तुम्हें कुछ बताना चाहती थी
फिर भी वो बातें नहीं लिखी
तुमसे कई बातें छुपाकर रखीं
ताकि तुम्हें पढ़कर दुःख न हो
तुम्हारे दिल को ठेस न लगे
तुम्हारे एहसास मैं जानती हूँ
इसलिए चुपचाप सहन किया
चाहकर भी उन्हें नहीं लिखा
@मीना गुलियानी
फिर भी वो बातें नहीं लिखी
तुमसे कई बातें छुपाकर रखीं
ताकि तुम्हें पढ़कर दुःख न हो
तुम्हारे दिल को ठेस न लगे
तुम्हारे एहसास मैं जानती हूँ
इसलिए चुपचाप सहन किया
चाहकर भी उन्हें नहीं लिखा
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें