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बुधवार, 3 जून 2015

माता की भेंट - 86



मेरी मैया जी तेरा नाम लूँ 
किरपा करो सुबो - शाम लूँ 

भवन सुनहरी मैया तेरा , ऊँचा नाम है मैया तेरा 
दुनिया के सब नाते झूठे , सच्चा सहारा माँ इक तेरा 

जग के धन्धो से माँ छुड़ाना ,  हर आफत से माता बचाना 
मुझको माता शरण लगाना, बिगड़ी बात को आप बनाना 

मन की मुरादे तुमसे पाऊँ , दिल में प्रेम की जोत जलाऊँ 
करना कृपा मैया जी मुझ पर,, इक पल भी न तुझे बिसराऊँ 

शेर सवारी लगती प्यारी , ध्यानू भगत की बिगड़ी सवारी 
तेरे दर पे खड़ी दुखियारी , सुनले मेरी मात प्यारी 

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