आज हम अपनी सदाओं का असर देखेंगे
तेरी नज़र देखेंगे ज़ख्मी जिगर देखेंगे
दिल पे लगी चोट तो वो पहले ही नाकाम हुआ
कुछ तो बदनाम ही था और बदनाम हुआ
तेरे एहसानो का इस दिल पे असर देखेंगे
अपनी नाकामियों का ज़िक्र भी अब क्या कीजे
कुछ तो तड़प दी तुमने और तड़पने दीजे
अपनी बर्बादी का अब जश्ने - अलम देखेंगे
तेरी रेहमत का गर एक इशारा होता
जो हुआ हाल हमारा ऐसा न हुआ होता
आज तो चाके गिरेबां पे जुल्म देखेंगे
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