सिर को हमने आके झुकाया शरण तेरी पाने को (भेंट )

छोड़ तेरा दर न जायेंगे ठोकरें खाने को 


याद में तेरी आंसू आये 

गीत विरह के हमने गाये 

अश्कों की माला है पिरोई 

तुमको पहनाने को ----------


दुनिया ने मुँह मोड़ा हमसे 

सबने नाता तोडा हमसे 

मायाजाल को तोड़के आये 

दर पे मिट जाने को --------------


भूलें हुईं नादाँ हैं हम तो 

बच्चे बड़े अन्जान हैं हम तो 

भूलों को बिसरा के आओ 

हमको अपनाने को ------------

@मीना गुलियानी 

शनिवार, 17 अक्टूबर 2020

तर्ज़ - दुनिया में ऐसा कहाँ (भेंट )

आये हाँ द्वारे तेरे खाली ना मोड़ माँ 
दे दे दीदार दाती होर कुछ लोड़ ना 

वैरी ते होया ऐ  माँ ऐ जग सारा 
जोतां वालिये माँ तेरा ही सहारा  
पार लगा दे आ तरा दे नैया रोड़ ना -----

नंगी नंगी पैरी मैया अकबर आया 
सोने दा छत्र तेरी भेंट चढ़ाया 
मान मिटाया सी तराया रखी थोड़ ना ------

दासी पुकारे मैया दे दे हुलारे 
माँ जगदम्बे तेरा बचड़ा पुकारे 
मेरी वी बनादे आ तरा  दे आशा तोड़ ना -----
@मीना गुलियानी 

माता की भेंट

पार करो मेरा बेडा भवानी पार करो मेरा बेड़ा 

मोहमाया के बंधन काटो 
चौरासी का घेरा भवानी -----------------

सबकी मुरादें पूरी करदो 
मुझे आसरा तेरा भवानी ---------------

नैया मेरी पार लगादो 
बीच भंवर में बेड़ा भवानी --------------

अन्धकार में जी घबराये 
करदो आज सवेरा भवानी --------------
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

तर्ज़ ---कीर्तन

भुला माफ़ करी माँ भुला माफ़ करी माँ 

मैया मैं हाँ ओगणहार तेनू कहंदे बक्शनहार 
मैं तां डोल रह्या मझधार मेनु तार देवी माँ 

मैया बगियाँ शेरां वाली तेरी जगदी जोत निराली 
तेरी जग तो शान निराली मेनू तार देवी माँ 

न मैं मंगदी चाँदी सोना मेनू दौलत दा  नहीं रोना
मैं तां पापां नू ऐ  धोना  मेनू तार देवी माँ 
@मीना गुलियानी 
 

  

माता की भेंट

रहमतां करदी ऐ झोलियाँ भरदी ऐ 
पीरां दी पीर मेरी शाही फकीरे शेरां वाली माँ 

जो आन डिगे दर तेरे ओ होंदे मालो माल 
लुट लो लुट लो लोगो माँ होई ऐ दीन दयाल 
भरे भंडारे ने खुले द्वारे ने -----------------------

दूरों संगता चलके आवन तेरे दर ते डेरे लावण 
कर दर्शन ध्वजा नरेला तेरी पहलड़ी भेंट चढ़ावन
भक्तां दी प्यारी ऐ लगे प्यारी ऐ -----------------

जो कोई वी आये सवाली ओ मुड़या कदी न खाली 
माँ आशा पूर्ण करदी ओ आस पूजावण वाली 
महिमा भारी ऐ शेर सवारी ऐ --------------------

तेरा बाग़ देख मन डोले जिथे मोर पपीहा बोले 
ठंडा जल ओ बाण गंगा दा जेहड़ा मन दी कुण्डी खोले 
शेर सवारी ऐ लगे प्यारी ऐ ---------------------
@मीना गुलियानी  

आरती जगदम्बे की

जय जय हे जगदम्बे माता        

द्वार तिहारे जो भी आता बिन मांगे सब कुछ पा जाता 


तू चाहे तो जीवन दे दे चाहे तो पल में जीवन ले ले 

जन्म मरण सब हाथ में तेरे हे शक्ति हे माता ------------


पापी हो या होये पुजारी राजा हो या कोई भिखारी 

फिर भी तूने जोड़ा सबसे  माँ बेटे का नाता ----------------


जब जब जिसने तुझको पुकारा तूने दिया हे बढ़के सहारा 

हर भूले राही को तेरा प्यार ही राह दिखाता ----------------

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ ---कीर्तन ----- भेंट

पार करो मेरा बेडा भवानी पार करो मेरा बेडा     

मोहमाया के बंधन काटो 
चौरासी का घेरा भवानी----------------------

मन की मुरादें पूरी करदो 
मुझे आसरा तेरा भवानी ---------------------

नैया मेरी पार लगा दो 
बीच भंवर में बेडा भवानी---------------------

अन्धकार में जी घबराये 
करदो आज सवेरा भवानी -------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --दिल के अरमां -- भेंट

दिल का दुखड़ा माँ सुनाने आ गया         
हाले  दिल तुमको बताने आ गया 

चर्चे तेरे नाम के दोनों जहाँ 
सुनके तेरे मैं तराने आ गया -----

दुनिया ने मुझपे सितम लाखों किये 
खुद को अब तो मैं मिटाने आ गया -----

सर पे पापों की गठरिया को लिए 
लगता है अब तो ठिकाने आ गया -------
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 7 अक्टूबर 2020

तर्ज़ --छुप गया कोई रे

ओ मेरे गुरूजी , कष्ट निवार दो 
शरण तेरी हम आये ,भव से उबार दो 

आस तेरी हम लाये , दुनिया के सताये 
हमें है भरोसा तुम पर ,हैं घबराये 
नैया भंवर में मेरी, पार उतार दो ----

माया ने हमें भरमाया ,शरण तेरी आया 
गुरूजी मुझे बचालो,दुःख का सताया ,
हाथ मेहर का रखो ,जिंदगी संवार दो -----

हम अज्ञानी तेरी, शरण में आये 
गुरु जी देना सहारा, दिल घबराये 
है आसरा तुम्हारा ,भव से उबार दो -----
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --तुम बिन जीवन कैसे बीता

मैं हूँ माता बाल तुम्हारा शरण तेरी आया माँ   (bhent )
तेरे द्वार पे हाथ पसारा शरण तेरी आया माँ 

काम क्रोध भटकाए 
लोभ भी बढ़ता जाए 
तृष्णा की अग्नि में 
सब कुछ जलता जाए 
मुझे आसरा माता तुम्हारा --------------

गम  के अँधेरे साये 
चारों तरफ से छाये 
तुम बिन मेरी माता 
मुझको कौन बचाये 
डोले नैया दूर किनारा ------------------

मनवा मोरा गाये 
तेरे गीत सुनाये 
तुम बिन  मेरी माता 
कौन मुझे अपनाये 
सर पे है मैया हाथ तुम्हारा --------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज --आपकी नज़रों ने समझा

माता तेरा बाल हूँ मैं यूं न तू ठुकरा मुझे    (bhent)
दर पे तेरे आ गया माँ फिर गले से लगा मुझे 

गम से मैं घबरा गया द्वार तेरे आ गया 
अपने कर्मों को देखकर माता मैं शर्मा गया 
पार करना भव से माता समझकर नादां मुझे ---

माता मैं मजबूर हूँ तुझसे जो मैं जो दूर हूँ 
दिल लुभाया विषयों ने फिर क्यों मगरूर हूँ 
दुनिया से घबरा के माता दिल ने दी है सदा तुझे ----

मुझको न बिसराओ तुम अब तो माँ आ जाओ तुम 
बाळ तेरा हूँ मैया मुझको गले से लगाओ तुम 
तेरे चरणों में पड़ा हूँ माता तू अपना मुझे -----
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

तर्ज --हरि ओम जपो

जीवन का इक पल बिरथा न खो 
गुरु जी जपो गुरूजी जपो 

चोला मिला शुभ कर्म का 
करने को सौदा धर्म का 
फिर मानुष जन्म हो कि न हो ----

मन में बसा ले उनका नाम 
उनको सुमिर ले सुबो शाम 
नर तन फिर आवन हो कि न हो ----

साँसों की कीमत जान तू
 हर पल यों ही भरमाये तू 
जीवन के पापों को तू धो ---------
@मीना गुलियानी 


तर्ज़ --कीर्तन

करो गुरु नाम का सुमिरन अगर मुक्ति को पाना है 

ये पल पल श्वास जाती है 
खबर तुझको न आती है
जग सारा सपना है 
न कोई भी अपना है  
अवस्था जा रही ऐसे कि 
पल न लौट आना है ---------------

बनाये तूने जो बंगले 
न तेरे काम आयेंगे 
जहाँ वाले तो तुझको
 एक पल में फूँक आयेंगे 
बचा ले नाम का धन जो 
तेरे संग लौट जाना है ----------

अच्छा कर किसी से 
तू अच्छा फल ही पायेगा 
बुरा फल साथ में तेरे 
बुराई को ही लाएगा 
कमा कुछ नेकी तू बंदे 
जहाँ से लौट जाना है ------------
@मीना गुलियानी

शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

तर्ज --कीर्तन

सोढ़ाला में धाम तेरो गुरूजी है नाम तेरो 
चरणा में आ गया नाथ बेडा पार करो 

आ गया तेरे दर पे गुरूजी खाली हाथ न जाऊँगा 
कर्म कटाने आया गुरूजी कर्म कटाके जाऊँगा 
दुखिया पर थे ध्यान धरो सबका दुखड़ा दूर करो 
दे दो भक्तां का साथ ------ बेडा पार करो ------

भाल पे टीका गले में माला भाव की धूनी रमावे हैं 
भूत भूतनी गुरूजी के नाम से डरकर भागे है 
चिन्ता सबकी हरते हो दुखड़े दूर करते हो 
राखो भक्तां री लाज ------- बेडा पार करो ------

सारी दुनिया थांकी गुरूजी करती जय जयकार है 
थारी  पूजा करे ये दुनिया पहुंचे थारे  द्वार है 
चमकी किस्मत म्हारी है आई मेरी बारी है 
सुनलो सबकी पुकार ------ बेडा पार करो -----
-@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --तुम अगर साथ देने का

मेरे  गुरू जी सुनलो पुकार दिल की 
तेरे चरणों में ध्यान लगाया करूँ 
करूँ पूजा तेरी पावन गंगा में 
गुणगान मैं तेरे ही गाया करूँ 

है ख्वाहिश मेरी नित सुमिरन करूँ 
तेरी पूजा में मन को रमाया करूँ 
तेरी भक्ति करूँ श्रद्धा से सदा 
तेरे चरणों में सर को झुकाया करूँ 

तुमने सबको ही अमृत पिलाया सदा 
छवि तेरी  निहारूँ मैं दिल में सदा 
भक्ति भाव से तुझे पूजते हैं सदा 
जीवन को मैं सफल बनाया करूँ 

तेरा हाथ मेरे सिर पे हो सदा 
तेरा गुणगान हो जिह्वा पे सदा 
तेरे नाम की माला फेरूँ सदा 
तेरे चरणों में ध्यान लगाया करूँ 
@मीना गुलियानी  

 

तर्ज़ --मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोये

तेरे  बिना गुरूजी मैं कहाँ जाऊँ 
हाले  दिल मैं किसको सुनाऊ

कर्मो के भोगों ने मुझको सताया 
जहाँ भी गया मैं उसने ठुकराया 
सारे जहाँ से ठोकर मैं खाऊँ -------

होके लाचार गुरूजी तेरे दरबार आया 
मेरी अर्जी सुनलो मैं फरियाद लाया 
मेरी न सुनोगे तो किस दर जाऊँ ----

तुम्ही मेरे बंधु  और सखा  हो 
यही मेरी दुनिया है तुम्हीं आसरा हो 
दर दर ठोकर खाना न चाहूँ-----------
@मीना गुलियानी 
 

तर्ज़--बड़ी दूर से आये हैं

बड़ी दूर से आये हैं गुरूजी आस ये लाये हैं 
सबकी सदा सुन लो गुरूजी आशा लाये हैं 

तुमको ही माना है जमाना लगे झूठा 
तुम ही अपने हो जग लागे मुझे  झूठा 
ये बंधन - तोड़ के आये हैं --------गुरु जी 

ढूँढा ये सारा जहाँ है कोई नहीं अपना 
झूठी प्रीत इनकी ये जग इक सपना 
ये नाते --तुमने निभाए हैं --------गुरूजी 

गुरूजी मेरी नाव पड़ेगी तुम्हें खेनी 
तुम्ही तो पालनहार सुरक्षा तुम्हें देनी 
भव पार ---तूने कराये हैं -----------गुरूजी 
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020

तर्ज़ -पल्लो लटके

देख रटके रे भैया देख रटके 
गुरूजी का प्यारा प्यारा नाम भैया देख रटके 

घणी  देर से आके बैठ्यो गुरूजी थारे द्वार 
अब तो गुरूजी म्हारो बेड़ो करदो भव से पार 

गुरूजी थारी महिमा सारी दुनिया खूब जाणे 
दूर दूर सूं दर्शन खातिर आवे लोग सयाने 

गुरु नाम की माला फेरो बन जाओ उसके प्यारे 
आवागमन को चक्कर  छूटे हो जाएँ वारे न्यारे 

या नाम है प्यारो भैया  करले तू भी भक्ति 
प्रेम से जो भी  ध्यान लगावे पा जावे वो मुक्ति 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --एक बार आओ जी जवाई जी पावणा

-एक बार आओ जी गुरुजी म्हारे आंगणा 

म्हाने दर्शन दीज्यो महाराज थाने अर्ज़ करां 


सारी  दुनिया थांकी गुरूजी जय जयकार बुलावे 

थांकी झांकी निहारुँ दिन रात 

गुरूजी थाने अर्ज करां   


सारी संगत गुरूजी कितनी दूर दूर सूं आवे 

सबकी बिगड़ी बनावो महाराज 

गुरूजी थाने अर्ज करां 


गुरूजी थारी सेवा करबा में तो हूँ अज्ञानी 

म्हारी विपदा मिटावो महाराज 

गुरूजी थाने अर्ज करां 


गुरूजी थे तो जाण ल्यो जी सबके मन की 

सबकी सुण ल्योजी सारी बात 

गुरूजी थाने अर्ज करां 


सबकी विनती सुण लो गुरूजी ,सबके काज सवारो 

सबकी सुन लो जी फरियाद 

गुरूजी थाने अर्ज करां 

@मीना गुलियानी 


तर्ज़ --चिरमी

आई गुरूजी थारे द्वार पे , म्हारी बिगड़ी बात बना 
गुरूजी थाने अर्ज करां 

गुरूजी म्हारी बेनती , म्हारो बेड़ो पार लगा
गुरूजी थाने अर्ज करां 

गुरूजी महिमा थारी जी , म्हाने अपणो नाम जपा 
गुरूजी थाने अर्ज करां 

मेवा मिश्री ल्याई जी ,म्हारी भेंट करो स्वीकार 
गुरूजी थाने अर्ज करां 

थांके चरणा में म्हारी बेनती ,देवो आवागमन निवार 
गुरूजी थाने अर्ज करां 

माया मोह के जाल सूं ,म्हारो पीछा देवो छुड़ाए 
गुरूजी थाने अर्ज करां 
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 30 सितंबर 2020

तर्ज़ --जादूगर सैंया

ओ मेरे गुरूजी पडूँ मैं तोरे पैयां 
हो गई है प्रभात अब मत देर करो 

ढल गई रैना आये न चैना 
राह निहारी बड़ी देर से 
दर्शन व्याकुल भये मोरे नैना 
आओगे कब खड़ी देर से 
कर जोड़ खड़ी तेरे द्वार ---------

दर्श की प्यासी अखियाँ मोरी 
छम छम निशदिन बरसें 
आओ गुरूजी मोरे अंगना 
राह निहारूं मैं कबसे 
आ जाओ मैं जाऊँ बलिहार --------
@मीना गुलियानी 


तर्ज़ --आवाज़ देके हमें तुम बुलाओ

गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ ,नैया भंवर में है पार लगाओ 

मैं कबसे लिए आस दरबार आया 
गुरूजी न अब तक दर्श दिखाया 
सवालों में उलझा हूँ उलझन मिटाओ ------------------

है कठिन डगर और राह न जानू 
धरूँ पाँव आगे तो मुड़ना न जानू 
गुरूजी मुझे सत्यपथ दिखलाओ -----------------------

तेरा धाम सबसे है कितना अनोखा 
ये दुनिया सदा हमको देती है धोखा 
मायामोह से मुक्ति दिलाओ -----------------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़--तुम बिन जीवन कैसे बीता

सारे जग से नाता टूटा द्वार तेरे आया 
गुरूजी -द्वार तेरे आया 
तेरे ही द्वारे दामन पसारा द्वार तेरे आया 
गुरूजी --द्वार तेरे आया 

सारे जहाँ ने लूटा , मोहमाया ने घेरा 
आशा और तृष्णा ने ,हाल किया ये मेरा 
तुमको बताने आया गुरूजी----------

मन में अँधेरा छाया ,कपटजाल ने घेरा 
विषयों ने भरमाया , लिया आसरा तेरा 
तेरे आसरे सबकुछ छोड़ा द्वार ---------
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 29 सितंबर 2020

तर्ज़ --जिया बेकरार है

गुरूजी तेरे दर्शन का तो मुझे इंतज़ार है 
आओ गुरूजी आस तेरी है कबसे इकरार है 

भक्त खड़े हैं राह में तेरी नैनों को बिछाए हैं 
पल पल देखें रास्ता तेरा पलकों को बिछायें हैं 

आशा पूर्ण करते हो तुम बोलो कब तुम आओगे 
प्यासे नैना दर्शन के बिन कितना और तरसाओगे 

गुरूजी तेरे दर्शन खातिर बैठी दुनिया सारी है 
तेरी राहें देख रहे हैं कितना संकट भारी है 

करी न कोई नेक कमाई खोटे  धंधे खूब किये 
तेरे दर पे आये हैं हम तुझसे कितनी आस लिए 
@मीना गुलियानी 

तर्ज --यहाँ कोई नहीँ है

मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा मेरी बारी मत देर लगा 
तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ आ जाओ आ जाओ 

मेरी दिल की धड़कनें तेरा नाम ले रही हैं 
ये सारी कायनात तुझे याद कर रही  है 
कबसे गुरूजी तुमको आवाज़ मैंने दी है 

जिसका न कोई जग में तू उसका हो गया है 
यही जानती हूँ मैं भी सबसे यही सुना है 
हमपे तरस खाओ सुनो दिल की ये सदा है 

जीवन की बागडोर तेरे हाथ सौंप दी है 
मेरी  सांसों की डोरी तेरा नाम ले रही है 
सुनलो सदायें सबकी यही तुझसे इल्तज़ा है 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --लेके पहला पहला प्यार

गुरूजी आये तेरे द्वार लेके आशाएँ हज़ार 
सफल बना दो पार करदो होये खुशी बेशुमार 

किस्मत जगा दो है फरियाद मेरी 
दर्शन दिखादो गुरूजी करना न देरी 
मन में उमंगों हैं अपार बहाओ  प्रेम की फुहार 

चाहे तू कितनी भी देर लगा दे 
बदलेंगे न हम अपने इरादे 
दिल में आशाएँ हज़ार तेरा करते इंतज़ार 

लाखों को तूने भव से उबारा 
बताओ हमें  क्यों मन से विसारा 
बहाओ प्रेम की निर्मल धार करदो हमको भव से पार 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --कीर्तन

मेरे गुरूजी आके दर्श दिखा दे 
प्यासे नैनों की प्यास मिटा दे 

कबसे खड़ा हूँ द्वार पे तेरे 
मैंने लगाए तेरे दर पर डेरे 
मुक्ति का ज्ञान दे दे अमृत पिलादे 

दर्शन सिवा कुछ भी न मैं मांगू 
आशा पूर्ण करदो यही मैं मांगू 
दर्शन देके जीवन सफल बना दे 

तेरा आसरा मैंने जबसे लिया है 
जीने का तबसे सहारा मिला है 
मेरी तकदीर गुरूजी आके जगा दे 

बदली है मेरी किस्मत की रेखा  
पाई है जबसे दर पे मत्था टेका 
सोई  तकदीर मेरी फिर से बना दे 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ - माँ मुझे अपने आँचल में

गुरूजी मोहजाल से तू मुझको छुडाले 
चरणों से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं 

दुनिया के रास्ते की धूल हूँ गुरूजी 
कैसे आऊँ तुझ तक है ये तेरी मर्जी 
धूल में न मिल जाऊँ तू मुझको बचाले 

तेरे दर पे आके मैंने दामन पसारा 
क्या होगा मेरा ये कुछ भी न विचारा 
सोई  तकदीर मेरी उसको जगा दे 

फरियाद कैसे करूं आती शर्म है 
मेरे हाथों से हुए उल्टे कर्म हैं 
बक्श दो गुरूजी मुझे पास बिठाले 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --दिल के अरमां

गुरूजी तेरे दर पे मैं तो आ गया 

हाले  दिल तुमको सुनाने आ गया 


दुनिया ने लाखों सितम मुझ पर किये 

दिल का दुखड़ा मैं बताने आ गया 


सोचता था दास्ताँ तुझसे कहूँ 

लगता है अब तो ठिकाने आ गया 


सर पे मेरे  अवगुणों की पोटली 

सर झुकाके तेरे दर मैं आ गया 


तेरी महिमा जबसे मैंने भी सुनी 

तकदीर अपनी मैं जगाने आ गया 

@मीना गुलियानी 




तर्ज़ --इक प्यार का नगमा है

गुरूजी तेरा सहारा है  तुझे मैंने पुकारा है 
हर दुखी को यहाँ मिलता गुरूजी साथ तुम्हारा है 

रोता हुआ जो आये हँसता हुआ वो जाए 
दिल के सारे अरमां पूरे करके वो जाए 
दुखियारे को मिलता वरदान तुम्हारा है 

ये जीवन सपना है न कोई अपना है 
झूठे हैं सब रिश्ते इक तू ही अपना है 
मिल जाएँ सभी खुशियाँ मिले साथ तुम्हारा है 

तेरा धाम न्यारा है मुक्ति का द्वारा है 
हर दुखिया को मिलता गुरूजी तेरा सहारा है 
तेरे धाम से मिल जाए खुशियों का भंडारा है 
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 28 सितंबर 2020

तर्ज़ --ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना

 मेरे गुरूजी दर्श दिखलाना तू जल्दी आना 

प्यारा तेरा नाम रे तेरी राह निहारुँ सुबह शाम रे 


हर पल तेरी गुरूजी राह निहारुँ दिल को मेरे न तरसाओ 

बदल भी दो मेरी किस्मत की रेखा सोया भाग्य जगा जाओ 

गुरूजी आओ दर्श दिखाना छोडो तुम तरसाना ----------


तेरी याद में नैन बावरे हर पल रोते रहते हैं 

दर्शन के बिन व्याकुल नैना हर पल भीगे होते हैं 

गुरूजी तेरे दर्शन चाहूँ और न कुछ भी मांगू 

मेरी किस्मत को आप चमकाना दर्श दिखलाना 

निराली तेरी शान रे बड़ा प्यारा लगे मुझे तेरा धाम रे -----

@मीना गुलियानी 

तर्ज --आजा रे परदेसी

आ जाओ मेरे गुरूजी 
मैं तो कबसे खड़ी इस पार 
तेरा पथ कबसे रही निहार 

किसी हे उलझन हमको बता जा 
दिल को मेरे धीर बंधा जा 
व्याकुल मन को भी समझा जा ----

इक पल चैन न तुझ बिन पाऊँ 
हर पल पथ निहारती जाऊँ 
कब सुध लोगे समझ न पाऊँ -----

नैनन की तुम प्यास मिटा दो 
इक पल तुम बस दर्श दिखा दो 
इतनी भी ज्यादा तुम न सज़ा दो --
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया

गुरूजी तेरे नाम को रटते गुज़री रे उमरिया 

इन नैनों की प्यास बुझाने आओ मेरी झोंपड़िया 


दर्शन के बिन प्यासे  नैना हर पल तुझको ध्याते हैं 

कब सुध लोगे हम दीनन की व्याकुल हम हो जाते हैं 

आओ मेघ बन बरसो गुरूजी हमारी भी अटरिया ----


तेरे दर्शन के प्यासे दिल को चैन कहीं नहीं आता है 

दे दो भिक्षा प्रेम की हमको दिल ये बड़ा रुलाता है 

आओ तन मन शीतल करदो दर्शन दो सांवरिया --


भूलें हमारी भूल भी जाओ हमको आस तुम्हारी है 

रास्ता भूलकर भटक गए हम रहम की आस हमारी है 

अपने प्रेम की भिक्षा दे दो  दर्शन दो सांवरिया ------

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --दुनिया में ऐसा कहाँ सबका नसीब है

तेरे सिवा गुरूजी मेरा कोई नहीं है 

आ जाओ दर्शन दो क्यों देर करी है  


तेरी आस लेके आये  तेरे दीवाने 

तेरा ही सहारा हमको तुझको मनाने 

तू जो मिल जाए तो किनारा भी करीब है ----


रहमो कर्म की  गुरूजी वर्षा बरसाना

तुझ पर भरोसा हमको न ठुकराना 

आये हैं सहारे तेरे हम खुशनसीब हैं --------


ढूंढ लिया है तुमको तुम न भुलाना 

गुरूजी हमे तुम चरणी लगाना 

पार लगाना तुम बचाना हमारा नसीब है ------

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --वो दिल कहाँ से लाऊँ

तेरे द्वार कैसे आऊँ गुरूजी ज़रा बता दे 
तुमको मैं कैसे पाऊँ भव पार तू लगा दे 

दुनिया ने मुझको लूटा विषयों ने मुझे घेरा 
कैसे छुड़ाऊँ पीछा तू ही रास्ता बता दे ------

लाखों उबर गए हैं तेरे नाम के सहारे 
गुरूजी हमें बचाओ  हैं हम तेरे सहारे -------

गर भूल है हमारी माफ़ कर  भी दो खतायें 
तेरे सिवा न दूजा पल भर भी जो पनाह दे --------

भूलों को तुम भुलाना हमको न आज़माना 
तेरी शरण हैं आये, हमको भी आसरा दे ----------
@मीना गुलियानी 

तर्ज --बागी कोयला बोल रहियाँ

बाग़ में कोयल बोल रही सुन्दर ये मोर भी बोले 
गुरूजी दर्श दिखाजा , गुरूजी अब आजा 

द्वारे गुरूजी के सुंदर झंडे झूल रहे 
दर्शन के दीवाने भक्त भी झूम रहे ,
भक्ति की गंगा बहती प्रेमी जयकारे बुलाएं -----

कितने सवाली धाम पे रोज़ आते हैं 
दर्शन की अभिलाषा मन में लाते हैं 
फ़ूलों की वर्षा हो रही है संगत भी दर्शन पाए -----

गुरूजी तेरा द्वारा बहुत ही प्यारा है 
भक्तों की खातिर खुला हुआ भंडारा है 
गुरूजी की महिमा गाते जीवन को सफल बनाएं ---
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --चली चली रे पतंग

मैं तो चली आज गुरु धाम चली रे 
लेके गुरु जी का नाम और आशाएँ तमाम 
चली गुरु दर्शन को चली रे 

गुरु जी का धाम बड़ा प्यारा 
नवरात्रों में भरें भन्ड़ारा 
जो दर्शन को आये आशा पूरी हो जाए 
कोई बात किसी की न टली रे ----------

धाम गुरु जी का सुंदर सलोना 
भक्ति भाव से भरा हर कोना 
आये दूर से जो प्राणी बोले मीठी मीठी वाणी 
वरदानो से भरी खाली झोली रे --------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --कंकरिया मार के जगाया

सोढ़ाला में तूने भवन बनाया ,तेरे दर्शन करने को आज आया 

करो कृपा  आज गुरूजी 


अष्टमी की घड़ी शुभ है आई, माँ शेरों वाली दर्शन देने आई 

सबको माता ने दर्श दिखाया ------------------------------


पूरे होते सबके काम सारे ,दुखियारों की यहाँ लगीँ कतारें 

माँगा वरदान किसी ने वो पाया ----------------------------


भूले भटके तेरे धाम जो आये , उनको गुरूजी पार लगायें 

सफल हो गई इच्छा जो लाया ----------------------------


 कृपा से संवरी किस्मत की रेखा ,जब जब भक्तों ने द्वारे मत्था टेका ,

गुरूजी का आर्शीवाद पाया ---------------------------------

@मीना गुलियानी 

शनिवार, 26 सितंबर 2020

तर्ज़ --वादा न तोड़

मनवा रे बोल जय गुरूजी बोल 
तेरा जीवन ओ  बंदे अनमोल               

पैसे को पाके काहे तू इतराये 
गुरूजी नैया तेरी पार लगाए 
अपनी वाणी में रस ज़रा घोल --------

काम,क्रोध,लोभ,मोह ,अहंकार छोड़ो 
गुरूजी बतायें झूठी बातों को छोड़ो 
अपने जीवन को विषयों में न रोल -----

झूठे हैं नाते जग के झूठी प्रीत सारी 
तोड़ो भ्रमजाल सारे काहे होशियारी 
मन को पक्का बनाके रख न डोल ------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --ना मुँह छिपाके जियो

लगन  लगा के रखो , दिल में तुम बसा के रखो 
जैसे भी निभ पाए तुमसे , सबसे बनाके रखो 

गुरूजी सबकी मुरादों को ,पूरी करते हैं 
आते सवाली जो वो , सबकी झोली भरते हैं 
उनके दरबार में न भेद को छुपाके रखो --------

कहो  न कुछ भी गर , वो तो जान लेते हैं 
सबकी इच्छाओं को वो , पूरा मान देते हैं 
छुपाये छुप न सकेगा, न तुम छुपाके रखो ---------

गुरूजी का दर तो , सारे जग से न्यारा है 
जिसका न कोई यहाँ , वो गुरूजी का प्यारा है 
उनसे ये रिश्ता अपना ,तुम भी बनाके रखो -------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --कजरा मुहब्बत वाला

तेरा दरबार है आला, सारे जग से निराला 
जग से निराली इसकी शान
 गुरूजी को माने ये जहान ---------------

आई है संगत सारी , दिल में अरमान लेके 
करते हैं सारे पूजा, सौ सौ तूफ़ान लेके 
करते मुरादें पूरी रहती न आस अधूरी 
करते हो पूरे सबके काम ----------------

सबके दिलों में गुरूजी, तेरा हे नाम निराला 
तू  ही सबकी विपदा को, पल में मिटाने वाला 
बिगड़ी बनाते हो तुम, शरण में लेते हो तुम 
जो भी आये होते पूरे काम --------------------

सोढ़ाला में है गुरूजी, तेरा द्वारा अनोखा 
ये सारी  दुनिया वाले ,देते हैं हमको धोखा 
किस्मत चमकाते हो तुम , अपना बनाते हो तुम 
जग से निराली तेरी शान ---------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --आपकी नज़रों ने समझा

गुरूजी तेरे दर पे आया , यूँ न तू ठुकरा मुझे 

तेरे दर दामन पसारा ,चरणों से तू लगा मुझे 


तेरे द्वारे आ गया , गुरूजी मैं घबरा गया  

अपने कर्मों को देखकर ,गुरूजी मैं शर्मा गया 

माफ़ कर  देना तू मुझको समझकर नादाँ मुझे -------


गुरूजी मैं नहीं पास हूँ ,फिर भी तेरा ही दास हूँ 

विषयों ने भरमा दिया,मैं तो अब घबरा गया 

तेरे चरणों में गिरा हूँ, गुरूजी तू अपना मुझे --------

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --पंजाबी टप्पे

बदरी में रंग कोई ना 
नाम जैसा रंग बन्दया और कोई भी रंग कोई ना 

रुत बड़ी मस्तानी है 
कृपा जो तेरी हुई बदली जिंदगानी है 

चम्पे दा फूल होवे 
गुरूजी तुम्हारे नूर का हरसू सुरूर होवे 

चढ़ी कैसी  खुमारी ऐ 
तेरे ही नाम की उतरे ना खुमारी ऐ 

कभी फेरा लगाया करो 
नैनों की प्यास गुरूजी दर्शन देके मिटाया करो 

तेरी अमृत बाणी ऐ 
गुरूजी तेरी कृपा से मिटी दुःख की कहानी  ऐ 

रहमत का साया है 
गुरूजी तेरे दर से मैंने हर सुख पाया है 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ --इक प्यार का नगमा है

तेरा नाम प्यारा है तुझे मैंने पुकारा है 
हर दुखी आत्मा को मिलता सहारा है

जो भी दर पे आते हैं रक्षा वो पाते हैं 
सोई  हुई किस्मत को वो जगाके जाते हैं 
करते हो रखवाली पाया उसने सहारा है 

दुखियारा जो आये मुक्तपथ पा जाए 
हर मुसीबत उसकी तो इक पल में टल जाए 
रोता हुआ जो आये हँसता हुआ जाता है 

तकदीर बदल जाती किस्मत संवर जाती 
गुरूजी तेरी कृपा से दुनिया ही बदल जाती 
गुरुवर जिसके सर पर रखा हाथ तुम्हारा है 
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

तर्ज़ --दिल लूटने वाले जादूगर

तेरा सुमिरन मैं करती हूँ तेरा नाम ही मेरा सहारा है 

इसी नाम को जपके लाखों  ने पाया वरदान तुम्हारा है 


लाखों को पार लगाते हो हर संकट से बचाते हो ,

नैया को तुम्हीं  बचाते हो, पतवार से पार उतारा है ----


रक्षा करते हो सबकी तुम मुक्तिपथ तुम्हीं बताते हो 

निर्बल का सहारा हो तुम ही तेरे नाम पे सब कुछ वारा है ---


द्वारे पे मेले लगते हैं यहाँ  ढोल  नगाड़े बजते हैं 

 दुखिया सुख पा जाता है मिलता जब उसे सहारा है ---


तुम सबकी लाज बचाते हो हर दुखिया को अपनाते हो 

तेरे चरणों से बहती गंगा जो अमृत की इक धारा है ----

@मीना गुलियानी 


तर्ज़ --इक परदेसी मेरा दिल ले गया

जपा जिसने नाम तेरा वो तर गया 
दुनिया के मोहजाल से उबर गया 

लाखों तूने तारे भव से उबारे 
कितने अनाथों के बने तुम सहारे 
तेरा नाम जपके भंवर से तर गया ---

तेरे दर  पे जो भी आये सवाली 
कितने दुखियारों की करी रखवाली 
सुना जिसने नाम तेरा वो तर गया ---

मिला है सहारा पाया तेरा द्वारा 
सबके लिए है मुक्ति का द्वारा 
अलख निरंजन नाम मिल गया ----
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ - काला डोरिया कुंडे नाल अड्या

क्या कहिए जब सत्संग रंग चढ़या ओये       
दिल भी भीग गया इतना गहरा चढ़या ओये 

सत्संग रंग की इक यही निशानी है 
गहरे रंग में डूबा सर ऊपर पानी है ---

कैसे उबरें हम इतना रंग गहरा ओये 
सतगुरु कृपा बिना न उतरे गहरा ओये ----

उनकी कृपा की बस यही निशानी ओये 
सर पे हाथ उनका बड़ी मेहरबानी ओये ---
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ -परदेसियों से न अखियाँ मिलाना

छोड़के जग को है इक दिन जाना 
भूल न जाना बंदे भूल न जाना 

रात भर का है तेरा बसेरा 
काहे तू न समझा डाला डेरा 
विषयों में तू मन न लगाना ----

पंछी सा बन छोड़ बसेरा 
मोह में न फंस हुआ सवेरा 
पिंजरे से तू मोह न लगाना ----

झूठी है दुनिया झूठे हैं नाते 
कब तक ये निभाएंगे नाते 
इन रिश्तों में न मन भरमाना ----
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ -- घर आया मेरा परदेसी

नाम लगन दिल में जागी 

मन मेरा हुआ अनुरागी 


सत्संग  से जोड़ा नाता 

जग से तोडा हर नाता 

गुरु चरणन से प्रीत लागी ----


सच से प्रीत जुडी ऐसे 

मन वैरागी बना ऐसे 

झूठ से हर तृष्णा भागी ---


गुरूजी ने ऐसा ज्ञान दिया 

जीवन हमारा संवार दिया 

नाम की जोत  दिल में जागी ----

@मीना गुलियानी 

तर्ज़ - बेकरार करके हमें यूँ न जाइये

दिल में गुरु जी को हर पल ध्याईये 
दिन ये जिंदगी के न यूँ गंवाईये 

जिंदगी का यह पड़ाव जीत लो 
प्रेम से तुम नाम ध्याना सीख लो 
अपने कदमों को न यूँ बहकाइये 

गुरु जी से तुम नाता जोड़ लो 
दुनिया के रिश्ते नाते तोड़ लो 
रहमत मिलेगी इसे मत भुलाईये 

जिंदगी फिर आसां हो जायेगी 
किस्मत  तेरो संवर भी जायेगी 
सर को गुरू चरणों में नवाइये 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ - सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था

 गुरु जी तुम्हारे दर का मैं सेवादार था 

आज भी हूँ और कल भी रहूँगा 


तुम बहुत दयालु हो सबसे प्रेम करते हो 

जो कोई हो दीन दुखी उसका गम दूर करते हो 

सदा करें याद तुमको दिल बेकरार था ---------


इस दिल को मिलता है करार दर पे आने से 

नैया को मिले पतवार फ़िक्र न अब ज़माने से 

भंवर में अटकी नैया करो भव से पार है -------


मैं तो हूँ अज्ञानी मुझे हर ज्ञान तुम दे दो 

मेरे नैना हैं तरसें इन्हें दर्शन ज़रा दे दो 

दिल को मेरे  तेरे दर्शन की आस है ------

@मीना गुलियानी 


तर्ज़ - चला चला रे ड्राइवर गाड़ी होले होले

चलो चलो रे गुरूजी धाम जय जय बोले 

गुरूजी के भवन पे काहे मन डोले 


सोडाला में धाम गुरूजी का देखो शोभा न्यारी 

गुरूजी  दर्शन की खातिर आवे संगत सारी -----


गुरु जी का तू नाम सुमिर ले छोड़ आसरा दूजा 

मन में तू विश्वास जमा ले करले इनकी पूजा ----


तू भी नाम सुमिर ले भाई काहे ढूँढे मक्का 

गुरूजी तेरे मन में रहता क्यों है हक्का बक्का ----


काहे न सुमिरे नाम तूने सारी उम्र गुज़ारी 

क्या जाने करनी पड़ जाए चलने की तैयारी -----

@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

तर्ज़ - सजन रे झूठ मत बोलो

भक्तो जप लो गुरूजी का नाम 
संकट से बचाता है 
जो श्रद्धा और सबूरी से 
गुरूजी को ध्याता है 

तेरे ये महल चौबारे नहीं किसी काम आयेंगे 
काहे अभिमान रे प्यारे गुरूजी को ध्या बंदे 
यही तो साथ जाना है ------------------------

न खोना पल जिंदगी के नहीं फिर हाथ आयेंगे 
जपो तुम नाम को हरदम फ़िक्र किस बात की प्यारे 
ये मुक्ति का ठिकाना है ----------------------

भला सोचो भला होगा बुरा सोचो बुरा होगा 
गुरूजी देख लेते हैं करो शुभ कर्म मन से तुम
 यही तो साथ जाना है ------------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ -ये दो दीवाने दिल के

आये भक्त सारे मिलके 
तराने गाएँ मिलके 
चले हैं चले हैं गुरूजी के द्वार 

गुरूजी के द्वार की शोभा निराली 
लौटा ना  दर से कोई भी सवाली 
होती मुरादें पूरी न कामना अधूरी 

रोते  हुए जो आते हँसते वो जाते 
गुरूजी भंडारे भरते खुशियाँ लुटाते 
खाली झोली वो भरते आशाएँ पूर्ण करते 

देखो गुरु जी का धाम कितना है न्यारा 
हर पल खुला रहता है उनका भंडारा 
खजाने देते मन के गुरूजी लगन  के 
@मीना गुलियानी 

तर्ज़ - लागी छूटे

लागी  छूटे ना आएँ तेरे दर पे हम 
चाहे दुनिया छूट जाए न कोई है गम 

तुमको मनायें तेरे दर पे आएँ 
न माने ये जिया 
दिल को लुभाएं हर पल  सदायें 
न बस में जिया 
रटता है हरदम तेरे ही नाम को 
न माने रे जिया -------------

हर पल गायें तेरे तराने 
न माने ये जिया 
 कब सुध लोगे दिल की मेरे 
सुनो मन बसिया 
लेते तेरा नाम सुबह और शाम 
न माने ये जिया --------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज -जिसे तू कबूल करले

तेरे दर पे  आ गई हूँ , झोली को मैं फैलाऊँ 

भरदे जो झोली खाली वो दुआ कहाँ से लाऊँ 


तुझे तो पूजते हैं सारे जहान वाले 

खोले हैं तूने लाखों  किस्मत के बंद ताले 

हों मुरादें सबकी पूरी वो सदा कहाँ से लाऊँ -------


तेरे बिन जहान में तो मेरा न और दूजा 

करती हूँ रात दिन मैं सिर्फ तेरी पूजा 

जो बहार  बनके बरसे वो घटा कहाँ से लाऊँ -------

@मीना गुलियानी 

 

तर्ज --दिल लूटने वाले जादूगर

जबसे पाया है तेरा दर  जो सारे  जहाँ  से न्यारा है 
हर दुखिया को मिलता है यहाँ 
सुख चैन और सहारा है 

तेरे भक्त यहाँ जो आते हैं 
सब झोली भरके जाते हैं 
ख़ुशियों के खज़ाने भरते हो 
जिसने भी तुम्हें पुकारा है ----------------

तुमसे न जहाँ में अपना है 
ये जग तो झूठा सपना है 
माया के बंधन तोड़ते तुम 
तेरा दर तो मुक्तिद्वारा है ------------------

कोई भक्ति तुमसे पाता है 
कोई मुक्तिफल को पाता है 
इच्छा सबकी पूरी हो जाती 
तुमसे तो सबको सहारा है --------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज - गरीबों की सुनो

गुरूजी तुम सुनो तुम्हीं हो रखवाले 
तेरे सिवा न दूजा 
है कौन हमें संभाले 

हम तो पूरे निश्चय से दर पर तेरे आये हैं 
देखो हमारी मजबूरी सब कुछ हम सह  पाए हैं 
तेरे सिवा कोई दूजा नहीं है 
हमारी बागडोर अब तुझे सौंप दी है 
हम सब बेसहारों की किस्मत अब तेरे हाथ रे ------

हम तो लक्ष्य पे चलते चलते कभी भटक भी जाते हैं 
लेकिन तुम हो बहुत दयालु फिर भी समझ न पाते हैं 
तेरे सिवा कोई सहारा नहीं है 
और कोई तुमसे भी प्यारा नहीं है 
हम किस्मत  के मारों की तकदीर तुम्हारे हाथ रे -----
@मीना गुलियानी 

तर्ज -बनवारी रे

ओ मेरे गुरूजी जग से निराला तेरा धाम रे 
मुझे प्यारा लागे तेरा नाम रे 

जग की झूठी मोहमाया ने 
हमको जी भर लूटा 
हर पल भटकते रहे जीवन में 
भव बंधन न टूटा 
मेरी नाव तुम्हारे हाथ रे --------------

इस जिंदगी का न कोई भरोसा 
कुछ भी समझ न आये 
पता चला न कुछ भी हमको 
अब हैं बहुत पछताए 
पतवार सौंपी तुम्हें आज रे --------------

जीने का कुछ नियम नहीं है 
आके तुम समझाना 
कितनी ही मुश्किल से पाया है 
गुरुवर तेरा ठिकाना
अब किस्मत तुम्हारे हाथ रे -------------------
@मीना गुलियानी 

तर्ज - होठों से छू लो तुम

 गुरूजी तुम कृपा करो तेरे दर पर आऊँ मैं 

मेरे सिर पर हाथ  धरो तो भव तर जाऊँ मैं 


तेरे सिवा न कोई मेरा 

झूठा जग ये सारा है 

तेरी कृपा से पाया 

इक तेरा ये द्वारा है 

तुम पार करो भव से 

उस पार उतर जाऊँ मैं ----------------------


जिस पर कृपा होती 

वो बन जाता है मोती 

इस जग में वो चमके 

जैसे हीरे की  ज्योति 

सच्चाई समझ आये तो 

पल में ही उबर जाऊँ मैं -------------------

@मीना गुलियानी              

तर्ज -पंजाबी कीर्तन

मैं तो भूल गया अपनी भी राह 
गुरूजी बचाने वालया 
मुझे सत्यपथ बतला 
नाम को जपाने वालया 

कैसे करूँ पूजा करना न जानू 
भटक गया हूँ कहना न मानूं 
मुझे सीधी राह बता -------------

तेरे सिवा मेरा कोई और नहीं है 
मेरे लिए इस जहाँ में ठोर नहीं है 
मुझे अपनी शरण लगा --------------

भंवर में अटकी नाव पड़ी है 
कैसे करूँ पार मेरी मुश्किल बड़ी है 
मेरी पतवार चला -----------------
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 23 सितंबर 2020

तर्ज ---कीर्तन

मैं तो भूल गया अपनी भी राह ,गुरूजी बचाने वालया        

मुझे सत्यपथ बतला , नाम को जपाने वालया 


कैसे करूँ पूजा करना न जानू 

भटक गया हूँ कहना न मानूँ 

मुझे सीधी राह बता ------------- 


तेरे सिवा मेरा कोई और नहीं है 

मेरे लिए इस जहाँ में ठोर नहीं है 

-मुझे अपनी शरण लगा ----------


 भंवर में अपनी नाव पड़ी है 

कैसे करूँ पार मुश्किल बड़ी है 

मेरी पतवार चला --------------------

@मीना गुलियानी 

तर्ज --तेरे पूजन को भगवान

तेरे नाम को गुरु महाराज ध्याऊँ रोज सुबह और शाम 

कोई दूर से  द्वारे आये कोई जग से हैं ठुकराए 
मिलती सबको शीतल छाँव------------------

कोई आता जो दुखियारा मिलता उसको यहाँ सहारा 
जपता  नाम सुबह और शाम -------------------------

कोई आता है बनके सवाली भर देते हैं झोली खाली 
चिंता करते उसकी तमाम ---------------------------

@मीना गुलियानी 

तर्ज---रुक जा ओ जाने वाली

आजा ओ राही जाने वालया , गोकुल  धाम तो बता जा  

सबसे हारकर पूछा नाम पता तो बता जा ---------------


कहाँ रहते हैं गुरूजी , कहाँ उनका द्वारा है 

सुनते हैं भक्तोँ को वो देते सहारा हैं ------------------------


पहुँचो तुम सोढ़ाला वहाँ धाम न्यारा है 

संसार से ठुकराए पा जाते सहारा है ---------------------


जो निश्चा से आये लौटा न खाली है 

झोली सबकी भरते जिसने भी पुकारा है --------------

@मीना गुलियानी       

तर्ज --तुम बिन जीवन कैसे बीता

 मैंने हर पल तुमको पुकारा 

शरण तेरी आया गुरूजी ----

तेरा ही बस लिया सहारा 

शरण तेरी आया गुरूजी -------


मोहमाया के बंधन कैसे कोई काटे 

जितने दूर भी जाएँ उतने बढ़ते जाते 

सर पे गुरूजी हाथ तुम्हारा ---शरण ----


माया की आंधी ने हर पल हमें नचाया 

जितना दूर भी भागें सर पर गहरा साया 

भवसागर से पार उतारा -----शरण ------


 तृष्णा ने जी भर लूटा काम ,क्रोध बढ़ाया 

तेरे नाम को जपते तेरे द्वारे आया 

लिया है हमने तेरा सहारा -----शरण -----

@मीना गुलियानी

तर्ज -इक परदेसी मेरा दिल ले गया

मैं तो गुरूजी तेरी शरण आया ,डालो तुम अपनी मेहर का साया 

होगा कल्याण जिसने शीश नवाया ,सब कुछ है वरदान में पाया  


तेरे धाम की  शोभा कितनी निराली 

आये जो सवाली कभी जाए न खाली 

मैं भी आज तेरी शरण में हूँ आया ---------------------------------


सुनते हो पुकार सबकी जो भी पुकारे 

तेरी  शरण हम आए दे दो सहारे 

अपनी इच्छा पूरी करने हूँ आया ------------------------------------


कितनी बार पुकारा तुम नहीं आये 

सोचके मेरा मन घबराये 

तेरे काबिल बनने हूँ आया 

@मीना गुलियानी 

(तर्ज -दिल तोडना किसी का )

-बिगड़ी बनाने  वाले गुरूजी एक तू है    

जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है 


तेरा नाम सुनके आया , जग का हूँ मैं सताया 

कुछ नज़रे करम करना ,डालो मेहर का साया 

दिल की सदाएँ सुनलो मेरा एक तू है ---------


जाऊँ किधर यहाँ से , तू ही ज़रा बता दे 

है कौन और मेरा ,तू ही मुझे बता दे 

मेरा वास्ता तुझी से मेरी आत्मा भी तू है -----------


तेरे सिवा  न कोई ,सुनलो मेरी कहानी 

मैं तो फंसी हूँ जग में ,रिश्तों से हार मानी 

तू ही मेरी आरजू है तू ही मेरी जुस्तजू है --------

@मीना गुलियानी 


तर्ज- एक बार आओ जी जवाई जी

एक बार आओ जी गुरूजी म्हारे आंगणा 

थाने याद करूँ मैं दिन रात ----गुरूजी ----------


सब दुनिया ने मालूम होवे गुरूजी म्हारे घर आये 

थांकी पूजा करूँली दिन रात -----गुरूजी ---------


सब दुनिया से लागे मीठो थांका नाम प्यारो 

थारी जोत जलाऊँ दिन रात -----गुरूजी ----------


सब दुनिया जाणे है गुरूजी थारी महिमा भारी 

गुण गाऊँगी तिहारे दिन रात -----गुरूजी --------


सारी  दुनिया थांकी गुरूजी जय जयकार बुलावे 

थांकी झांकी निहारूँ दिन रात -------गुरूजी -------

@मीना  गुलियानी 


गुरुवार, 17 सितंबर 2020

कबीर जी का भजन

कबीर जी का भजन  

मन लागयो मेरो यार फकीरी में 


जो सुख पायो नाम भजन में सो सुख नाहीं अमीरी में 


भला बुरा सबको सुन लीजे , करि गुजरान गरीबी में 


प्रेम  नगर में रहनी हमारी , भलि बनी आई सबूरी में 


हाथ में कुडी बगल में सोटा , चारों दिशा जागीरी में 


आखिर ये तन ख़ाक मिलेगा ,काहे फिरत मगरूरी में 


कहत कबीर सुनो भई  साधो ,साहिब मिले सबूरी में 



कबीर जी का भजन


                    कबीर जी का भजन 

क्या तन माँजता रे , इक दिन माटी में मिल जाना 

जब तक तेल दिए में बाती जगमग जगमग होये 

बीता तेल निपट गई बाती ले चल ले चल होये -----------


छेलो बनकर फिरे  जगत में धर पगड़ी में फूल 

कालबली का लगे तमाचा जाए चौकड़ी भूल ---------------


हाड जले जस लाकड़ी रे केस जले जस घासा रे 

सोने जैसी काया जल गई कोई न आवे पासा ---------------


 घर की तिरया  झुर झुर रोवे बिछुड़ गई मेरी जोड़ी रे 

कहत कबीर सुनो भई साधो जिस जोड़ी तिस तोड़ी -----


(कबीर जी के भजन ) चुनर मोरी रंग डारी

(कबीर जी के भजन ) 

मोरे सतगुरु हैं जी रंगरेज़ चुनर मोरी रंग डारी 


शाही रंग छुडाके दिया मँझीठा रंग 

धोबी से छूटे नहीं दिन दिन होत  सुरंग ---------


भाव के कुंड नेह के जल में प्रेम रंग दई  बोर 

चस्के चास लगाई के रे खूब रंगी रे झकजोर -------


सतगुरु ने चुनरी रंगी रे सतगुरु चतुर सुजान 

सब कुछ उन पर वार दूँ मैं तन मन और ये प्राण ------


सतगुरु की महिम अनन्त अनन्त किया उपकार 

लोचन अनन्त उघाड़या अनंत दिखावण हार ----------


कहे कबीर रंगरेज़ गुरूजी मुझपे हुए दयाल 

शीतल चुनरी ओढ़के मैं मगन  भई  हो निहाल ----------

@मीना गुलियानी 

मन गा ले प्रभु के गीत (तर्ज़ --आ लौट के आजा --वैराग्य )

मन गा ले प्रभु के गीत , हरि से प्रीत लगा ले 

तेरा जीवन होये सुरजीत हरि से प्रीत लगा ले 


माया लगन  किया तुझको मगन 

तृष्णा की अग्नि को बढ़ाया 

जीवन भर में कपट किये तूने 

नाम प्रभु का न गाया 

जप नाम होये तब जीत ---------


जगत है सपना कुछ भी न अपना 

जाना यहाँ से अकेला 

तेरी जवानी है बुदबुदा पानी 

दुनिया हे दो दिन का मेला 

ये जीवन न जाए बीत -------------

@मीना गुलियानी 

बुधवार, 16 सितंबर 2020

कर भजन तू रे बंदे (तर्ज़ - चल उड़ जा रे पंछी ---वैराग्य )


कर  भजन तू रे बंदे की इक दिन छोड़के  ये जग है  जाना  


तोड़ दे झूठे मोह के बंधन क्यों इनमे भरमाया 

छोड़ दे इस झूठी  क्यों संसार बसाया 

क्यों तू  भूल गया रे ---साथ न कुछ भी जाना ----------


विषयों की भूल भुलैया में तू वचन गर्भ का भूला 

ईश्वर सुमिरण कर न पाया यौवन में तू फूला 

तन पर कर अभिमान रे बंदे ----अब है  पड़ा पछताना -------


ये जग है इक पंछी का डेरा छोड़के इक दिन उड़ना 

नाम बाबा का जप ले तू जो भव से पार उतरना 

छोड़के झूठे धंधे जग के -----गुरूजी  की शरण में आना --------


बाबा  का नाम पतितपावन है तर गए पापी सारे 

गौतमी और अहिल्याबाई  शाप के मारे 

है मेरा बाबा दयालु ऐसा ---पल में मिले ठिकाना ----------

@मीना गुलियानी 

है मेरा बाबा दयालु ऐसा -----पल में मिले ठिकाना ---------

@मीना गुलियानी 



रे मन अब तो चेत रे बिरथा जन्म न जाये ------(वैराग्य)

 रे मन अब तो चेत रे - बिरथा जन्म न जाए 



काहे को तूने महल बनाया 

चार दिनों का देस रे--------                  - बिरथा जन्म न जाए 


कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी 

कपट का धरकर भेस रे    ---                       बिरथा जन्म न जाए


रैन दिवस तूने यूँ ही गँवायो 

भूल गया निज भेस रे                                    बिरथा जन्म न जाए


चेत सके तो चेत रे बंदे 

क्या होवे  चुग जाए खेत रे                               बिरथा जन्म न जाए


हाड़ मांस की काय टोरी 

प्रीति कीन्ही किस हेत रे                                    बिरथा जन्म न जाए


अब रोने से क्या होवेगा 

कल ने पास दिया फैंक रे                                    बिरथा जन्म न जाए


चार कहार तुझे लेने आये 

छोड़ चला परदेस रे                                             बिरथा जन्म न जाए

@मीना गुलियानी 



छोड़के जग को है इक दिन जाना(तर्ज - परदेसियों से न अखियाँ मिलाना ---वैराग्य )


छोड़के जग को है इक दिन जाना 

भूल न जाना बंदे भूल न जाना 


ये तो है इक रैन बसेरा किसका रहा है सदा बसेरा 

हुआ सवेरा अब उड़के है जाना --------------------


ये तन है मिट्टी का खिलौना माटी से हुआ पैदा माटी में मिलना 

मोहमाया में तू मत भरमाना ------------------------------------


झूठी हे ये दुनिया सारी  स्वार्थ की प्रीती सारी 

फंस  गया तो फिर पड़े पछताना -------------------------------


भज गुरूजी  का नाम हे बंदे जीवन को तू सुधार ले बंदे 

चौरासी के फंदे में न आना ----------------------------------


भवसागर में मेरी नैया पार उतारो मोरे खिवैया 

गुरूजी मुझे तुम पार लगाना --------------------------------

@मीना गुलियानी 


बीती भजन बिन तेरी जिंदगानी (तर्ज - भूली बिसरी एक कहानी --वैराग्य )


बीती  भजन बिन तेरी जिंदगानी 

होने को आई खत्म कहानी 


वचन गर्भ में किया उसे भूल गया वादा तोड़ दिया 

बहुत करर्ली तूने  ये मनमानी -----------------------


पैसे पे गुमान किया नुक्सान किया अभिमान किया 

अब न चलेगी चाल पुरानी ---------------------------------


रिश्तों से प्यार किया एतबार किया अहंकार किया 

बिसर गई सब  प्रीत  पुरानी ----------------------------------


 विषयों ने दास किया मोह ने घेर लिया मजबूर किया 

कैसी  हठ थी ये अनजानी ----------------------------------


जीवन बेकार किया न भजन किया न  सुधार किया 

अब टपकाये आँख से पानी ---------------------------------


डोली में सवार किया, नाता तोड़ लिया मुख मोड़ लिया 

जिंदगी की यही रीत पुरानी ------------------------------

@मीना गुलियानी 





अगर मुक्ति को पाना है ---(तर्ज -कीर्तन वैराग्य )

 करो नित नाम का सुमिरन अगर मुक्ति को पाना है -

अरे पगले ये वो घर है जो इक दिन छोड़ जाना है 


अवस्था जा रही तेरी बना ले नाम सुमिरण से 

वो खर्ची साथ ले अपने वहाँ पर पहुँच जाना है 


किया नहीं कर्म शुभ तूने दिया नहीं दान हाथों से 

जिव्हा से न किया सुमिरण तेरा किस जगह ठिकाना है 


तेरा दमदम में दम जाता तुझे कुछ नज़र नहीं आता 

तेरी करतूत का पर्चा तेरे दर पे भी आना है 


जो रिश्तेदार हैं तेरे जिन्हें तुझसे ये उल्फत है 

तेरे इस जिस्म को अग्नि पर रखके फिर जलाना है 

@मीना गुलियानी 


गुरु बिन तेरो कौन सहाई------------ (वैराग्य )

गुरु बिन तेरो कौन सहाई , मात पिता सुत नारी भाई 

अंत सहायक नाहीं ------------------------------------


क्यों करता है मेरी मेरी, ये तन एक राख की ढेरी 

छोड़के पिंजरा इक दिन उड़ना क्यों ये प्रीत लगाई 


तज दे झूठी माया काया  क्यों मानव इसमें भरमाया 

गुरु जी ने सच्चा तत्व बताया वो ही तेरा सहाई 


ये जग है इक झूठी माया कंचन जैसा महल बनाया 

तूने माया में मन को रमाकर चैन  गंवा दिया भाई 


गुरु को मीत  बनाले अपना ये जग है इक झूठा सपना 

छूटेंगे जिस  दिन प्राण तेरे तो हंस अकेला जाई 

@मीना गुलियानी 

बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है(तर्ज -होठों से छू लो तुम - वैराग्य )

बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है --------- 

तू छोड़ दे सब बंधन न पल का ठिकाना है 


यहाँ मात पिता भाई मतलब के साथी हैं 

जब स्वार्थ निकल जाए तेरे संघाती हैं 

ये दुनिया दो दिन की जो मुसाफिरखाना है -------


 यहाँ रावण से योद्धा आये और चलते गए 

कई वीर सिकंदर से हाथों को मलते गए 

रह गया यहीं उनका सब माल खज़ाना है ----------------


धन दौलत और माया न संग में जायेगी

दुनिया की हर वस्तु यही पे रह जायेगी 

माटी से तू आया माटी में समाना है -------------


सुन अंत समय तेरे कुछ भी न जाएगा 

भज ले हरि को प्राणी नहीं फिर पछतायेगा 

सब छोड़के तू बन जा प्रभु का दीवाना है ------------

@मीना गुलियानी 

 

मंगलवार, 15 सितंबर 2020

बाबा जी की स्तुति (गुरुजान जी की )

पहले महानन्द बाबा को मनाएं फिर शुभ काम करें 
अपने सोये नसीबों को जगाएं , फिर शुभ काम करें 

बाबा की कृपा से सब दुःख मिट जाएँ 
बार बार गुण उनके गाएँ                        - फिर शुभ काम करें 

बाबा हैं दयालु कर  देंगे निहाल वो 
बड़े प्रेम से उनको रिझायें                       फिर शुभ काम करें 

दर पे जो आये उसके भाग जग जाएँ 
उनके नाम की रटना लगाएं                    फिर शुभ काम करें 

आये जो सवाली कभी जाए न खाली 
सब माँगी मुरादें पायें                                फिर शुभ काम करें 

भक्ति और प्रेम से वन्दना गाएँ 
उनके नाम की जोत जलाएं                       फिर शुभ काम करें 

हर दुःख मेटे और शंका निवारे 
अलख निरंजन रूप ध्यायें                        फिर शुभ काम करें 

देवों के हैं देव मेरे सतगुरु प्यारे 
उनके चरणों में शीश नवाएँ                      फिर शुभ काम करें 
@मीना गुलियानी 

गुरुजान जी की आरती

जय गुरुजान बाबा , स्वामी जय गुरुजान बाबा 
दुःख हर्ता सुख कर्ता , जग पालन कर्ता -----स्वामी -----

घाटगेट महाकाली मंदिर में विराजे 
सर पे पगड़ी सोहे, और दुशाला साजे    ------स्वामी --------

करुणा की मूर्त है , छवि लगे अति  प्यारी 
जो कोई इनको ध्यावे , हरें विपदा सारी     -----स्वामी -----------

गके रुद्राक्ष की माला भाल पे टिका साजे 
पग में खड़ाऊँ सोहे ,घंटा ध्वनि बाजे  --------स्वामी ------------

मुख तेजस्वी इनका, शोभा लगे प्यारी 
सबके दिलों में विराजें ,गुण  गाएँ नर  नारी-----स्वामी -----------

प्रेम दया और भक्ति ,भाव से ये रीझे 
वरदाता करुणामय, मन चाहा दीजे       -------स्वामी -----------

काम क्रोध विषयों को बाबा दूर करें 
प्रेम से जो जय बोले, तीनों ताप हरें -------------स्वामी ----------

 बाबा जी की आरती, प्रेम से जो गावे 
मनवांछित इच्छा को गुरुजान से पावे ---------स्वामी ----------

बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है

बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है 

जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है  


तेरा नाम है वो साधन भव पार जो कराये 

तेरे द्वारे आने वाले आते हैं बिन बुलाये 

लेके आस जो भी आये उसका सदा ही तू है 


मैं तो हूँ अज्ञानी गुरूजी कृपा तो करना 

दोनों हाथो से मेरी खाली झोली आज भरना 

तेरे नाम का सहारा मेरा आसरा भी तू है 


तेरा द्वार छोड़कर मैं जाऊँ कहाँ बता दे 

मैं आस का हूँ पंछी मुझे रास्ता दिखा दे 

मैं धूल तेरे चरणन की मेरा पासबाँ भी तू है 

@मीना गुलियानी 


 

सोमवार, 14 सितंबर 2020

गुरु जी की स्तुति

पहले गुरु महाराज को मनाएँ , फिर शुभ काम करें 

उनके चरणों से शीश झुकाएँ ,फिर  शुभ काम करें 


रूप गुरूजी का कितना है न्यारा 

जैसे सूरज चाँद और तारा 

अलख निरंजन रूप ध्यायें -----------------------------


धाम गुरूजी का इतना प्यारा 

सोढ़ाला में है इनका  द्वारा 

इनके चरणों में हाज़री लगायें -------------------------


जो भी दुखिया दर पे आये 

खाली झोली भराके ले जाए 

उनके चरणों में शीश नवाएँ -----------------------------


जो कोई इनकी शरण में आये 

दूर भाग जाएँ काले साये 

रहमत गुरूजी उसपे बरसाएँ ---------------------------------

@मीना गुलियानी 

आरती

 आरती तेरी गुरूजी मैं गाऊं 

नित चरणन में शीश नवाऊँ 


जब विपदा  ने मुझे सताया 

गुरूजी आपने मुझे बचाया 

कैसे मैं उपकार भुलाऊँ ------------------- 


हम अज्ञानी आये दर पर तेरे

छाये हैं घनघोर अँधेरे 

बंधन काटो मुक्ति पथ पाऊँ --------


माया ने हमको उलझाया 

गुरूजी ने सत्यपथ बतलाया 

कृपा करो तो पग मैं बढ़ाऊँ ----------


लख चौरासी के हैं फेरे 

काटो भवबंधन के घेरे 

भवसागर से मैं तर जाऊँ -----------

@मीना गुलियानी 




द्वारे से ख़ुशी मिल जाती है (चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है)

द्वारे से ख़ुशी मिल जाती है , हर चीज़ पे नूर आ जाता है 
जब मनवांछित सब मिल जाए ,हमें खुद पे गुरुर आ जाता है 

तुम सबकी पुकार को  सुनते हो 
आशा पूर्ण भी करते हो 
दिल में खुशियाँ फिर जग जाती 
हर दिल को  सुकूँ आ जाता है 

तेरे भक्त रास्ता देखते हैं 
जाने कब आओगे  किस्मत से 
बदलेगी सबकी किस्मत भी 
 मनवांछित फल पा जाता है 
@मीना गुलियानी 
























आ जाओ आ जाओ आ जाओ (तर्ज यहाँ कोई नहीं तेरा मेरे सिवा कहती है )

 मेरे दिल ने तुझे ही दी है सदा , मेरी बारी मत देर लगा 

तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ आ जाओ आ जाओ 


मेरे दिल की धड़कने तेरा नाम ले रही हैं 

मेरी नाव की पतवार गुरु जी तुझे ही दी है 

जीवन की धूप छाँव गुरु जी तुझे ही दी है 


मैंने सांसो की डोरी गुरु जी तुझे ही दी है 

जीवन की रेखा भी तेरा नाम ले रही है 

हर दिल की तूने गुरूजी मुरादें पूरी की हैं 

@मीना गुलियानी 

चलें हम चलें हम गुरु जी के द्वार (तर्ज ये दो दीवाने दिल के )

 आओ भक्त सारे मिलके जी नाम उनका जपते

चलें हम चलें हम गुरु जी के द्वार


गुरु जी के द्वारे का अलग नज़ारा 

सुंदर है कितना लगता है प्यारा 

तराने गाएँ मिलके जी मन की लगन के   --------


देखा हे संसार कितना है खोटा 

हर पल यहाँ बस धोखा ही धोखा 

तृष्णा को मिटाएँ गुरूजी के गुण  गाएँ ------------


दिलों के अरमां वो सबके पुजाएँ 

आओ सब मिलके जयकारा बुलाएँ 

आया जो सवाली लौटा कभी न खाली ----------

@मीना गुलियानी 

तेरा इंतज़ार आज भी है (तर्ज -किसी नज़र को तेरा इंतज़ार )

मेरी नज़र  को तेरा इंतज़ार आज भी है  

चले भी आओ कि दिल बेकरार आज भी है 


वो रास्ते हैं मुबारक जहाँ से तुम गुज़रे 

शूल भी फूल बने वो बहार आज भी है -------


तेरे चरणों की धूल मैंने  पाई थी जहाँ 

ज़र्रे ज़र्रे पे उसके निशान आज भी है -----------


तेरे दीदार को तरस  रही हैं आँखे मेरी 

चले भी आओ इन्हें  इंतज़ार आज भी है -------

@मीना गुलियानी 


कटे यम फांसी रे (तर्ज --दर्शन दो घनश्याम )

 रे मन जपले नाम गुरूजी का

कटे यम फांसी रे 


मुक्ति का पथ बतलाएँ तुमको 

सीधी राह पे लाएँ वो तुमको 

सारी  विपदा टल जाती 

मृत्यु टल जाती रे -----------


द्वार तेरे पे जो भी आते 

मांगी मुरादें तुझसे हैं पाते 

अंतर्मन में तुम्ही विराजे 

घट घट वासी रे -----------------------


नैनन में कोई बसे न दूजा 

करूँ मैं निशदिन तेरी ही पूजा 

दिल की खिड़की खोलके पाया 

प्रभु अविनाशी रे -------------------

@मीना गुलियानी 

तुम्हें मैंने पुकारा है (तर्ज --है अपना दिल तो आवारा )

है तेरा ही हमें आसरा तुम्हें मैंने पुकारा है

देना शरण हमे अपनी तुम्हारा ही सहारा है 


दिल से ध्याऊँ तुम्हें मैं मनाऊँ 

तुम्ही से लौ लगाऊँ तू दर्श दिखा 

दिल भोला है बेचारा तुम्हें --------------


कबसे मैंने ठाना तुझे अपना माना 

दुनिया से बेगाना हूँ तेरा सदा 

दे दो  रहमत का इशारा तुम्हें ----------------


दर्श का दिल दीवाना तुम्हीं को पहचाना 

न रूठो तुम दी दिल ने सदा 

द्वारे पे दामन पसारा तुम्हें ------------------

@मीना गुलियानी 

 

मैं तो आऊँगी (तर्ज -मेरा बलमा रंग रंगीला )

तेरा भवन है रंग रंगीला मैं तो आऊँगी 

 तेरे नाम की हो रही लीला मैं तो आऊँगी 

बिगड़ी बनाये भाग्य जगाये मैं तो आऊँगी 


द्वारे से तेरे गुरूजी मांगी मुरादें पायें 

भक्त प्यारे दीवाने नाम को तेरे गाएँ 

भजन सुनाते तुमको हैं ध्याते मैं तो आऊँगी 


नाम तेरे की महिमा कितनी गुरूजी निराली 

कभी लौटाया न दर से जो भी आया सवाली 

गन तेरे गाएँ खुशियाँ मनाएँ मैं तो आऊँगी 


तेरे भवन में गुरूजी कितने मेले लगते 

अष्टमी के दिन गुरूजी सबकी झोली भरते 

माँ की सवारी लगती है प्यारी मैं तो आऊँगी  

@मीना गुलियानी 


दुनिया से हमे लेना क्या (तर्ज --मन लाग्यो मेरो यार फकीरी में )

 मेरा मन करे याद गुरूजी तुमको दुनिया से हमे लेना क्या 

हर पल देती हमें ये धोखा ----------------------------------


-भला बुरा सबका सुनके हम 

करें गुज़ारा गरीबी में ----------------------------------------


चारों तरफ दीखे अँधियारा 

प्रकाश पायो सबूरी में -------------------------------------------


करें वंदना तेरी बनो तुम सहाई 

क्यों गुमान अमीरी में -------------------------------------------

@मीना गुलियानी 

गुरूजी तुमको आना पड़ेगा (तर्ज जिंदगी प्यार का गीत है )

तेरे भक्त पुकारें तुझे गुरूजी तुमको आना पड़ेगा 

सांसो की डोर  हाथ तेरे हमें  जीना सिखाना पड़ेगा 


तुझे हर पल ध्याते हैं हम , तेरे नाम को रटते  हैं हम 

माफ़ करदो गलती मेरी तुझे वचन निभाना पड़ेगा ------


 मेरे सर पे तेरा हाथ हो,गुरूजी दर्शन की आस हो 

चाहे दुनिया ठुकराए हमको ,तुमको साथ निभाना पड़ेगा ------ 


देखो जीवन ये बीत रहा रास्ता बड़ा मुश्किल भरा 

कितनी पथरीली जीवन डगर है फिर भी रास्ता बनाना पड़ेगा ----

@मीना गुलियानी  

रविवार, 13 सितंबर 2020

दिल करता ओ गुरू महाराज(तर्ज --दिल करता ओ यारा दिलदारा )

दिल करता ओ गुरू महाराज मेरा दिल करता 

दर तेरे पे आऊँ फूलों की माला पहनाऊँ 

दर पे डेरे लगाऊँ ------------------------------


तेरा प्यारा भवन जी कितना रंगीला है 

हर पल लग रही भक्तों की लीला है 

करदो निहाल सबको ---जिसने पुकारा है ----


अपने भक्तों की तुम रखते हो  लाज जी 

तभी तो सारे  भक्त करते हैं आस जी 

बनके सवाली मैं भी----- दर तेरे आया --

 

दर्शन की प्यास मुझे कुछ भी न मांगू 

दर्श जो भिक्षा दे दो कुछ न मांगू 

भक्ति में डूबे सारे -----भक्तों ने पुकारा ------

@मीना गुलियानी 

चले हम गुरूजी के द्वार (तर्ज --ये दो दीवाने दिल के )

 मिटेंगे दुःख तन के जी मन की लगन  के

चले हम चले हम गुरूजी के द्वार 


तेरा नाम हर पल गुरूजी ध्यायें 

ऐसी कृपा करदो दर तेरे आएँ 

खुले हैं भंडारे गुरु जी के द्वारे -------------


तेरी लीला का अंत न पाया 

जिसने भी तेरा नाम ध्याया 

खजाने भरे खाली वो करे रखवाली --------


सर पे मेहर का हाथ वो रखते 

खुल जाएँ सारे तकदीर के रास्ते 

गुरूजी साथ देते दुआएँ उनकी लेते --------

@मीना गुलियानी 


दिल मेरा हुआ ये उदास है (ज़रा सामने तो आओ छलिये )

 मुझे दर्श दिखाओ मेरे गुरूजी, मेरी आँखों को दर्शन की प्यास है

 नहीं लगता जिया ये तुम बिन , दिल मेरा हुआ ये उदास है 


तुम बिन मनवा हरदम  तरसे याद में नैना बरसते हैं 

सुबह उठकर तेरा ध्यान लगाते दीद  को हर पल तरसते हैं 

तेरे दर्श की लगी मुझे प्यास है  तू ही रहता दिल के पास है --------


तेरी याद में रोते रोते कितने सावन बीत गए 

रोज़ सुबह से राह निहारें नैना मेरे भीग गए 

जाने कबसे जिया ये उदास है तेरे दर्शन की इसे आस है -------

@मीना गुलियानी -


शनिवार, 12 सितंबर 2020

गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ(आवाज़ देकर हमें तुम बुलाओ )

गुरूजी मुझे तुम दर्श दिखाओ , है टूटा मेरा दिल न इतना रुलाओ  

तेरे बिन गुरूजी है कौन हमारा 

सारी दुनिया में न कोई सहारा 

पाई है ठोकर न तुम ठुकराओ ------------------------


तेरा नाम सुनके मैं आया तेरे दर 

अब तक भटका हूँ दर बे -दर पर  

थक मैं गया हूँ न तुम भी सताओ -----------------------


तेरा नाम दुनिया में छाया सुना है 

तुम उपकार करते हो सबसे सुना है 

मेरे मन की चिंता को आके मिटाओ ---------------------

@मीना गुलियानी 

गुरूजी दर्श दिखाजा (तर्ज -रिमझिम बरसे बादरवा )

रिमझिम बरसे बादरवा  गुरूजी का नाम बोले, 

दर्श दिखाजा गुरूजी दर्श दिखाजा 


दूर दूर से तेरे भक्त यहाँ आते हैं 

प्रेम से श्रद्धा भाव से शीश झुकाते हैं 

फूलों की वर्षा हो रही है प्रेमी जयकारे बुलाते 

दर्श ------------------------------------------


तेरे द्वार पे झंडे गुरूजी झूल रहे झूल रहे 

द्वारे तेरे पे नौबत  बाजे  गूंज रहे गूंज रहे 

दिल की सदाएँ सुनते जो भी दुखियारा पुकारे 

दर्श ----------------------------------------------


कृपा करो गुरूजी तेरे द्वार पे आता रहूँ आता रहूँ 

श्रद्धा और प्रेम से तुझको ध्याता रहूँ  ध्याता रहूँ 

दिल में उमंगे भरके तुमको पुकारते आये 

दर्श -------------------------------------------

@मीना गुलियानी 

तू अब तक काहे सोवत है (तर्ज उठ जाग मुसाफिर भोर भई )

अब जाग रे बन्दे भोर भई , तू अब  तक काहे सोवत है 


उठ गुरूजी का तू ध्यान लगा , अपने मन मंदिर में उनको बिठा 

उठ नींद से अखियाँ खोल ज़रा ,जग जागत है तू सोवत है --------------


मन चंगा करले तू अपना, छोड़ मोहमाया जग इक सपना 

सपनों की दुनिया छोड़ दे तू ,क्यों बात बात पर रोवत है -------------------


 गुरूजी से नाता जोड़ ले तू ,मन को मत भटका मोड़ ले तू 

माया की गठड़ी सर पे तेरे,क्यों तू अज्ञान में खोवत है -------------

@मीना गुलियानी 

गुरूजी तुमको पुकारा है (तर्ज --एक तेरा साथ हमको दो जहाँ से )

 गरीबों के हो नाथ गुरूजी तुमको पुकारा है 

थाम लो हमको ,बढ़ती समय की धारा  है 


नैया मेरी तो मंझधार में फंस रही 

निकालो तुम मंझधार से 

लहरों की आंधी जीवन में चली 

सम्भालो तुम पतवार से 

देकर अपना साथ तूने भव से उबारा है -----


तेरी कृपा से ही जीवन संवर जाता 

जो भी नाम को है  ध्याता 

पलट देते  हो तकदीर को उसकी 

जो भी  गुण तेरे गाता 

 भटके राही  को मिल जाए किनारा है -------

@मीना  गुलियानी 


छोड़के जग को सबने है जाना (तर्ज -परदेसियों से न अखियाँ )

 छोड़के जग को सबने है जाना , भूल न जाना बन्दे समय न गंवाना


हम तो गुरूजी कुछ भी न जाने 

मोहमाया से भरे हैं ख़ज़ाने 

इन भूली बातों से हमको बचाना -------------------------------


आस का पंछी टूट न जाए 

लिया है सहारा तेरा छूट न जाए 

हर आफत से हमको बचाना -------------------------------------


जिसने भी गुरूजी तुमको पुकारा 

चले आये देने  तुम उसको सहारा 

गुरुवर मेरी भी लाज बचाना -------------------------------------


ये दुनिया कपटी देती है धोखा 

गुरूजी बदली तुमने किस्मत की रेखा 

माया मोह से हमको छुड़ाना ----------------------------------------

@मीना गुलियानी 

करो पूर्ण मनोरथ मेरे (तर्ज-- तेरा जादू न चलेगा )

 मैं तो आई गुरूजी दर तेरे , करो पूर्ण मनोरथ मेरे 

काटो माया के ये बंधन मेरे ,नित रहें मेरा रास्ता घेरे 


हम अज्ञानी हैं गुरूजी , ज्ञान तुम्हीं सिखलाना 

हरदम तेरा नाम जपें हमको न बिसराना 

गुरूजी काटो भ्रम जाल के घेरे -----------------


दिल में बसाया तुम्हें जिसने , उनपे कृपा  तो करना 

मोहमाया के बंधन को ,छुडाके सुख देते रहना 

सिर पे हाथ रखो गुरूवर मेरे ----------------------

@मीना गुलियानी 

मांगी मुरादें वो पा जाता (तर्ज -जय जय हे जगदम्बे माता )

 जय जय गुरूजी जो तुमको ध्याता ,मांगी मुरादें वो पा जाता

जीवन सफल बनाता ------------------------------------


जब जब जिसने तुमको पुकारा ,आगे बढ़कर दिया है सहारा 

हर भूले भटके प्राणी से जुड़ जाता इक नाता ----------------


बच्चे सब हैं गुरूजी तेरे, तेरे दर  पर लगाए हैं डेरे 

सबकी विनती सुनलो आकर ,सबके भाग्यविधाता ------------


चाहे तूफां आये जो पथ में,गुरूजी तुम्हारा हाथ बचाए 

सर पर जिसके हाथ धरो तुम मुक्ति फल पा जाता ----------

@मीना गुलियानी 

ध्याऊँ रोज सुबह और शाम -(तर्ज - तेरे पूजन को भगवान)

- तेरे नाम को ओ  गुरूजी ध्याऊँ रोज सुबह और शाम 

किसी ने जानी न तेरी माया किसी ने न भेद तेरा है पाया 

लूटें माया मोह अज्ञान ------------------------------------


हम तो फंस गए बीच मंझधार तुम बिन कौन लगाए पार 

गुरूजी थाम लो अब पतवार ----------------------------------


तू है सबका पालनहारा सबकी बिगड़ी बनाने वाला 

काटो विपदा हमारी आन ------------------------------------------

@मीना गुलियानी 

जिंदगी तेरी चलेगी ( तर्ज कीर्तन वैराग्य)

ये महल ये अटारी हरदम नहीं रहेगी

साँसों की गति से जिंदगी तेरी चलेगी 


रख पूरा तू भरोसा गुरूजी हैं साथ तेरे 

मुश्किल से वो उबारें रहते हैं संग तेरे 

रख विश्वास उन पर मति तेरी भी संवरेगी 


ले नाम का सहारा मिल जाएगा किनारा 

क्यों खो रहे हैं पल पल साँस का पिटारा 

किश्ती  संभाल लेंगे  नैया पार फिर लगेगी 


मत सोच दिल में कुछ भी तेरी सोच बदल देंगे 

जो भी तेरे हित  में होगा वही फैंसला करेंगे 

तज मोह के ये बंधन ये ही व्यथा है भारी 

@मीना गुलियानी 

बिरथा जन्म न जाए ----- (वैराग्य)

 रे मन अब तो चेत रे , बिरथा जन्म न जाए 


काम क्रोध विषयों ने घेरा , गुरूजी हमको आसरा तेरा 

काल ने पासा दिया फेंक रे ------बिरथा --------------


धन दौलत  ये माया काया इससे तो मानव घबराया 

कपट का धरकर भेस रे ---------बिरथा ----------------


गुरूजी खेवनहार हैं तेरे क्यों घबराये ऐ मन मेरे 

सँवारे किस्मत का लेख रे --------बिरथा ---------------


गुरूजी पालनहार हैं तेरे न घबराना ऐ मन मेरे 

खेवनहार तेरी नाव के रे ---------बिरथा -------------------

@मीना गुलियानी -

 

तेरे दरबार हम आये (तर्ज -कीर्तन)

 लिए आँखों में दो आँसू तेरे दरबार हम आये 

नज़र भर देखलो मुझको  मेरे दो नैन भर आये 


यदि ये जान प्यारी है करूँ कुर्बान चरणों में 

करूँ उस जिंदगी का मैं जो किसी काम न आये ----


हमारी जान जाती है गुरूजी अब सम्भालो तुम 

कृपा करो नाथ अब मुझ पर जुबां से कह नहीं पाए -----


गुरूजी दिल की सुनते हैं मुरादें पूरी करते हैं 

अपना दिल सौंपकर  देखो मुरादें गुरूजी से पायें --------

@मीना गुलियानी 

सारे नाते तोड़ के (चली आई रे तेरे लिए सारा जग छोड़के )

झूठी इस दुनिया से मैं तो मुख मोड़के 

मैं आई रे तेरे द्वारे सारे नाते तोड़ के 


द्वार मिला मेरा भाग्य खुला मुझको तेरा दीदार मिला 

खुशियों के मेले लगे मुझे अनुराग मिला 

जाना न कभी दिल तोड़के जी तोड़के -------------------


डोर बंधी तेरे रंग में रंगी चली आई तेरे दर्शन को 

नाम रटूँ हरदम मुझको खुमार मिला 

दुनिया से नाते सारे तोड़के जी तोड़के ----------------------


मैं अज्ञानी ज्ञान सीखा दो हमको तुमसे आस है 

गुरूजी तुम सुनते हो सबकी हमको विश्वास है 

खोले हैं भंडारे दिल खोलके जी खोलके ---------------------

@मीना गुलियानी 

 


  

मैं तो चली रे --(चली चली रे पतंग मेरी चली रे )

 मैं गुरूजी के द्वारे चली रे , लेके फूलों हार और श्रद्धा अपार 

करने जीवन का उद्धार------------ मैं तो चली रे -------------


तेरे नाम को जो भी ध्याये वो तो झोली भरा के ले जाए 

जो भी दर्शन को आया नया जीवन उसने पाया 

जिन्दगानी उसकी तो बनी रे -------------------------------


जो भी श्रद्धा लेके आया गुरूजी ने नसीब जगाया 

पहले जपते जो नाम उनको देते हैं वो धाम 

उसकी सारी विपदा टली रे --------------------------------

@मीना गुलियानी 


तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं (आ लौटके आजा मेरे मीत )

आओ मेरे गुरूजी महाराज तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं

आके विनती ज़रा सुनलो तेरा ही ध्यान लगाते हैं 


माया लोभ ने लूटा हमें तृष्णा ने बड़ा सताया 

दुनिया की मोहमाया में  गुरूजी नाम न तेरा ध्याया 

अब जीवन न जाए बीत ------------------------------ 


गम से भरी इस दुनिया में गुरूजी कोई न मेरा सहारा 

हर पल तेरी ही राह देखूँ सूझे न कोई किनारा 

मेरे पाँव पड़ी जंजीर ---------------------------------


लागी  लगन  हुई मैं तो मगन गुरूजी तुम हमें अपनाना 

दुनिया के रिश्ते झूठे हैं सारे तुम हमको न ठुकराना 

आये शरण निभाना प्रीत -----------------------------

@मीना गुलियानी 


शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

जाने तुझको खबर कब होगी (तर्ज -जोगी हम तो लुट गए)

ओ मेरे गुरु जी हम तो आ गए तेरे द्वार पे

जाने तुझको खबर कब होगी 


कशी मथुरा से भी सुंदर देखा धाम तिहारा 

हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा ------


छोड़के सारे रिश्ते नाते तुझसे जोड़ा नाता 

तुम्हेँ बसाया अंतर्मन में तुम ही भाग्य विधाता ----------


सारे जग वालों ने दाता हमको है ठुकराया 

छोड़के जग की मोहमाया मैं शरण तिहारी आया -----------


पाप गठरिया सर पर धरकर पछतायें हम भारी 

गुरूजी आओ शरण लगाओ विपदा हरलो सारी  --------- 

@मीना गुलियानी 

करो पूर्ण मनोरथ मेरे (तेरा जादू न चलेगा ओ सपेरे )

आई गुरूजी मैं दर पर तेरे करो पूर्ण मनोरथ मेरे 

काटो माया के बंधन मेरे नित रहें मेरा रास्ता घेरे  


मैं तो गुरु जी हूँ अज्ञानी तुम हो दयालु दाता 

छोड़ के जग की हर ममता जोड़ा तुम संग नाता 

मैंने पकड़े चरण आज तेरे ------करो -----------


दिल में बसाई मूरत तेरी सुनते हो बिनती दाता 

तुमसा दयालु कोई नहीं ये संसार बताता 

मैंने डाले तेरे दर पर डेरे ------करो ---------------


नाम तेरे रटती ही रहूँ इतनी कृपा बरसाना 

दिल में हमेशा समाये रहो भव से पार लगाना 

तेरे धाम में लगा लूँ डेरे -------करो --------------

@मीना गुलियानी 


C लिया तेरा एक सहारा है( दिल लूटने वाले जादूगर )

मेरा कोई सहारा नहीं जग में लिया तेरा एक सहारा है 

सब रिश्ते नाते झूठे हैं तुमको ही आज पुकारा है 


तुम विनती सुनते हो सबकी आशा पूर्ण  करते सबकी  

मैं और तो कुछ भी मांगू न तेरे नाम पे सब कुछ वारा है -----


गुरूजी तुम बहुत दयालु हो मेरी विनती सुनने वाले हो 

तेरा दर सबसे अच्छा लगे यहाँ मिलता सबको सहारा है -----


लाखों को तूने तार दिया कितनों का बेड़ा पार किया 

हुई भूल गर तो माफ़  करो तेरा ही नाम पुकारा है ------

@मीना गुलियानी  

बुधवार, 9 सितंबर 2020

,नाम को जपाने वालया (दिन रात तेरा तकनियाँ राह -पंजाबी )

मैं तो भूल गया दुनिया में आ ,नाम को जपाने वालया 

तेरी भक्ति करूँ कैसे आज रास्ता दिखाने  वालया 


भूल गया सब कुछ दुनिया में आके 

बिसरा है सब कुछ नाम को भुलाके 

हमें सीधा मार्ग दिखा -------------------


हर पल ठोकर खाते हैं हम तो 

अपना नाम जपा दो हमको 

हमारा अज्ञान मिटा ----------------------


तेरे सिवा कोई भाए न दूजा 

हर पल तेरी ही करती हूँ पूजा 

सारे बंधन आज छुड़ा ---------------------

@मीना गुलियानी 

आओ देख लो गुरु महाराज (देख तेरे संसार की हालत )

देख तेरे भक्तों पर क्या क्या गुज़र रही है आज 
आओ देख लो गुरु महाराज 

हर पल तेरी महिमा गाऊं , कैसे रिझाऊँ तुम्हें मनाऊँ 
मैं तो कुछ न जानू पर तुम सुनते हो महाराज --------

तेरी कृपा जिस पर होती ,वो तो बन जाता है मोती 
भवसागर से पार करो तुम शरण लीनी तेरी आज ------

तेरी कृपा से तर जाऊँ ,हर पल तेरा नाम ध्याऊँ 
विपदा काटो बंधन काटो ,दर्शन दो महाराज ---------
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 8 सितंबर 2020

जो भी गुरु जी तेरी शरण आया(गम न कर )

जो भी गुरु जी तेरी शरण आया , हर वरदान उसने है पाया 


तेरा नाम जपके वो तर गया 

दुनिया की भंवर से वो उतर  गया  

तेरे नाम को जिसने  है ध्याया --------------------------------


छोड़ दे जग के हर जंजाल , 

जोड़ गुरुजी से प्रीत हो जा निहाल 

तारे उसको जो शरण में आया ---------------------------------


तेरी भक्ति सम और नहीं 

मेरी दुनिया में कोई ठोर नहीं 

करो कृपा शरण तेरी आया -----------------------------------------

@मीना गुलियानी