हर तरफ फरेब का जाल बिछा है
खुदा का शुक्र है कि हम बच गए
हर तरफ झूठ, लूट, गोलमाल है
हम खुद को बचाके आगे बढ़ गए
इक तरफ कुआँ इक तरफ खाई है
जो न सम्भल पाया चोट खाई है
हाल है पेड़ से गिरे खजूर में अटके
गनीमत यही है हम यहाँ बच गए
@मीना गुलियानी
खुदा का शुक्र है कि हम बच गए
हर तरफ झूठ, लूट, गोलमाल है
हम खुद को बचाके आगे बढ़ गए
इक तरफ कुआँ इक तरफ खाई है
जो न सम्भल पाया चोट खाई है
हाल है पेड़ से गिरे खजूर में अटके
गनीमत यही है हम यहाँ बच गए
@मीना गुलियानी
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