यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 22 मार्च 2020

काम की हैं तन्हाइयां

बीते समय की परछाई बनती हैं तन्हाइयां
बिछुड़े हुए मिलाती काम की हैं तन्हाइयां
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें