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सोमवार, 25 जनवरी 2021

जिंदगी

कल जिंदगी की झलक देखी 

मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी 

मैंने उसे ढूँढा था यहाँ वहाँ 

वो हंसकर गुनगुना रही थी 


कितने समय बाद पाया मैंने भी करार 

कितने प्यार से मुझे थपथपा रही थी 

क्यों खफ़ा रहते हैं सबब बतला रही थी 

जिंदगी दर्द देके जीना सीखा रही थी 


चोट खा के भी मुस्कुराना पड़ेगा 

रट रट भी हमे गाना पड़ेगा 

हँसी  का नाम ही तो जिंदगी है 

जीने का सलीका सीखा रही थी 

@मीना गुलियानी 

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