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गुरुवार, 21 मई 2015

गुरुदेव के भजन 370 (Gurudev Ke Bhajan 370)


तर्ज----कहीं पे निगाहें 

कठिन है राहें रास्ता दिखाना  
पाप कर्मो से हमें तू आ बचाना 

रे मन मूर्ख तू अब भी सम्भल जा 
झूठे मायाजाल को तू तोड़के निकल जा 
जन्म यूं बातों में अब न गंवाना 

हीरे जैसा तन पाके रखा न ख्याल रे 
जीवन तूने दिया पर की न सम्भाल रे 
समय बीता जाये पड़े न पछताना 

मोह वाले जाल ने हमें है आज घेरा 
काटो बाबा बंधन मोरे चौरासी का फेरा 
माया के जाल से तू हमे आ छुड़ाना 

बाबा आन बचाओ भंवर में है बेडा 
तुम बिन बाबा और न कोई  अब मेरा 
बाबा मेरी नैया किनारे पे लगाना 

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