जिंदगी में जीने के कई पड़ाव आयेंगे
गुज़रोगे जहाँ से तुम हम साथ आयेंगे
खाएँ गर ठोकर तो तुम बचा लेना
देना सहारा गिरे गर तो उठा लेना
दिलों में अब कभी फांसले न आयेंगे
बहारें बीत गईं तो खिज़ा भी जायेगी
ये बहारें फिर लौटकर भी आयेंगी
दिन सुहाने जो गुज़रे साथ लौट आयेंगे
अजीब सी बेकरारी घेर लेती है मुझको
तन्हाईयाँ बोलती हैं तुम पुकारो मुझको
जुदा जो तुमसे हुए हम भी जी न पायेंगे
@मीना गुलियानी
गुज़रोगे जहाँ से तुम हम साथ आयेंगे
खाएँ गर ठोकर तो तुम बचा लेना
देना सहारा गिरे गर तो उठा लेना
दिलों में अब कभी फांसले न आयेंगे
बहारें बीत गईं तो खिज़ा भी जायेगी
ये बहारें फिर लौटकर भी आयेंगी
दिन सुहाने जो गुज़रे साथ लौट आयेंगे
अजीब सी बेकरारी घेर लेती है मुझको
तन्हाईयाँ बोलती हैं तुम पुकारो मुझको
जुदा जो तुमसे हुए हम भी जी न पायेंगे
@मीना गुलियानी
वाह उम्दा गजल ।
जवाब देंहटाएंखाएँ गर ठोकर तो तुम बचा लेना
जवाब देंहटाएंदेना सहारा गिरे गर तो उठा लेना
दिलों में अब कभी फांसले न आयेंगे--------
वाह !!!!!! बहत सुंदर भाव प्रणव गीत !!!!!!!!!!!!!!!!!!
उम्दा
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