यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 7 मार्च 2020

रात गुज़र जाती है यूँ

रात गुज़र जाती है यूँ
तेरे इंतज़ार में जब
तू दबे पाँव आती है
जुल्फों से महक आती है
साँसे कुछ कह जाती हैं
सितारे झिलमिलाते हैं
मिलके चाँद से गाते हैं
प्यार का इज़हार करते हैं
लम्हे यूँ भी गुज़रते हैं
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें