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बुधवार, 13 अप्रैल 2016

माता की भेंट ---तर्ज --नगरी नगरी द्वारे द्वारे

लगियाँ मेनु तेरियाँ तांगा आजा शेरां वालिए 
शक्ति अपनी आ दिखा जा माता शक्ति वालिए 

हार दा पासा नज़र है आंदा बाज़ी आ पलटा मेरी 
आजा होक रूप पवन दा न मैया तू कर  देरी 
दुखड़े मेरे आन मिटा जा भगतां दी रखवालिए 

हारे मेरे नैन विचारे तक तक तेरियाँ रावा माँ 
बैठी तेरी याद दे अंदर गिण गिण ओसियां पावा माँ 
गम नू मेरे दिलों मिटा जा सुए चोल्या वालिये 

खुल जावनगे पर्दे जिस दम राजा झोली खोलेगा 
भोग तेरे दी करें निरादरी पैरा दे विच रोलेगा 
अपने नाम दी लज्जा रखले माता भोली भालिए 
@मीना गुलियानी 

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