आसमां खुशियाँ मनाने लगा
गगन से बूँदें बरसाने लगा
धरा की भी चूनर लहराई
काली बदरिया घिरके आई
झूमने लगी यूँ डाली डाली
गाने लगी कोयलिया काली
ठण्डी मस्त चली पुरवाई
मेघों ने बारिश बरसाई
गोरी की गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने जो मारी पिचकारी
सुध बुध उसको बिसरी सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी
गगन से बूँदें बरसाने लगा
धरा की भी चूनर लहराई
काली बदरिया घिरके आई
झूमने लगी यूँ डाली डाली
गाने लगी कोयलिया काली
ठण्डी मस्त चली पुरवाई
मेघों ने बारिश बरसाई
गोरी की गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने जो मारी पिचकारी
सुध बुध उसको बिसरी सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी
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