दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
हाल न मेरा कोई जाने
घायल की गति घायल जाने
तेरे सिवा न भाये दूजा
करूँ मैं निशदिन तेरी ही पूजा
सिमरूँ तुझे मैं शाम सवेरे
छाये हैं चारों ओर अँधेरे
दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
हाल न मेरा कोई जाने
घायल की गति घायल जाने
तेरे सिवा न भाये दूजा
करूँ मैं निशदिन तेरी ही पूजा
सिमरूँ तुझे मैं शाम सवेरे
छाये हैं चारों ओर अँधेरे
दर्शन मांगू देयो प्रभु मेरे
कल जिंदगी की झलक देखी
मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी
मैंने उसे ढूँढा था यहाँ वहाँ
वो हंसकर गुनगुना रही थी
कितने समय बाद पाया मैंने भी करार
कितने प्यार से मुझे थपथपा रही थी
क्यों खफ़ा रहते हैं सबब बतला रही थी
जिंदगी दर्द देके जीना सीखा रही थी
चोट खा के भी मुस्कुराना पड़ेगा
रट रट भी हमे गाना पड़ेगा
हँसी का नाम ही तो जिंदगी है
जीने का सलीका सीखा रही थी
@मीना गुलियानी
कितनी चंचल है नदी की ये धारा
इस पार से उस पार जाती तो है
दिल का दिया भी बुझने को है
लाओ चिंगारी इसकी बाती तो है
लहरों का अस्तित्व मिटने से पहले
सागर के तट पर टकराती तो है
संध्या ने ओढी है काली चुनरिया
फिर रात के बाद भोर आती तो है
@मीना गुलियानी