Meena's Diary
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गुरुवार, 14 मई 2020
नवदीप हम जलाएँ
आज सुबह से ठण्डक कुछ बढ़ गई है
कोहरे की चादर उस पर भी पड़ गई है
अपने प्यार की गर्माहट उसमें भर दें
मन की कटुता मिटा रिश्ते जीवंत करदें
फिर से बुने सपने संवेदना को जगायें
अन्धकार को मिटाकर नवदीप जलाएँ
@मीना गुलियानी
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