तुम्हारी नज़र में मैं आज भले ही कुछ नहीं
मगर याद करो बीते हुए लम्हों को जब
मैं ही तुम्हारे हर दुःख सुख में साथ होती थी
कितने मतलबी हो तुम मतलब पूरा होते ही
मेरी जिंदगी से भी रेत की तरह फिसल गए
मैंने तुम्हे दिल में बसाया पलकों पे बिठाया
तुमने हर पल छल किये दिल से न अपनाया
फिर भी मैंने कभी शिकवा न किया दुआ दी
तुझे ऐसी जिंदगी न मिले जैसी मुझे मिली
@मीना गुलियानी
मगर याद करो बीते हुए लम्हों को जब
मैं ही तुम्हारे हर दुःख सुख में साथ होती थी
कितने मतलबी हो तुम मतलब पूरा होते ही
मेरी जिंदगी से भी रेत की तरह फिसल गए
मैंने तुम्हे दिल में बसाया पलकों पे बिठाया
तुमने हर पल छल किये दिल से न अपनाया
फिर भी मैंने कभी शिकवा न किया दुआ दी
तुझे ऐसी जिंदगी न मिले जैसी मुझे मिली
@मीना गुलियानी
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