मंगलवार, 31 मार्च 2020

वक्त के साथ

वक्त के साथ जिंदगी को देखने का एहसास और
नजरिया बदलता है
@मीना गुलियानी  

तुम क्या जानो हाल हमारा

तुम क्या जानो हाल हमारा
तेरी याद में बीते दिन सारा
तेरे सिवा न कुछ भी गवारा
झूठा लागे मोहे जग सारा
@मीना गुलियानी 

दिन फूलों के बीत रहे हैं

प्रेमियों के प्रेम पगे दिल प्रीत से रीत रहे हैं

 मधुमास भी बीता दिन फूलों के बीत रहे हैं
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 30 मार्च 2020

आचरण उपदेश तुम्हारा

मर्यादा में रहना तुम्हारा आचरण उपदेश तुम्हारा

कितना प्यारा कितना न्यारा पावन संदेश तुम्हारा
@मीना गुलियानी 

One thing I think

That God has given us the time to sit
alone and find the inner peace.  Children
have plenty of time to play, husbands are
helping wives, old persons have filled the
vacuum of loneliness. God has given the
opportunity to fulfil our desires which
we could not do otherwise.  Family is
united again and have developed the
sense of understanding each other more.
@mg

ग़लतफहमी हमारी

ग़लतफहमी हमारी ने कहीं का न रहने दिया

न हमें चैन से जीने ही दिया न ही मरने दिया
@मीना गुलियानी 

रविवार, 29 मार्च 2020

इन दिनों जरूरी है

इन दिनों जरूरी है
घर पर रहना
हाथों को धोना
सबसे दूर रहना
किसी से न मिलना
गरारे को करना
सफाई से रहना
सकारात्मक सोचना
प्राणायाम करना
गर्म पानी पीना
अदरक हल्दी खाना
 चैन से ही सोना
टिशू मास्क प्रयोग
@मीना गुलियानी 

वो एक लम्हा

वो एक लम्हा जो तुम संग बिताया

तन्हाइयों में अक्सर मुझे याद आया
@मीना गुलियानी 

कितना मजबूर है

दर्द किसी का न पहचाने इतना वो मगरूर है
ख़ामख़ाह मसरूफ़ दिखाए कितना मजबूर है
@मीना गुलियानी 

शनिवार, 28 मार्च 2020

We live in a world where

We are living in a situation of threat .  But we
should not leave hope and patience because
doctors, nurses, army and police all are 
performing their duties well.  We have locked
up ourselves and following instructions of
doctors for our safety.  We have positive 
attitude and God is with us.  He will surely
save us from the clutches of Corona.
@mg

ख़्वाब के इंतज़ार

ख्वाब के इंतज़ार में जागते रहे 
नींद से हम कोसों दूर भागते रहे 
@मीना गुलियानी 

अब किस बात का झगड़ा जी

मैने मानी तेरी बात अब किस बात का झगड़ा जी
तुझे कुछ नहीं चाहा फिर काये का ये रगड़ा जी
@मीना गुलियानी 

ख़्वाब के इंतज़ार में

पलकों को बंद किया हे तेरे ख़्वाब के इंतज़ार में 
पहले इन्हें खुला रखा हुआ था तेरे ही इन्तज़ार में 
@मीना गुलियानी 

भूख का कोई धर्म ही नहीं

देश आपदा से जूझ रहा है
कोई भूखा प्यासा गर यहाँ है
उसको तुम भरपेट खिलाओ
ऐसे कर्म में कोई शर्म नहीं
करो तुम सदा सत्कर्म यही
भूख का कोई धर्म ही नहीं
इसके बराबर कोई धर्म नहीं
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

first weekend

This is the first weekend when
 all family members sat together
and discussed on important issues.
Otherwise nobody could find time
We had cleaned our home in the
absence of maid.  Tried new dishes,
watched t.v., read stories etc.

