यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 4 जुलाई 2020

प्रिय सैनिक

प्रिय सैनिक
मुझे तुम पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।  यह तो ईश्वर ही जानता है कि तुम कितनी मुसीबतें उठाते हो।  घर परिवार से  बहुत दूर रहते हो।  तुम्हारे कंधो पर  परिवार का देश के सम्मान  बोझ है  जिसे तुम हँसकर उठाते हो    तुम अदम्य शक्ति रखते हो।  तुम्हारे भीतर साहस का जोश भरा हुआ है दुश्मनों से  लोहा लेने के  लिए हर पल तैयार रहते हो।  घर गृहस्थी सब छोड़कर देश की सीमा पर दुश्मन से टक्कर लेने के लिए तैनात रहते हो।  कितने तक तुम्हें खाना  नहीं मिल पाता  तो भी मातृभूमि  रक्षा के लिए रण में जूझ पड़ते हो।  कुछ तुम्हारे दोस्त बलिवेदी पर चढ़ जाते हैं।   बलिदान  व्यर्थ कभी नहीं जाता। भारत सरकार  शहीद परिवार की सहायता करती है।  मै  चाहती हूँ तुम्हारा नाम गर्व से  लिया जाए। 
तुम्हारा हित चाहने वाली 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें