Meena's Diary
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सोमवार, 5 अगस्त 2019
जी न पायेँगे
सच तुम सुन न सकोगे
झूठ हम कह न पायेंगे
अच्छा होगा ये अफ़साने
यहीं पर दफन हो जाएँ
वरना हम जी न पायेँगे
@मीना गुलियानी
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