कई दिनों से
मन था परेशान
हुआ मैं हैरान
सोचा किससे कहूँ
क्यों चुप रहूँ
मन में उलझन
नादां है बचपन
खोए खोए हम
कब होगा सवेरा
कब मिटेगा अँधेरा
आएगा मुझे चैन
@मीना गुलियानी
मन था परेशान
हुआ मैं हैरान
सोचा किससे कहूँ
क्यों चुप रहूँ
मन में उलझन
नादां है बचपन
खोए खोए हम
कब होगा सवेरा
कब मिटेगा अँधेरा
आएगा मुझे चैन
@मीना गुलियानी