@meena gulyani

अपनों के संग

अपनों के संग बिताया हर लम्हा खूबसूरत होता है

जिंदगी का वो पल बेहद हसीन खुशनुमा होता है
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 26 मार्च 2020

अपनी जिम्मेदारी समझें

अपनी जिम्मेदारी समझें मत करें हमें परेशान

घर पर ही चादर ओढ़कर करें तनिक विश्राम
@मीना गुलियानी 

तुम्हारे देख लेने से

तुम्हारे देख लेने से ग़म दूर हो जाता है

आँखों को सुकूँ दिल को करार आता है
@मीना गुलियानी 

नहीं मुमकिन

नहीं मुमकिन उनके दिल के हर जज़्बात समझना
 वो चाहते हैं नामुमकिन को मुमकिन में बदलना
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 25 मार्च 2020

जो हताश नहीं होते

वक्त की रेत  पर सब कुछ फिसल जाता है

सागर में मोती पाते हैं जो हताश नहीं होते
@मीना गुलियानी 

दिल में तो जवां है

अभी तो बहुत दूर जाना है हमको
सर पर भी बहुत बड़ा इम्तहां है
देखो न पाँव तुम गर पड़े हैं छाले
इश्क भी अपने दिल में तो जवां है
@मीना गुलियानी 

छोड़ देना अच्छा है

छोड़ देना अच्छा है बुरे लोगों का संग
जोड़ो नाता सज्जनों से करो रोज़ सत्सग
@मीना गुलियानी 

दुर्गा तुम

दुर्गा तुम दुर्गतिनाशिनी लेके चंडी अवतार
आज करो माँ करोना महामारी का संहार
@मीना  गुलियानी 

How do you spend your day at home nowadays ?

How do you spend your day at home
nowadays ?


I sit in the sun light. Make important calls
to my relatives.  Pass my time in reading,
imagination for writing poems, listening
to music, watching t.v.  I do prayers and
some yoga exercises in the morning . I have
full faith in God and hope for the best to
conquer it.

@mg

मंगलवार, 24 मार्च 2020

इन दिनों

घटनाएँ घटित होती जा रहीं हैं इन दिनों

कहानियाँ ही बनती जा रहीं हैं इन दिनों
@मीना गुलियानी 

अधीर मत हो मन

अधीर मत हो मन वक्त जैसा भी हो वो गुज़र जाएगा

जीवन के पल हँसके बिता सुख का सूरज उग जाएगा
@मीना गुलियानी 

कैद करलो तुम मुझे

कैद करलो तुम मुझे बाहों के घेरे में

जहाँ से निकल भी न पायें अँधेरे में
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 23 मार्च 2020

अधीर मत हो मन

अधीर मत हो मन वक्त जैसा भी हो वो गुज़र जायेगा
जीवन के पल हँसके बिता सुख का सूरज उग जायेगा
@मीना गुलियानी 

मुझे पहचानते हो

कितने अरमानों से घर बनाया था जानते हो
बरसों पहले रहता था मैं मुझे पहचानते हो
@मीना गुलियानी 

याद करो कुर्बानी

याद करो कुर्बानी इन शहीदों  के बलिदान की
चूमा फांसी का फंदा आन बचाई हिन्दुस्तान की
@मीना गुलियानी 

रविवार, 22 मार्च 2020

काम की हैं तन्हाइयां

बीते समय की परछाई बनती हैं तन्हाइयां
बिछुड़े हुए मिलाती काम की हैं तन्हाइयां
@मीना गुलियानी 

शनिवार, 21 मार्च 2020

हमारी जिम्मेदारी है

करोना की विपदा पड़ी देश पर संकट भारी है
जनता कर्फ़्यू अपनाना हमारी जिम्मेदारी है
@मीना गुलियानी 

मन का पियानो बजाते है

शमा के जलने से  शाम शबाब पर होती है
भावना के सुर मन का पियानो बजाते है
@मीना गुलियानी 

शुक्रिया जिंदगी

आज बड़ी मुद्द्त के बाद
जिंदगी को देखने जांचने को
अपनी डायरी के पन्ने पलटे
 वो तो काफी बदल गई
उसकी गुलाबी रंगत अब
ढलकर थोड़ी सांवली हो गई
चेहरे की लकीरें खिंची दिखीं
माथे की कुछ सिलवटें भी
उभरने लगी मुझसे वो
उम्र दराज होने की कुछ
चुगली सी करने लगी थी
लेकिन इस पड़ाव तक
कितनी खुशनुमा जिंदगी
हमने भी जी ली थी
अब किसी बात का मुझे
कोई अफ़सोस ही नहीं है
अब भी वो पल जब
याद आते हैं तो मुझे
वो ख़ुशी से भरे हुए
छलकते पैमाने  ख़ुशी से
लबरेज़ कर  देते हैं शुक्रिया जिंदगी
@मीना गुलियानी 

कविता रचती है हमें

अंलकार छंद संग लिए कविता रचती है हमें
नित नए गीतों से पल्ल्वित करती है  वो हमें
@मीना गुलियानी 

कविता रचती है हमें

कविता रचती है हमें पायें रूप अभिराम
ले सहारा छन्दों का प्रयास करें सुबह शाम
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 20 मार्च 2020

पथिक हूँ मैं चलूँ किस ओर

पथिक हूँ मैं चलूँ किस ओर
न सूझे मुझे कहाँ मेरी ठोर
भटकाए जहाँ चलूँ जिस ओर
मंजिल का न कोई ओर छोर
@मीना गुलियानी 

दूरी भी मुझे अच्छी लगती है

तेरे आने का पैगाम लेके पुरवाई जो गुज़रती है
तो कभी कभी ये दूरी भी मुझे अच्छी लगती है
@मीना गुलियानी 

कुछ देर मेरे पास रहो

दो घड़ी बात करो तुम यूँ न रूठे से रहो
आँखें है प्यासी कुछ देर मेरे पास रहो
@मीना गुलियानी 

ध्यान दीजिये

मेरी बात पर ध्यान दीजिये मेरा कहा  मान लीजिए
हम भी कोई गैर नहीं दिल में अपने जगह दीजिए
@मीना गुलियानी 

दिल अकेला ही रह गया

कोई पूछे तो हाल उसका
दिल अकेला ही रह गया
पहले सबके साथ था वो
अब झमेला सा पड़ गया
लोगों ने दूरियाँ बना लीं
करोना जो पीछे पड़ गया
जो कभी मिलता गले था
हाथ मिलाने से वो डर गया
दूर से ही सब देखते उसको
प्यार का एहसास किधर गया
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 19 मार्च 2020

रे मन धीरज क्यों न धरे

रे मन धीरज क्यों न धरे
सम्वत दो हज़ार के ऊपर ऐसा जोग परे
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण चहुँ दिशा काल फिरे
अकाल मृत्यु जग माहि व्यापै परजा बहुत मरै
स्वर्ण फूल वन पृथ्वी फूले धर्म की बेल बढ़े
सहस्र वर्ष लगि  सतयुग व्यापे सुख  की दया फिरे
काल जाल से वही  बचेगा जो गुरु का ध्यान धरे
सूरदास यह हरि की लीला टारे नाहि टरे 

हर ग़म झेलतीं हैं

आँखें रहकर चुपचाप हर ग़म झेलतीं हैं
अश्कों को बहा  दिल का राज़ खोलती हैं
नादां है जो न समझे इनकी मूक भाषा
ये मासूम प्यार इनमे भरकर उड़ेलती हैं
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 18 मार्च 2020

तुम्हें मालूम है

तुम्हें मालूम है चिलमन को उठाना ,गिराना
कनखियों से देखना ,मुस्कुराना, भाग जाना
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 17 मार्च 2020

सावधानी बचाव है

करोना से डरने की बजाय सावधानी जरूरी है
भारतीय संस्कृति में लौटना भी जरूरी है
हाथ मिलाने गले लगाने की बजाय हाथों को
जोड़कर आगन्तुक का स्वागत करना जरूरी है
मांस भक्षण त्यागकर शाकाहारी बनना जरूरी है
बाहर घूमने की बजाय घर में रहना जरूरी है
भीड़ से बचना,मास्क पहनना सफाई जरूरी है
खाँसते ,छींकते  टिशू का इस्तेमाल जरूरी है
बार बार पानी पीना हाथ धोना भी जरूरी है
सावधानी बचाव है सावधानी हटी दुर्घटना घटी
@मीना गुलियानी 

ऐसे ही बात बनाता है वो

ऐसे ही बात बनाता है वो
दिल को मेरे चुराता है वो
दूर कहीं ले जाता मुझे वो
हर पल मुझे हँसाता है वो
चुपके कहीं खो जाता है वो
नज़रों से छुप जाता है वो
सपनों में मेरे आता है वो
दिल को मेरे बहलाता है वो
सारे सपने सजाता है वो
हर पल मुझको भाता है वो
कैसे बताऊँ कौन मेरा है वो
@मीना गुलियानी

