तोमर छंद :-
तोमर एक सम मात्रिक छंद है। सम मात्रिक इसलिए है क्योकि इसके चारो चरणो
में मात्राओ की संख्या समान होती है। इसके प्रत्येक चरण में 12 मात्राएँ होती है।
अंत में गुरु और लघु आता है।
लक्षण:- द्वादस कल ग ल तोमर --------- 12 मात्राएँ -
उदाहरण :-
सुनी राम चन्द्र कुमार
धनु आनिये याहि बार
पुनि बेगि ताहि चढ़ाय
यश लोक लोक बढ़ाय
व्याख्या :-
तोमर में कुल 12 मात्राएँ होती है। अंत में गुरु लघु होता है। उपर्युक्त
उदाहरण में कुल 12 मात्राएँ प्रत्येक चरण में है अंत में गुरु लघु अाने
से तोमर छंद है।
तोमर एक सम मात्रिक छंद है। सम मात्रिक इसलिए है क्योकि इसके चारो चरणो
में मात्राओ की संख्या समान होती है। इसके प्रत्येक चरण में 12 मात्राएँ होती है।
अंत में गुरु और लघु आता है।
लक्षण:- द्वादस कल ग ल तोमर --------- 12 मात्राएँ -
उदाहरण :-
सुनी राम चन्द्र कुमार
धनु आनिये याहि बार
पुनि बेगि ताहि चढ़ाय
यश लोक लोक बढ़ाय
व्याख्या :-
तोमर में कुल 12 मात्राएँ होती है। अंत में गुरु लघु होता है। उपर्युक्त
उदाहरण में कुल 12 मात्राएँ प्रत्येक चरण में है अंत में गुरु लघु अाने
से तोमर छंद है।