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शनिवार, 12 दिसंबर 2020

जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है

मुझे  जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है 

लेकिन ये बंदिश भी मुझे तुम्हारे प्रेम से है 

जो अपनी तरफ खींच लेती है ये कशिश है 

जो मुझे जीने की आरजू लगती है वरना 

इस तरह कोई कैसे बंदिश में रहेगा मगर 

मुझे तुम्हारी ये कैद पसंद  है क्योंकि एक 

पंछी को जैसे अपने पिंजरे से मोह होता है 

उसी तरह इस बंदिश से मोह गया है 

@मीना गुलियानी 

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