कभी अन्दर भी आकर तू देख

कभी अन्दर भी आकर तू देख
मन के आकाश का प्रकाश देख
अपने अन्धकार मिटाके तू देख
बंद नैनों से अंदर झाँकके तू देख
दूसरों के दोषों को तू  भूलके देख 
खुद को तराजू पे तोलके तू देख
बार तू मन अपना लगाके तू देख
आवागमन मिट जाएगा तू देख
कितना सुख पायेगा आके तू देख
इक बार तू सुरत लगाके तो देख
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 16 मार्च 2020

वक्त

वक्त जब चाहे राजा को रंक और
रंक को राजा बना सकता है
@मीना गुलियानी 

कौन हमारा रास्ता रोके

हैं अलमस्त हवा के झोंके कौन हमारा रास्ता रोके
खुद टकराके चकनाचूर  हो जाए जो हमको टोके
@मीना गुलियानी 

कौन हमारा रास्ता रोके

मस्त हवा के हैं हम झोंके कौन हमारा रास्ता रोके

टकराके वो चकनाचूर हो कौन है ऐसा जो हमें टोके
@मीना गुलियानी 

दुआ

दुआ मुसीबत का रास्ता बदल सकती है
@मीना गुलियानी
  

कुछ अपने दिल की कहो

कुछ अपने दिल की कहो न बैठो गुमसुम
तुम्हें यूँ चुपचाप देखके होश मेरे हुए ग़ुम
@मीना गुलियानी 

रविवार, 15 मार्च 2020

फूल फिर भी फूल है

ख़ाक में मिला तो क्या फूल फिर भी फूल है
क्यों रौंदना इसे पाँव से ये आदमी की भूल है
@मीना गुलियानी 

आहिस्ता आहिस्ता

तुमको पाकर आहिस्ता आहिस्ता हम संवरने लगे
पाके दो जहाँ की ख़ुशियाँ ग़म से हम उबरने लगे
@मीना गुलियानी 

आईना धुंधला गया है

आईना धुंधला गया है दिल भी कुम्हला गया है
फूल सा था अक्स मेरा वो भी तो मुरझा गया है
@मीना गुलियानी 

शनिवार, 14 मार्च 2020

रंगरेज़ है

जो रूह को रंग दे वही रंगरेज़ है
@मीना गुलियानी 

नियंत्रण जरूरी है

सुकून से जिंदगी बिताने के लिए
इच्छाओं पर नियंत्रण जरूरी है
@मीना गुलियानी 

मोहब्बत जरूरी है

इबादत के लिए भी मोहब्बत जरूरी है
@मीना गुलियानी 

आसान नहीं होता

खुद को समझना आसान नहीं होता
@मीना गुलियानी 

जीत उसी की होती है

जो खुद को बदल डालता है
जीत उसी की होती है
@मीना गुलियानी 

भावना का होना जरूरी है

रिश्तों को निभाने के लिए
भावना का होना जरूरी है
@मीना गुलियानी 

साथ हमारा

सबसे  प्यारा है साथ हमारा
कभी न छूटे साथ हमारा
जन्म जन्म का वादा हमारा
अमित रहेगा प्यार हमारा
है सभी रिश्तों से प्यारा
गगनचुम्बी है प्यार हमारा
भरा पूरा परिवार हमारा
रंगबिरंगे फूलों से संवारा
खुशिओं भरा संसार हमारा
जान से प्यारा साथ हमारा
@मीना गुलियानी 

कैसी ये उदासी है

कैसी ये उदासी है तू भी कुछ खफा सी है
चलो मिटालें दूरियाँ फ़िज़ा बेमज़ा सी है
@मीना गुलियानी 

मेरी जगह



मेरी जगह कभी किसी और को न दोगी तुम
 ये वादा करो  मुझसे सदा मेरी ही रहोगी तुम
@मीना गुलियानी 

दुनिया लुटाई है

दिल की कश्मकश और उलझनों में
उम्मीद की अपनी मैंने ढाल बनाई है

जिंदगी तुझसे आगे निकलने को
मैंने भी तो अपनी रफ़्तार बढ़ाई है

तुझसे खेलने में मज़ा आने लगा है
जीतने  के लिए हौंसला अफ़ज़ाई है

माना कि कुछ पल ग़म के मिले हैं
सुनहरे पलों ने कीमत चुकाई है

ये लहरें तूफां क्यों टकराएं मुझसे
मैंने वफ़ा के नाम दुनिया लुटाई है
@मीना गुलियानी

ए 1 8 0  जेडी ए , स्टाफ कालोनी
जगतपुरा , जयपुर 3 0 2 0 1 7
9828230273

शुक्रवार, 13 मार्च 2020

रौशनी ओ रौशनी

आके नैनों में बसों तुम रौशनी ओ रौशनी
दिल वीणा तारों की झंकृत करो तरंगिणी
मन मयूरा डोले झूमे गाये मधुर रागिनी
शोक व संताप हरलो हे भव भय भञ्जनी
@मीना गुलियानी 

बड़ी कीमत चुकाई

तेरे प्यार की हमने बड़ी कीमत चुकाई
 तोहमतें उठाईं दुनिया रास न आई
@मीना गुलियानी 

बड़ी कीमत चुकाई

तेरे प्यार की हमने
बड़ी कीमत चुकाई
कितनी तोहमतें उठाई
दुनिया रास न आई
की हमसे बेवफाई
हुई हमारी जगहँसाई
न रहमत बरसाई
तू  निकली हरजाई
न जहमत उठाई
न कभी मिलने आई
न कोई रस्म निभाई
उलझनों में उम्र बिताई
@मीना गुलियानी 

निखार आता है

ध्यान से हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है
@मीना गुलियानी 

बन जाता है

मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है
@मीना गुलियानी 

खून बहता है

जब शरीर पर चोट लगती है तो
खून बहता है जबकि हमारे शरीर
में पानी बहुत अधिक मात्रा में है
@मीना गुलियानी 

चाबी है

प्रेम हर ताले की चाबी है
@मीना गुलियानी 

आँखों से पानी बहता है

कितनी ही अद्भुत बात है कि जब  दिल को
चोट लगती है तो आँखों से पानी बहता है
@मीना गुलियानी 

पलट के आजा ओ मुसाफिर

पलट के आजा ओ मुसाफिर
ये तो नहीं है तेरा ठिकाना
तुझे तो अपने घर लौट जाना
बुलाता तुझे तेरा गुज़रा जमाना
जहाँ तूने सीखा प्यार निभाना
बचपन के साथी भूल न जाना
पलट आ बुलाये ये तेरा दीवाना
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 12 मार्च 2020

बच्चों से सीखो

बच्चों से सीखो जिन्दगी को कैसे है जीना
दिल खोलके सीखो हँसना बेफिक्री से जीना
@मीना गुलियानी 

घर छोड़के जाना पड़ता है

रिश्तों में दरार आ जाए उसे तोड़के जाना पड़ता है
अपने बेगाने बन जाएँ तो घर छोड़के जाना पड़ता है
@मीना गुलियानी

हो जाता है कभी कभी

ऐसा अक्सर मेरे साथ हो जाता है कभी कभी
दिल नहीं मिलते तो कहीं हालात कभी कभी
@मीना गुलियानी 

बुधवार, 11 मार्च 2020

मिलजुलकर हल ढूँढेंगे

गर मिलजुलकर हल ढूँढेंगे तो मिलेगा ज़रूर
अकेला निराश मन थककर होगा चकनाचूर
@मीना गुलियानी 

हवाओं पर लिखा

मैंने अपना पैग़ाम हवाओं पर लिखा
हवाओं ने उसे पूरी वादी में फैलाया
फूलों ने अपनी खुशबु से महकाया
भँवरों ने भी  गुञ्जन से गुनगुनाया
कलियों ने अपनी सुरभि को लुटाया
मेघों ने भी घटा संग रास को रचाया  
फिर मेघ ने धरती पर पानी बरसाया
चंदा ने चाँदनी प्रियतमा को रिझाया
धरा ने पायल खनकाकर गीत गाया
तुमने सुना  पैगाम क्या असर लाया 
@मीना गुलियानी                                                        

मंगलवार, 10 मार्च 2020

रंग लगाके चला गया वो ,

रंग लगाके चला गया वो ,
 जादू मुझपे कर  गया वो
नैन बाण से तीर चलाके
दिल को घायल कर गया वो
@मीना गुलियानी


ख़ता हुई मुझसे

माफ़ करो कसूर को जो ख़ता हुई  मुझसे
यूँ खफ़ा से न रहो बात करो तुम मुझसे
@मीना गुलियानी 

आओ मुझको रंग लगाओ

पनघट पर खड़ी बाहें पसारे
नैना बाट जोह कर हारे
सावरिया न अब तरसाओ
आओ मुझको रंग लगाओ
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 9 मार्च 2020

