रोला :-
लक्षण :-
रोला में चौबीस कला यति ग्यारह तेरह
व्याख्या :-
यह सम -मात्रिक छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में चौबीस मात्राएँ होती है।
ग्यारह और तेरह पर होती है।
उदाहरण :-
जीती जाती हुई जिन्होंने भारत बाजी
जिन बल से मलमेट विधर्मी मुगल कुरली
जिसके आगे ठहर सके जंगी न जसजी
है ये वही प्रसिद्ध छत्रपति भूप शिवाजी
उदाहरण :-
हे देवो यह नियम सृष्टि में सदा अटल है
रह सकता है वही सुरक्षित जिसमें बल है
निर्बल का है नहीं जगत में कहीं ठिकाना
रक्षा साधन उसे प्राप्त हों चाहे नाना
व्याख्या:- इसमें प्रत्येक चरण में चौबीस मात्राएँ है तथा ग्यारह या तेरह मात्राओं के बाद
यति आई है अत: यहाँ पर रोला छंद है।
लक्षण :-
रोला में चौबीस कला यति ग्यारह तेरह
व्याख्या :-
यह सम -मात्रिक छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में चौबीस मात्राएँ होती है।
ग्यारह और तेरह पर होती है।
उदाहरण :-
जीती जाती हुई जिन्होंने भारत बाजी
जिन बल से मलमेट विधर्मी मुगल कुरली
जिसके आगे ठहर सके जंगी न जसजी
है ये वही प्रसिद्ध छत्रपति भूप शिवाजी
उदाहरण :-
हे देवो यह नियम सृष्टि में सदा अटल है
रह सकता है वही सुरक्षित जिसमें बल है
निर्बल का है नहीं जगत में कहीं ठिकाना
रक्षा साधन उसे प्राप्त हों चाहे नाना
व्याख्या:- इसमें प्रत्येक चरण में चौबीस मात्राएँ है तथा ग्यारह या तेरह मात्राओं के बाद
यति आई है अत: यहाँ पर रोला छंद है।
La
जवाब देंहटाएंKya isme veer ras hai(1st example)
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