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गुरुवार, 11 अगस्त 2016

भजनमाला --------128

जन्मया जन्मया रे मीराबाई मेड़ते 
कोई परणादि रे चित्तौड़ ---मेवाड़ी राणा ने 

सांप पिटारो ऐ मीरा राणा भेज्या 
कोई दीजो मीराबाई ने जाए -मेवाड़ी राणा ने 

खोल पिटारो ऐ मीराबाई देखियो 
कोई बन गयो नोसरहार  -  मेवाड़ी राणा ने 

जहर प्यालो ऐ मीरा राणा भेज्या 
कोई दीजो मीराबाई ने जाए  - मेवाड़ी राणा ने 

कर चरणामृत रे ,मीराबाई पी  गई 
कोई थे जाणो जी रघुनाथ  - मेवाड़ी  राणा ने 

 नाहर पिंजरा  ऐ मीरा राणा भेज्या 
कोई दीजो मीबाई ने जाए  - मेवाड़ी राणा ने 

खोल पिंजरा  ऐ मीराबाई देख्या 
कोई  बन गयो सालिग्राम -मेवाड़ी राणा ने 

सत के सरन में रे मीराबाई बोल्या 
कोई गुरूजी  मिले रविदास  - मेवाड़ी राणा ने 
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

भजनमाला -------127

कितनी बार पुकारा तुमको सुनते नहीँ पुकार
भूल गए क्यों दीनों के आधार 

दयासिन्धु क्यों दया नहीँ दिखलाते हो 
होकर दीनानाथ दुखी ठुकराते हो 
छिपा नहीँ है तुमसे कुछ भी 
दीनों के दातार ----------  भूल गए क्यों

 नहीँ जानते क्या तुम हम जो कष्ट सहे
किसके आगे रोयें किससे हाल कहें
छोड़ तुम्हें बतलाओ बाबा
लें किसका आधार -----------भूल गए क्यों

डगमग डगमग डोले मेरी नैया है
तुम बिन मेरा कोई नहीँ खिवैया है
पार करो भवसागर से जो
आन फंसी मंझधार -----------भूल गए क्यों

करता दास पुकार ये विनती सुन लीजे
दर्शन देके पार ये बेडा कर दीजे
आके कष्ट हरो तुम मेरे
करदो बेड़ा पार ----------------भूल गए क्यों
@मीना गुलियानी 

भजनमाला -----------126

सबसे बड़ा है इस दुनिया में गुरु चरणों का नाता 
लालन पालन मात पिता का गुरु चलना है सिखाता 

जिसके सर पर हाथ गुरु का जीवन से तर जाए 
मंजिल तो क्या चीज़ जगत में खुद भगवन मिल जाए 
रूठे साथी रूठे नाती धन से रूठे भ्राता 

जिसने गुरु चरणों में झुककर अपना शीश नवाया 
आँधी और तूफ़ान चले पर संग गुरु का साया 
जप तप गुरु चाहे लाख करो पर बिन गुरु ज्ञान न आता 

सब कुछ अपना अर्पण करदो चाहे जिधर ले जाए 
जिसको खोजो मन्दिर में मन दर्पण में दिखलाये 
इक पल भी हो जाए कृपा तो भव सागर तर जाता 
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 8 अगस्त 2016

भजनमाला----------125

बीत गइयाँ घडियां मुड़के हत्थ नइयो आणिया
सुतया तू जाग काहनू लम्बियाँ ने तानियाँ 

छुप गए चन्न तारे सूरज अखा खोलियाँ 
राम दे प्यारे पंछी बोलदे ने बोलियां 
तू वि उठ जाग पढ़ लै संता दियाँ बाणिया 

अखियां नू खोल ज़रा छड दे खुमारियाँ 
खुल गया बाज़ार लुट लया व्यापारीयां 
गठरी नू सम्भाल तेरी सुतिया विहानियां 

उठ के सवेरे पन्थ करले सरावा दे 
झूठे भरवासे हुंदे बदलां दी छावां दे 
ओखिया ने प्रेम दियाँ मंजिला निभणियाँ 
@मीना गुलियानी  

भजनमाला ------124

सिर को हमने आके झुकाया शरण तेरी पाने को 
छोड़ तेरा दर न जाएंगे ठोकरें खाने को 

याद में तेरी आंसू आये 
गीत विरह के हमने गाये 
अश्कों की माला है पिरोई 
तुमको पहनाने को 

दुनिया ने मुँह मोड़ा हमसे 
सबने नाता तोडा हमसे 
मायाजाल को तोड़के आये 
दर पे मिट जाने को 

भूलें हुई नादाँ हैं हम तो 
बच्चे तेरे अन्जान है हम तो 
भूलों को बिसरा के आओ 
हमको अपनाने को 
@मीना गुलियानी 

रविवार, 7 अगस्त 2016

भजनमाला -------123

मंझधार में है मेरी ये नैया पार करो ओ मेरे खिवैया

तुमने ही सबकी बिगड़ी सँवारी
डूबती नैया पार उतारी
डोले भँवर में मेरी नैया

छोड़ तुझे मै किस दर जाऊं
किसको अपनी विपदा सुनाऊँ
पत राखो मोरी धीर के बंधैया

विपदाओं का जाल है गहरा
उबरूं कैसे माया का पहरा
भव से उबारो जीवन की नैया

मोहमाया ने मुझको हे घेरा
चक्र चौरासी का ये फेरा
काटो ये बन्धन जग के रचैया
@मीना गुलियानी

भजनमाला -------122

मेरे भोले बाबा तूने सबको   तारा 
आई हूँ मैं तेरे द्वार आज मुझे तारो जी 

पापों ने लूटा विषयों ने घेरा 
मुझे आसरा तेरा 
मोहमाया के बन्धन काटो चौरासी का फेरा 
मैंने शरण लीनी तेरी नाथ आज मुझे तारो जी 

दिल मेरा डोले खाये हिचकोले 
दर पे कैसे आऊँ 
पापों की गठरी सिर पर मेरे सोचके मैं शर्माऊं 
अब दया करो महाराज आज मुझे तारो जी 

जगत के दाता भग्यविधाता 
आई हूँ मैं दुखियारी 
सब पे कृपा लुटाने वाले आज है मेरी बारी 
मेरी तुम रखना लाज आज मुझे तारो जी 
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

भजनमाला ------121

भोले बाबा मेरी बिगड़ी बना दोगे  तो क्या होगा 
बड़े दातार हो दर्शन करा दोगे तो क्या होगा 

सुकर्मी धर्मधारी तो बहुत तारे है प्रभु तुमने 
किनारे एक पापी को लगा दोगे तो क्या होगा 

भजन कुछ आपका बनता नही लाचार हूँ भगवन 
मेरा बिन भजन के संकट मिटा दोगे तो क्या होगा 

दयालु सुन बड़ा स्वामी शरण तेरी मैं आया हूँ 
मेरे ऊपर ज़रा सी भी दया कर दोगे तो क्या होगा 

सहायक आप बिन कोई न देखा मैने तो भगवन 
मुझे भी एक दिन सुख से बिठा दोगे तो  क्या होगा 
@ मीना गुलियानी 

भजनमाला -------120

कर सेवा गुरु चरणन की युक्ति यही भव तरणन की 

गुरु की महिमा है भारी बेग करे भव जल पारी 
विपदा हरे ये तन मन की 

मन की दुविधा दूर करे ज्ञान भक्ति भरपूर करे 
भेद कहे शुभ करमन की 

गुरु दयालु होते है मन की मैल को धोते है 
मोह हटावें विषयन की 

भेद भरम सब मिटा दिया घट में दर्शन करा दिया 
कैसी लीला दर्शन की 

गुरु चरणों में झुक जाओ दास कहे नित गुण गाओ 
करूँ वन्दना चरणन की 
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 4 अगस्त 2016

भजनमाला ------------119

यही है बाबा मेरी आरजू तेरा दर्श  मै करता रहूँ 
तुम रहो  सदा मेरे सामने मै यूँ ही तुझे देखा करूँ 

मेरे दिल में तेरा निवास हो तू सदा ही मेरे साथ हो 
चाहे सुख मिले चाहे दुःख मिले पर कभी न तुझसे जुदा रहूँ 

मै तेरा ही बनके रहूँ सदा दिल से मेरे निकले दुआ 
जिऊँ तो सदा तेरी याद में तेरी याद में बाबा मैं मरूँ 

कोई भूल हो तो क्षमा करो पर मुझसे तुम न खफा रहो 
तेरे बिन तो सूनी है जिंदगी तेरे गम में मैं न जला करूँ 

इतनी सी है मेरी इल्तज़ा रख हाथ सिर पे मेरे ज़रा 
तेरे चरणों में मेरा ध्यान हो तेरे नाम को ही जपा करूँ 

जब मौत की घड़ी पास हो तब तू ही मेरे पास हो 
तेरी छवि बसी मेरे मन में हो तब मरने से भी न डरूँ 
@मीना गुलियानी  

भजनमाला --------118

हम आये तेरे द्वार तू सुनले पुकार 
है तेरा सहारा दुनिया में कौन हमारा 

इक तेरी ही मुझको आस रहे 
जब तक कि साँस में साँस रहे 
जब दिल ही गया है टूट है दूर किनारा 

दुनिया ने है बाबा ठुकराया 
मै हारके तेरे दर आया 
जब तुम ही गए हो रूठ तो किसका सहारा 

पापों ने मुझे मिटा डाला 
तेरे नाम का मिला मुझे प्याला 
अन्धकार हुआ मेरा दूर हुआ उजियारा 
@मीना गुलियानी 

भजनमाला --------117

तेरी नैया भँवर में पड़ी नाम जपले घड़ी दो घड़ी 

झूठी माया का पर्दा पड़ा अँधा बनके जगत में खड़ा 
सारी बात समझता है तू पर तू तो है चिकना घड़ा 
मौत आगे चले न तड़ी 

कर ना  काया  का दिल में गुमान  झूठी कोरी है इसकी ये शान 
तू अकड़ता है किस बात पर बिन बताए निकल जाएँ प्राण 
न है टूटी की कोई जड़ी 

नेक कर्मो से जीवन सुधार थोड़ा करले प्रभु से भी प्यार 
एक ये ही सहारा तेरा डूबती नैया करता है पार 
तेरी नैया भँवर में अड़ी 
@मीना गुलियानी 

भजनमाला ------------116

अखियाँ प्यासी दर्शन की प्यास बुझा दो नैनन की

अब तो दरश दिखा जाना
प्यास को आके मिटा जाना
धार भ मेरे अँसुअन की

जोड़ा तुम्हरे संग नाता
भिक्षुक मैं हूँ तुम दाता
लाज रखो मुझ निर्बल की

सब कुछ है तुम्हरे अर्पण
आई बनके मैं जोगन
दासी बना लो चरणन की

बाबा जी अब तो मेहर करो
अर्ज सुनो मत देर करो
पत राखो निज शरणंन की
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 2 अगस्त 2016

भजनमाला -------115

मंझधार में है मेरी ये नैया पार करो ओ मेरे खिवैया 

तुमने  ही सबकी बिगड़ी सँवारी 
डूबती नैया पार उतारी 
डोले भँवर में मेरी नैया 

छोड़ तुझे मै किस दर जाऊँ 
 विपदा अपनी किसको सुनाऊँ 
पत राखो मोरी धीर के बंधैया 

विपदाओं का जाल है गहरा 
उबरूं कैसे माया का पहरा 
भव से उबारो जीवन की नैया 

मोहमाया ने मुझको घेरा 
चक्र चौरासी का ये फेरा 
काटो ये बन्धन जग के रचैया 
@ मीना गुलियानी 

भजनमाला --------114

रे मन भज ले नाम हरि का कटे जम फांसी रे 

माया में तूने मन उलझाया 
मनमन्दिर में न दीप जलाया 
विषयों में तेरी बीती उमरिया आवे सुन हांसी रे 

दुःख में  तूने उसे अपनाया 
सुख आया तो उसको भुलाया 
कैसे कटे दुःख की घड़ी जो न भजे अविनाशी रे 

कर में मनका तूने फिराया 
कपट का तूने भेस बनाया 
उसकी कृपा जो होवे  तो किस्मत बदल जाती रे 
@मीना गुलियानी 

सोमवार, 1 अगस्त 2016

भजनमाला -------113

तेरे दर्शन को पाने का बाबा मैं भी भिखारी हूँ 
दे दो वरदान न टालो मैं निर्बल हूँ दुखारी हूँ 

तेरा दरबार है ऐसा जहाँ से सब कुछ है मिल जाता 
कहाँ पर अब मैं जाऊँ बाबा तेरे दर का पुजारी हूँ 

किया मजबूर इस दिल ने जमाने ने भी ठुकराया 
,मगर क्यों रूठे हो मुझसे मैं तो दुखिया बेचारी हूँ 

तेरे दीदार को तरसे मेरे नैना बड़े प्यासे 
आ जाओ देर न करना मैं लाया आस भारी हूँ 
@मीना गुलियानी 

भजनमाला ----------112

जब देखा निगाह पसार बीच संसार एक ही द्वारा 
तेरे बिन कौन हमारा 

मतलब का हर एक नाता है 
मतलब बिन कोई नही चाहता है 
मतलब का सब संसार देखा सारा 

शिवरात्रि के दिन आते है 
दर्शन को प्रेमी जाते है 
सब संगत रलमिल बोले जयजयकारा 

वहाँ जगमग ज्योति जल रही है 
वहाँ प्रेम की गंगा चल रही है 
वहाँ जाके सबको मिलता है सहारा 

वहाँ सुंदर गुफा तुम्हारी है 
मोहे आस दर्श की भारी है 
जी चाहे कब देखूँगा आन नज़ारा 
@मीना गुलियानी