रंग बिरंगे मेरे हैं दोस्त

रंग बिरंगे मेरे हैं दोस्त
होली के रंग में नहीं होश
कोई भी पहचान न पाए
अलबेले मतवाले मेरे दोस्त
हरा, पीला , लाल, गुलाबी
सारे रंग मुँह पे लिए पोत
ऊपर से फिर भांग पीकर
हँसते हँसते हो गए लोटपोट
होली है कोई बुरा न मानो
खाओ मिठाई सब भरपेट
@मीना गुलियानी 

रविवार, 8 मार्च 2020

अपने आप नहीं होगा

अपने आप ये नहीं होगा
दिल को चुराना पड़ता है
बड़ी मुश्किल से मिलता है
कितने वादे करने पड़ते हैं
 गाना ,हँसना भी पड़ता है
प्यार निभाना पड़ता है
इंकार,इकरार भी होता है
चक्कर  लगाने पड़ते हैं
रूठे तो मनाना पड़ता है
 सब कुछ लुटाना पड़ता है
@मीना गुलियानी








एक ज़रा से आँसू ने

एक ज़रा से आँसू ने तो
दिल को मेरे तड़पा दिया
ये तूने भी क्या है किया
क्यों दिल किसी को दिया
तुझको क्या हासिल हुआ
मैंने क्या था कसूर किया
कैसा बदला ये तूने लिया
@मीना गुलियानी 

वो पहली बार जो प्यार हुआ

वो पहली बार जो प्यार हुआ
उसने चुपके से दिल को छुआ
मेरा दिल फना उसपे हुआ
फिर दीवाना मैं उसका हुआ
धीरे धीरे प्यार आगे बढ़ा
नशा सा मेरे दिल पे चढ़ा
सुरूर बिन पिए बढ़ता गया
होश मेरा तो गुम हो गया
@मीना गुलियानी 

मेरी पहचान

मेरी पहचान मेरी माँ से है
जिसने बड़ी मुश्किल से पाला
स्वाभिमान से जीना सिखाया
अपने पैरों पे चलना  सिखाया
नम्रता परोपकार का पाठ पढ़ाया
कोई बड़ा न कोई छोटा यही बताया
धैर्य और सच्चाई का पाठ पढ़ाया
अपनी चादर में ही रहना सिखाया
सादगी समय का मूल्य समझाया
वो मेरा वृक्ष है मैं उसकी छाया
@मीना गुलियानी

एक औरत ने

एक औरत ने मुझे जन्म दिया
पाल पोसकर बड़ा भी किया
अंगुली पकड़कर चलना सिखाया
खूब पढ़ाया खूब लिखाया
खूब गोदी में उसने खिलाया
दुलराया मुझे प्यार दिया
वो मेरी माँ प्रथम गुरु है
सदा मेरे दिल में रहती है
प्रेरित मुझे वो करती है
जब कभी भी मैं घबराऊँ
चिंता सारी वो हर लेती है
सपनों में आकर मुझको
संबल अपना वो देती है
माँ है मेरी जो धड़कन में
 सदा समाहित ही रहती है
@मीना गुलियानी

शनिवार, 7 मार्च 2020

रात गुज़र जाती है यूँ

रात गुज़र जाती है यूँ
तेरे इंतज़ार में जब
तू दबे पाँव आती है
जुल्फों से महक आती है
साँसे कुछ कह जाती हैं
सितारे झिलमिलाते हैं
मिलके चाँद से गाते हैं
प्यार का इज़हार करते हैं
लम्हे यूँ भी गुज़रते हैं
@मीना गुलियानी 

गुलाब ने कहा

गुलाब ने कहा
तुम भी आओ
आके मुस्कुराओ
जीवन क्षणभंगुर है
इसे हँसके बिताओ
कल किसने देखा है
आज तो झूमो गाओ
@मीना गुलियानी 

किताबों की दुनिया

किताबों की दुनिया खूबसूरत है
सबको इसकी होती जरूरत है
बच्चे , जवान, बूढ़े सब हैं दीवाने
सुनते , सुनाते , पढ़ते हैं फ़साने
दादी , नानी भी कहानी सुनाती
बच्चों का वो भी मन बहलाती
बच्चे कॉर्टून कहानियाँ पढ़ते
पढ़ते पढ़ते लोटपोट हो जाते
इससे सबका ज्ञान है बढ़ता
इससे सभी का समय है कटता
ज्ञान विज्ञानं का अथाह भंडार है
किताबों का न कोई पाया पार है
गद्य पद्य में कई रचनाकार हैं
किताबों की दुनिया लाजवाब है
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 6 मार्च 2020

बात सिर्फ इतनी सी है

बात सिर्फ इतनी सी है
तुमने मुझे जाना नहीं
मुझे पहचाना ही नहीं
कभी अपना माना नहीं
बात कुछ भी तो नहीं
समझ सको तो बड़ी है
नासमझो तो कुछ नहीं
@मीना गुलियानी 

इन आँखों ने

इन आँखों ने मुझपे जादू किया
मेरा दिल तो मेरे हाथों से गया
तेरे ख्यालों में ही वो खोने लगा
मुझे तो नशा सा तेरा होने लगा
लहरें जैसे मचलती हैं नदी में
मचलते हैं अरमा ऐसे ही दिल में
आँखों में पानी सा झरने लगा है
तीर जबसे तेरी आँखों का लगा है
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 5 मार्च 2020

बेफिक्र हम जियें

तेरा मिला जो साथ फिर क्यों फ़िक्र में जियें
जीवन खुशहाल बनाएँ और बेफिक्र हम जियें
हर लम्हा मुस्कुराएं चिन्ता हटाके हम जियें 
जीवन में उम्मीदों के रंग भरकर हम जियें
@मीना गुलियानी 

तरस गए हम तो

तरस गए हम तो
तेरे मीठे बोल को
तेरे झुके नैन को
तेरी शीतल सैन को
कोयल की कूक को
पपीहे की पी पी को
मोर के नृत्य को
भँवरे की गुनगुन को
बांकी चितवन को
गाँव की होली को
बरसाने की टोली को
रंगों की बौछार को
कान्हा के प्यार को
चंग की थाप को
आके दर्श दिखाओ
दिल की तृषा बुझाओ
@मीना गुलियानी 

तुम्हें अपना समझते थे

तुम्हें अपना समझते थे
तो सबसे दूर ही रहते थे
दिल में तुम ही बसते थे
तुम्हीं पे जां छिड़कते थे
ख़ुशी के फूल खिलते थे
हर पल हँसते ही रहते थे
ग़मों से दूर हम रहते थे
जुदा जब हो गए तुमसे
वो सपने छिन गए हमसे
वो मौसम रूठ गया हमसे
@मीना गुलियानी

बुधवार, 4 मार्च 2020

आईना देखा न करो

तुम कभी भूल से भी आईना देखा न करो
खुद पे मिट जाना बड़ी बात नहीं होती है
@मीना गुलियानी 

तुम्हें सिर्फ अपनी पड़ी है

तुम्हें सिर्फ अपनी पड़ी है
सर पे मुसीबत खड़ी है
मुश्किल की ये घड़ी है
दुनिया मक्कार बड़ी है
सबको अपनी पड़ी है
सवालों की ही  झड़ी है
काम की फेहरिस्त बड़ी है
फैसले की ये घड़ी है
हर तरफ लाईन बड़ी है
कैसे निपटूँ  सोच बड़ी है
@मीना गुलियानी 

हँसते चेहरों से ही है जिंदगी

हँसते चेहरों से ही है जिंदगी
ग़म से निजात पाती जिंदगी
सबको भाती है ऐसी जिंदगी
खुशनुमा हो जाती है जिंदगी
दिल में सुकून पाती जिंदगी
गीत गुनगुनाती है जिंदगी
@मीना गुलियानी 

नतीजा सोच लीजिये पहले

नतीजा सोच लीजिये पहले
फिर दिल लगाने का सोचना
इस राह में मुसीबतें आयेंगी
कितनी तोहमतें भी लगेंगी
तुम्हारी रुसवाई भी होगी
तुम्हारी जग हँसाई भी होगी
लोग राह में काँटे बिछायेंगे
उलझनों के जाल बुने जायेंगे
पहले आप अंजाम सोच लीजिये
@मीना गुलियानी  

तेरे साथ गुज़ारा लम्हा

 तेरे साथ गुज़ारा लम्हा
बीते पलों की याद है
तेरा तसव्वुर आँखों में है
दिल की धड़कन में है
सांसों की सरगम में है
पायल की रुनझुन में है
गीतों के बोलों में है
हवा की खुशबु में है
मेरे ख्वाबों में तू  है
हर जगह मौजूद है
वो लम्हा जिंदगी है
मेरी आरजू जुस्तजू है
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 3 मार्च 2020

जख़्म सिलते नहीं

जख़्म सिलते नहीं
दिल मिलते नहीं
अजब से हैं हालात
दफन हुए जज्बात
घर में सन्नाटा है
समझ न आता है
कैसे मिटें दूरियाँ
हाय ये मजबूरियाँ
सबका बुरा हाल है
जीना भी मुहाल है
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 2 मार्च 2020

हँसने की बात नहीं

ये तो हँसने की बात नहीं
ऐसे भी कोई हालात नहीं
इस हँसी का कोई मोल नहीं
हँसना बच्चों का खेल नहीं
बिन बात हँसी भी भाती नहीं
सबको हर घड़ी सुहाती नहीं
@मीना गुलियानी 

रंग भर लीजिये

जीवन के हर सपने को
साकार आज कर लीजिये
मत बैठो चुपचाप आप
जीवन में रंग भर लीजिये
ठंडी मस्त चले पुरवाई
गोरी ने गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने मारी पिचकारी
सुध बुध उसको भूली सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी 

पराजय

अगर आदमी गिरकर उठने से इंकार करदे
तब उसकी पराजय निश्चित है
@मीना गुलियानी 

शुक्र और सब्र

दाता गर दे तो शुक्र करो
गर न दे तो सब्र करो
@मीना गुलियानी




सोचते रहते हो क्या

न जाने क्या सोचते रहते हो 
मुझे कुछ बताते भी नहीं हो 
जब मैं कुछ पूछूं टाल देते हो 
खुलकर कोई बात न करते हो 
तुम्हीं बताओ क्यों खफ़ा हो 
क्यों मुझसे नज़रें चुराते हो 
मुझसे हमेशा क्यों दूर रहते हो 
लगता है कोई गलतफहमी है 
उसे तुम दूर क्यों न करते हो 
@मीना गुलियानी 

माफ़ी

माफ़ कर  देने से या माफ़ी माँग लेने से
समस्या का हल हो सकता है
@मीना गुलियानी 

क्रोध और सब्र



क्रोध सब कुछ ले जाता है

 सब्र सब कुछ दे जाता है
@मीना गुलियानी


जी चाहता है

उलझनों तुम मुझसे दूर ही रहो
आज मुस्कुराने को जी चाहता है
@मीना गुलियानी 

मूल मंत्र

कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच ही
सफलता पाने का मूल मंत्र है
@मीना गुलियानी 

सोचते रहते हो क्या

सोचते रहते हो क्या रहते क्यों तुम गुमसुम
 मंजिल हमारी एक है पहल मैं करुँ या तुम
@मीना गुलियानी 

किसका रस्ता देख रहे हो

किसका रस्ता देख रहे हो
व्यर्थ चिंता में डूब रहे हो
छोड़ गया जो तुझे अक़ेला
उसके मोह में भटक रहे हो
याद में पल छिन गिनकर
रेत पर क्या लिख रहे हो
@मीना गुलियानी 

रविवार, 1 मार्च 2020

फूल खिलेंगे

पतझड़ गया नए फूल खिलेंगे
मुरझाये पेड़ पौधे हरे भरे होंगे
बरसों के बिछुड़े प्रेमी फिर मिलेंगे
तन मन अपना वो रंग में रंगेंगे
आया है फागुन पिचकारी भरेंगे
घोटेंगे भांग और चंग भी बजेंगे
कान्हा जी के रंग में सब रंगेंगे
@मीना गुलियानी 

निशान अभी बाकी हैं

जिंदगी तुझसे जो जख्म मिले
उसके निशान अभी भी बाकी हैं
कुछ घाव तो शायद भर भी गए
पर कुछ अभी भरने बाकी हैं
जिस्मों के निशान मिट भी गए
पर रूह पे निशान अभी बाकी हैं
कितने ही ख़्वाब देखे थे हमने
क्यों जुदा हुए जो थे कभी अपने
जुल्म नफरत के हिसाब बाकी हैं
@मीना गुलियानी 

अभी तो और जीना है

अभी तो और जीना है
ख़ुशी के साथ जीना है
 मेरी आरजू जुस्तज़ू है
तेरे ही संग में जीना है
तेरी बाहों में जन्नत है
तू ही तो मेरा सफीना है
@मीना गुलियानी