जब तुम अपनी नज़र उठाओगे
दूर दूर तक मुझे ही पाओगे
पतझड़ में शाखों से गिरे
पत्तों सा दूटता पाओगे
भरोगे जब अँजुरी में तुम
बिखरता हुआ पाओगे
@मीना गुलियानी
दूर दूर तक मुझे ही पाओगे
पतझड़ में शाखों से गिरे
पत्तों सा दूटता पाओगे
भरोगे जब अँजुरी में तुम
बिखरता हुआ पाओगे
@मीना गुलियानी
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