यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

तर्ज़ --छुप गया कोई रे

ओ मेरे गुरूजी , कष्ट निवार दो 
शरण तेरी हम आये ,भव से उबार दो 

आस तेरी हम लाये , दुनिया के सताये 
हमें है भरोसा तुम पर ,हैं घबराये 
नैया भंवर में मेरी, पार उतार दो ----

माया ने हमें भरमाया ,शरण तेरी आया 
गुरूजी मुझे बचालो,दुःख का सताया ,
हाथ मेहर का रखो ,जिंदगी संवार दो -----

हम अज्ञानी तेरी, शरण में आये 
गुरु जी देना सहारा, दिल घबराये 
है आसरा तुम्हारा ,भव से उबार दो -----
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें