शाम से दिल जल रहा है
सुबह न जाने क्या होगा
धू धू करके आग बढ़ी है
हश्र इसका जाने क्या होगा
कोई तो आके इसको बुझाये
भड़क उठेगी तो क्या होगा
दिल के अरमां राख हुए हैं
कुरेदने से कुछ न मिलेगा
@मीना गुलियानी
सुबह न जाने क्या होगा
धू धू करके आग बढ़ी है
हश्र इसका जाने क्या होगा
कोई तो आके इसको बुझाये
भड़क उठेगी तो क्या होगा
दिल के अरमां राख हुए हैं
कुरेदने से कुछ न मिलेगा
@मीना गुलियानी
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