ओ मेरे गौरी पुत्र गणेश
आके काटो मेरे क्लेश
आप भी आओ संग रिद्धि सिद्धि को लाओ
गौरां संग लाओ जी महेश -----------
आप भी आओ शुभ लाभ जी को लाओ
मेटो मेरे गृह क्लेश -----------------
लड्डू का भोग लगाऊँ प्रेम से तुझे बुलाऊँ
कृपा तुम करना विशेष -----------------
चंदा का पलना बनाऊँ ममता की लोरी गाऊंँ
झुलाऊँ गौरी नंदन गणेश -----------------
दूब का बिछौना बनाऊँ प्रेम से तुझे सुलाऊँ
जगा दो आज मेरा विवेक ------------------
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