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मंगलवार, 17 जुलाई 2018

आँगन में बरसने लगेंगी

तुम अपनी मस्त चाल चलते रहो
नदिया भी तुम संग बहने लगेगी

तुम आज खिलखिलाकर हँसदो ज़रा
फ़िज़ाओं में रंगत बिखरने लगेगी

बालों में गजरा तुम लगाओ ज़रा
हवा ये गुलों से महकने लगेगी

तुम हवाओं में झूमो तो आज
लताएँ तुम संग थिरकने लगेँगी

फुरसत के क्षण कुछ निकालो ज़रा
खुशियाँ आँगन में बरसने लगेंगी
@मीना गुलियानी

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