यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 24 नवंबर 2020

अब भी वक्त है

अब भी वक्त है सम्भल जाओ 

नहीं तो सब तुम्हें ढूँढ़ते रहेंगे 

शराब के ठिकाने पर तम्हे 

सब हिकारत से देखेंगे 

मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें