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शनिवार, 17 अगस्त 2019

नादान बहुत हैं

एक तुम ही तो थे जिसने मुझे सम्भाला
जीवन की हर आफत से बाहर निकाला
 जिन्दगी पर तुम्हारे ऐहसान बहुत हैं
कुछ हम भी अभी तक  नादान बहुत हैं
@मीना गुलियानी

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