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शनिवार, 21 मार्च 2020

शुक्रिया जिंदगी

आज बड़ी मुद्द्त के बाद
जिंदगी को देखने जांचने को
अपनी डायरी के पन्ने पलटे
 वो तो काफी बदल गई
उसकी गुलाबी रंगत अब
ढलकर थोड़ी सांवली हो गई
चेहरे की लकीरें खिंची दिखीं
माथे की कुछ सिलवटें भी
उभरने लगी मुझसे वो
उम्र दराज होने की कुछ
चुगली सी करने लगी थी
लेकिन इस पड़ाव तक
कितनी खुशनुमा जिंदगी
हमने भी जी ली थी
अब किसी बात का मुझे
कोई अफ़सोस ही नहीं है
अब भी वो पल जब
याद आते हैं तो मुझे
वो ख़ुशी से भरे हुए
छलकते पैमाने  ख़ुशी से
लबरेज़ कर  देते हैं शुक्रिया जिंदगी
@मीना गुलियानी 

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