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मंगलवार, 9 जनवरी 2018

प्रेम का एहसास देते हैं

कुछ रिश्ते अनायास ही जुड़ जाते हैं
एक कच्चे धागे से ही बँध जाते हैं

ज़रूरत नहीं होती झूठी रिवायतों की
न ही इन्हें परम्पराओं में कसने की

ज़रूरत नहीं होती रोपने और सींचने की
ज़रूरत नहीं पड़ती खोखले रिवाज़ों की

फिर भी ये रिश्ते वटवृक्ष जैसे पनपते हैं
मन को सुकून प्रेम का एहसास देते हैं
@मीना गुलियानी 

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