यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

फिर से गुनगुनाएगा

जिंदगी के पन्ने
अभी तक संजोये
लम्हे जो थे खोये
फिसले थे जो कल
हाथों से मेरे चुपचाप
उनका एहसास अब तक
अन्तर तक सालता है
 जाने कब इस दिल को
करार आएगा कब वो
फिर से गुनगुनाएगा
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

करदे तू सर्वस्व अर्पण

ओ मेरे चंचल मन
तू बावला मत बन
ले ले प्रभु की शरण
करले उनका तू भजन
 सुंदर हैं प्रभु के चरण
करले उनका तू चिन्तन
वो करेंगे हृदय तेरा पावन
करेंगे तेरे दुःख का हरण
मत रख तनिक भी भरम
करदे तू सर्वस्व अर्पण
@मीना गुलियानी

सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

नित दर्शन की प्यासी

प्रभु जी तेरी शरण पड़ी है दासी
भव पार करो काटो यम की फांसी

मैंने कष्ट बहुत है पाया
भटक जून चौरासी
मानुष का तन पाया
मिटाओ दुखों की राशि

मैंने बहुत पाप है कीन्हा
संसारी भोगों की आशा ने
दुःख बहुत मुझे दीन्हा
ये कामना है सत्यानाशी

प्रभु जी मैंने भक्ति नहीं कीन्ही
झूठे भोगों की तृष्णा में
उम्र सारी खो दीन्हीं
दुःख मेरे मेटो अविनाशी

प्रभु जी अब सारी आशा टूटी
तेरे चरणों की धूलि लागे
 मुझे एक संजीवनी बूटी
रहूँ नित दर्शन की प्यासी
@मीना गुलियानी

रविवार, 3 फ़रवरी 2019

अपना काम कर दिया

अपने खूने  ज़िगर की स्याही
में कलम डुबोकर हमने
भेजकर इक ख़त को हमने
चर्चा वफ़ा का सरेआम कर दिया

सोचा था घुट घुटके मरेँगे
लब सी लेंगे उफ़ न करेंगे
प्यार के रिश्ते को सबने
पर बदनाम कर दिया

तोड़के हर ज़ुल्मों की जंजीरे
क्या रोकेंगीं ये शमशीरें
ठान लिया जब डरना कैसा
हमने अपना काम कर दिया
@मीना गुलियानी 

आँख मलते मलते

आ गई फिर तेरी याद शाम ढलते ढलते
बुझने लगे दिल के चिराग़ जलते जलते

जाने कैसे ग़म घर में फिर घुसने लगे
तेज़ हवाओं के झोंकों के चलते चलते

तुझको बरसों से देखा नहीं इस तरफ मैंने
परछाईं मिटने लगी अश्कों के ढलते ढलते

जिंदगी के साज़ ने फिर से एक सुर सजाया
कसक जगी ख़्वाब मिटे आँख मलते मलते
@मीना गुलियानी 

शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

दिल की यही दुआ है

मेरे दिल ने तुझे अब दी है सदा
सुन मेरी सदा मत देर लगा
तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ

मेरी नैया की पतवार अब तेरे हाथ मेँ है
जीवन की धूप छाँव अब तेरे हाथ में है
मेरी सांसो का भी तार अब तेरे हाथ में है

देखो ये कायनात तेरा नाम ले रही है
सूरज की किरण भी तेरे मुख को छू रही है
सारे जग को ये ख़ुशी का पैगाम दे रही है

जबसे तुझे पाया तू बना मेरा खुदा है
थाम हाथ तू मेरा यही तुझसे इल्तज़ा है
कभी छोड़ना न मुझको दिल की यही दुआ है
@मीना गुलियानी