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शनिवार, 6 जुलाई 2019

प्रतिदान में दे देती है

सदियों से हमेशा पुरुष
स्त्री को छलता आया है
प्राचीन कवियों ने नारी को
छलनामयी माना है जबकि
स्थिति बिलकुल विपरीत है
नारी तो स्वभाव से ही कोमल
दयावान, भोली भाली होती है
वो निष्कपट रूप से सहज ही
पुरुष पर विश्वास करके
अपना सर्वस्व उसके प्रेम
के प्रतिदान में दे देती है
@मीना गुलियानी 

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