Meena's Diary
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मंगलवार, 12 मई 2020
सब कुछ कहाँ कह पाते हैं
तेरे सामने आते ही मुँह पे
चुप के ताले लग जाते हैं
कितना सोचके आते हैं
सब कुछ कहाँ कह पाते हैं
@मीना गुलियानी
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