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शनिवार, 18 जुलाई 2015

मत्तगयन्द सवैया

मत्तगयन्द  सवैया :-

लक्षण :-          सात भगण  मिला  गुरु  दो  कह  दो  तब  मत्तगयन्द  सवैया

व्याख्या :-
                       यह समवृत  है।   इसमें सात भगण और दो गुरु के क्रम से 23 वर्ण होते है।
उदाहरण :-

                      या  लकुटी  अरु  कामरिया  पर  राज  तिहूँपुर  को  तजि  डारो

                       आठहु  सिद्धि  नवो  निधि  को  सुख  नन्द की गाय  चराय बिसारों

                       रसखान कबौ इन आँखिन ते ब्रज के बन बाग़ तड़ाग  निहारो

                       कोटिन हू  कलधौत के धाम  करील के  कुंजन  ऊपर  वारों

व्याख्या :-
                       इसमें सात भगण और दो गुरु के क्रम से 23  वर्ण आने से यहाँ  मत्तगयन्द

                       सवैया है। 

4 टिप्‍पणियां:

  1. तडाग का यहाँ क्या अर्थ है किशोरी अमोनकर ने फिल्म द्रिष्टि (१९६०) में गीत गाया है 'अब जिव उठे तडाग ते सब बिथुरा बिथुरा रे' गीत विनोद देव ने लिखा है, बहुत कठिन हिंदी है, समझना मुश्किल है मेरे लिए

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. तालाब. टंकण त्रुटि हेतु खेद है.

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