जिंदगी के पन्ने
अभी तक संजोये
लम्हे जो थे खोये
फिसले थे जो कल
हाथों से मेरे चुपचाप
उनका एहसास अब तक
अन्तर तक सालता है
जाने कब इस दिल को
करार आएगा कब वो
फिर से गुनगुनाएगा
@मीना गुलियानी
अभी तक संजोये
लम्हे जो थे खोये
फिसले थे जो कल
हाथों से मेरे चुपचाप
उनका एहसास अब तक
अन्तर तक सालता है
जाने कब इस दिल को
करार आएगा कब वो
फिर से गुनगुनाएगा
@मीना गुलियानी
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