जाने वो सुबह कब आएगी
जब एक औरत अबला न कहलायेगी
सामना वो करेगी भूखे भेड़ियों का
हवस के पुजारियों का कब वो
अपनी अस्मत इनसे बचा पायेगी
अब वक्त वो आ चुका जब वो
खुद ही दुर्गा बन तलवार उठायेगी
@मीना गुलियानी
जब एक औरत अबला न कहलायेगी
सामना वो करेगी भूखे भेड़ियों का
हवस के पुजारियों का कब वो
अपनी अस्मत इनसे बचा पायेगी
अब वक्त वो आ चुका जब वो
खुद ही दुर्गा बन तलवार उठायेगी
@मीना गुलियानी
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