खुद ही कश्ती खुद ही पतवार
अब खुद ही उतरना है भवपार
तूफां का मुझे कोई खौफ नहीं
मँझधार में भी हम उतरेंगे पार
नीला अंबर मेरा प्रहरी बना है
रुकावटों को करेंगे हम दरकिनार
बाहों में भरकर हिम्मत हौंसला
लहरों से टकराएंगे हम बारम्बार
अब हर चुनौती मुझे है स्वीकार
जीतेंगे हम कभी न मानेंगे हार
@मीना गुलियानी
अब खुद ही उतरना है भवपार
तूफां का मुझे कोई खौफ नहीं
मँझधार में भी हम उतरेंगे पार
नीला अंबर मेरा प्रहरी बना है
रुकावटों को करेंगे हम दरकिनार
बाहों में भरकर हिम्मत हौंसला
लहरों से टकराएंगे हम बारम्बार
अब हर चुनौती मुझे है स्वीकार
जीतेंगे हम कभी न मानेंगे हार
@मीना गुलियानी
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