यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

आएगा मुझे चैन

कई  दिनों  से
मन था परेशान
हुआ  मैं  हैरान
सोचा किससे कहूँ
क्यों  चुप  रहूँ
मन में उलझन
नादां है बचपन
खोए  खोए  हम
कब होगा सवेरा
कब मिटेगा अँधेरा
आएगा मुझे चैन
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें