तुमसे जब दिल हम लगा बैठे
सबको दुश्मन अपना बना बैठे
हर तरफ नफरतों के हैं शोले
जिनको हम कबसे हैं बुझा बैठे
तुझको पाने की एक हसरत में
खुद का हम चैन भी गंवा बैठे
इससे पहले कि बेवफा वो बने
उससे दामन हमीं छुड़ा बैठे
@मीना गुलियानी
सबको दुश्मन अपना बना बैठे
हर तरफ नफरतों के हैं शोले
जिनको हम कबसे हैं बुझा बैठे
तुझको पाने की एक हसरत में
खुद का हम चैन भी गंवा बैठे
इससे पहले कि बेवफा वो बने
उससे दामन हमीं छुड़ा बैठे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें