Meena's Diary
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शनिवार, 30 नवंबर 2019
ये वो दौर है
ये वो दौर है जहाँ जीने के लिए
खुद को भी मिटाना पड़ता है
हर ज़ख़्म अपना भुलाकर हमें
सबके लिए मुस्कुराना पड़ता है
@मीना गुलियानी
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