एक तुम ही तो थे जिसने मुझे सम्भाला
जीवन की हर आफत से बाहर निकाला
जिन्दगी पर तुम्हारे ऐहसान बहुत हैं
कुछ हम भी अभी तक नादान बहुत हैं
@मीना गुलियानी
जीवन की हर आफत से बाहर निकाला
जिन्दगी पर तुम्हारे ऐहसान बहुत हैं
कुछ हम भी अभी तक नादान बहुत हैं
@मीना गुलियानी
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