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गुरुवार, 14 जुलाई 2016

पास बैठो ज़रा

पास बैठो ज़रा चैन मिल जाएगा 
वक्त केसा भी हो वो गुज़र जाएगा 

दूर हमसे न  होना गर भूल हो 
माफ़ करना मेरी भूल चूक को 
दिन थमेगा नहीं वक्त ढल जाएगा 

तुम तो यूं ही सदा मुस्कुराया करो 
पलकें आँसुओ में न डुबाया करो 
जुल्फें संवरे तो चंदा निकल आएगा 

गेसुओं में छुपा लो हर इक राज़ को 
को वक्त नाज़ुक कहीं न पर्दा फाश हो 
शमा रहते ही परवाना जल जाएगा 
@मीना गुलियानी 

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